सहकारिता मंत्रालय
पेट्रोल/डीजल पंपों और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पीएसीएस
Posted On:
11 MAR 2025 5:47PM by PIB Delhi
सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को खुदरा पेट्रोल/डीजल पंपों और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के प्रचालन की अनुमति प्रदान कर दी है। खुदरा पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के लिए संयुक्त श्रेणी 2 (सीसी-2) और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए संयुक्त श्रेणी (सीसी) के तहत पीएसीएस को प्राथमिकता देने के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है जिसके तहत 1 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, पीएसीएस को अपने थोक उपभोक्ता पंपों को खुदरा आउटलेट में परिवर्तित करने के लिए भी वन- टाइम विकल्प भी दिया गया है, जिसके लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पीएसीएस तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा खुदरा पेट्रोल/डीजल पंपों और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए जारी विज्ञापनों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं, जो आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाता है। आवेदन प्रक्रिया में तेजी लाने और पूरी प्रक्रिया की पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों तथा तेल विपणन कंपनियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।
दिशा-निर्देशों में उल्लिखित पात्रता मानदंड पीएसीएस को खुदरा पेट्रोल/डीज़ल पंपों और एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के प्रचालन के लिए पंजीकरण, भूमि की उपलब्धता व वित्तीय स्थिति से संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत करना अनिवार्य है। तदनुसार, इन शर्तों को पूरा करने वाली पीएसीएस पर तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा चयन के लिए विचार किया जाता है।
पीएसीएस को पेट्रोल/डीजल पंपों और एलपीजी वितरण एजेंसियों के प्रचालन की अनुमति प्रदान करने से किसानों व ग्रामीण समुदायों को कई लाभ मिलते हैं। इस पहल का उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में ईंधन की पहुंच को बढ़ाना, कृषि यंत्रों के लिए ईंधन की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जिससे किसानों के लिए परिचालन में देरी और लागत को कम किया जा सके। पीएसीएस द्वारा प्रचालित एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को सस्ती और आसानी से सुलभ रसोई गैस उपलब्ध कराना है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो। इसके अतिरिक्त, ये व्यवसाय पीएसीएस के लिए नए राजस्व स्रोतों का सृजन करेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करके उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे। यह पहल ग्रामीण आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो ग्रामीण आजीविका और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में सहकारी समितियों की भूमिका को मजबूत करता है।
यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2111084)