सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
संसद प्रश्न: वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य योजना
Posted On:
12 MAR 2025 3:54PM by PIB Delhi
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) ने भारत की आबादी के 40 प्रतिशत हिस्सा यानी 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों के लक्ष्य के साथ माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर का प्रावधान किया है।
29 अक्टूबर 2024 को, सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार लाभ प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का विस्तार किया। एबी पीएम-जेएवाई का लाभ 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी पात्र वरिष्ठ नागरिकों का नामांकन आवेदन-आधारित प्रक्रिया है। नामांकन मोबाइल फोन एप्लिकेशन (आयुष्मानऐप), वेब पोर्टल (beneficiary.nha.gov.in) या पास के सूचीबद्ध अस्पताल या कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए किया जा सकता है। उपर्युक्त एप्लिकेशन में स्व-पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध है।
सामान्य चिकित्सा, सामान्य सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी आदि सहित 27 विशेषताओं में 1,961 उपचार प्रक्रियाओं के अनुरूप माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र लाभार्थी परिवार को 5 लाख रुपये का मुफ्त उपचार लाभ मिलता है। एबी पीएम-जेएवाई के तहत सभी पात्र लाभार्थी 13,473 निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं सहित 30,201 से अधिक सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क के माध्यम से उपचार का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, आयुष्मान वय वंदना कार्ड लाभार्थियों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1800-110-770 उपलब्ध है, जहां वे मिस्ड कॉल दे सकते हैं या लाभार्थी किसी भी सहायता/प्रश्नों के लिए 24x7 कॉल सेंटर (14555) पर कॉल कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने एबी पीएम-जेएवाई के तहत अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए अस्पताल पैनल और प्रबंधन (एचईएम) दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य एक राज्य का विषय है, इसलिए आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की जिम्मेदारी वाले राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों (एसएचए) को कमी वाले क्षेत्रों के लिए अस्पताल पैनल मानदंड बदलने की छूट दी गई है।
यह जानकारी आज केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/वीएस
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