इस्‍पात मंत्रालय
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अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं  

Posted On: 11 MAR 2025 4:14PM by PIB Delhi

इस्पात मंत्रालय लौह एवं इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और देश की इस्पात कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘लौह एवं इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने’ नामक एक अनुसंधान एवं विकास योजना संचालित कर रहा है। हितधारकों अर्थात सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और अकादमिक संस्थानों द्वारा सहयोगात्मक अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत शामिल अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों/प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में इस्पात सेक्‍टर द्वारा सामना किए जाने वाले सामान्य मुद्दों जैसे कि दक्षता, गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार, अपशिष्टों का उपयोग, ऊर्जा दक्षता में सुधार, जीएचजी उत्सर्जन में कमी, प्राकृतिक संसाधनों का लाभकारी प्रसंस्‍करण आदि को संबोधित करने के लिए नवीन प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए अनुसंधान शामिल है।

इस्पात मंत्रालय की आरएंडडी योजना के तहत 11 आरएंडडी परियोजनाएं हैं, जिनका उद्देश्य इस्पात उद्योग के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। इन आरएंडडी परियोजनाओं का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

इस्पात मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास योजना के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का विवरण, जिसका उद्देश्य इस्पात उद्योग के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है

 

क्र. सं.

परियोजना का नाम

लागू करने वाली एजेंसी

1

गैस आधारित डीआरआई और हाइड्रोजन आधारित डीआरआई का पिघलना एवं शोधन व्यवहार

आईआईटी बॉम्बे

2

कार्बन मोनोऑक्‍साइड और हाइड्रोजन के साथ लौह ऑक्साइड की कमी के दौरान नियंत्रण संबंधी एक तुलनात्मक अध्ययन - लौह और इस्पात विनिर्माण के डीकार्बोनाइजेशन पर प्रभाव

आईआईटी बॉम्बे

3

हाइड्रोजन आधारित डीआरआई उत्पादन के लिए प्रक्रिया सिमुलेशन का उपयोग करके डिजाइन और ऑपरेटिंग मापदंडों का मूल्यांकन: (1) एक सतत वर्टिकल शाफ्ट रिएक्टर (2) एक वर्टिकल बैच रिएक्टर में

आईआईटी बॉम्बे एवं

आईआईटी भुवनेश्वर

4

रोटरी भट्ठी डीआरआई के निर्माण में रिडक्टेंट और ईंधन के रूप में कोयला-बायोमास मिश्रण की जांच, इसमें कार्बन डाइऑक्‍साइड का शमन होता है

आईआईटी हैदराबाद

5

डीआरआई शाफ्ट रिएक्टर के 3डी मल्टीफिजिक्स मॉडलिंग के साथ-साथ भिन्न-भिन्न हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्‍साइड अनुपात के साथ डीआरआई के उत्पादन के लिए प्रक्रिया मापदंडों को अनुकूलित करने के लिए एक प्रयोगशाला/पायलट स्केल की स्थापना की गई

आईआईटी खड़गपुर

6

हाइड्रोजन को रिडक्टेंट के रूप में प्रयोग करके रोटरी भट्ठी में डीआरआई प्रक्रिया का विकार्बनीकरण

आईआईटी रुड़की

7

एक स्‍थायी, कम ऊर्जा खपत वाली और मॉड्यूलर सीओ2 कैप्चर और खनिजीकरण प्रौद्योगिकी का डिजाइन तैयार करना

आईआईटी बॉम्बे

8

सरल इलेक्ट्रोकैटेलिटिक सीओ2 से सीओ कन्‍वर्जन प्रौद्योगिकी विकसित करना

आईआईटी बॉम्बे

9

सीओ2 का सीओ में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रोकैटेलिटिक कन्‍वर्जन और और इसका आगे मूल्यवर्धन

आईआईटी बॉम्बे

10

लौह निर्माण प्रक्रिया में सीओ2 फुटप्रिंट को कम करने के लिए ब्लास्ट फर्नेस टॉप गैस उपयोग के लिए सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइजर सेल और शॉर्ट स्टैक का विकास

सीएसआईआर, सीजीसीआरआई कोलकाता

11

फ्लू गैस से सीओ2, सीओएक्‍स और एनओएक्‍स को एक साथ हटाना तथा उनका कैटलिटिक कन्‍वर्जन ईंधन और मूल्यवर्धित उर्वरकों में

सीएसआईआर, आईएमएमटी भुवनेश्वर

केन्‍द्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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