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संसद प्रश्न: कौशल विकास के लिए नई पहल

Posted On: 11 MAR 2025 12:14PM by PIB Delhi

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मंत्रालय का बजटीय आवंटन 4,417.03 करोड़ रुपये है और अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 5,272 करोड़ रुपये है। बजटीय आवंटन में मुख्य वृद्धि उत्पादन लिंक्ड स्कीम (पीएलआई) के तहत यानी 45 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2024-25) से 1,148 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025-26), जूट टेक्सटाइल्स विकास (एनजेबी) के तहत 50 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2024-25) से 90 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025-26), केंद्रीय रेशम बोर्ड के तहत 900 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2024-25) से 956.84 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025-26) तक की गई है।

सरकार ज़ीरो-रेटेड निर्यात के सिद्धांत को अपनाकर प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए परिधान/वस्त्र और मेड-अप के लिए राज्य और केंद्रीय करों तथा शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना लागू कर रही है। इसके अलावा, आरओएससीटीएल योजना के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए वस्त्र उत्पादों को अन्य उत्पादों के साथ-साथ निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट (ऐरओडीटीईपी) के अंतर्गत शामिल किया जाता है। इसके अलावा, सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों आदि के आयोजन और उनमें भाग लेने के लिए वाणिज्य विभाग द्वारा कार्यान्वित बाजार पहुंच पहल योजना के तहत विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों और व्यापार निकायों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

एनटीटीएम (घटक IV) के तत्वावधान में वस्त्र मंत्रालय का लक्ष्य 50,000 लोगों को प्रशिक्षित करना है, जिसमें पूर्व स्नातक, अकुशल श्रमिक, कौशल उन्नयन या पुनः कौशल प्राप्ति के इच्छुक पेशेवर तथा तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों में लगे कार्मिक शामिल हैं।

इसके अलावा, वस्त्र मंत्रालय कौशल योजना को भी लागू कर रहा है जिसे आम तौर पर समर्थ के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य संगठित वस्त्र और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करने और पूरक बनाने के लिए मांग-संचालित, रोजगार-उन्मुख राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप कौशल कार्यक्रम प्रदान करना है। इसमें कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्रों की पूरी मूल्य श्रृंखला शामिल है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 330 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है।

सरकार ने 2027-28 तक सात वर्षों की अवधि के लिए 4,445 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्लग एंड प्ले सुविधा सहित विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों पर 7 (सात) पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) पार्कों की स्थापना को मंजूरी दी है।

संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (एटीयूएफएस) जनवरी 2016 में शुरू की गई थी जो 31 मार्च, 2022 तक वैध थी। वर्तमान में 31.03.2022 तक उत्पन्न यूआईडी के लिए एटीयूएफएस के तहत केवल प्रतिबद्ध देनदारियों का निपटान किया जा रहा है और वस्त्र मशीनरी के आधुनिकीकरण के लिए अगले वित्तीय वर्ष के लिए 635 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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