पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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पोत परिवहन मंत्रालय ने सितम्बर 2025 तक 150 परियोजनाएं पूरी करने का लक्ष्य रखा


श्रीनगर में चिंतन शिविर में आत्मनिर्भर समुद्री क्षेत्र के मार्ग का नक्शा तैयार

 केन्द्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "भारत 4 मिलियन जीआरटी की अतिरिक्त जहाज निर्माण क्षमता के साथ 2047 तक दुनिया के शीर्ष 5 जहाज निर्माण देशों में शामिल होने की ओर अग्रसर"

Posted On: 08 MAR 2025 8:22PM by PIB Delhi

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने भारत की नीली अर्थव्यवस्था की छिपी हुई संभावना को बाहर लाने के लिए समाधानों का मूल्यांकन, पुनर्निर्धारण, खोज और लागू करने के उद्देश्य से श्रीनगर में दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर, 2025’ का आयोजन किया। केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय की 2 ट्रिलियन रुपये की लागत वाली परियोजनाओं की समीक्षा की और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद सितम्‍बर, 2025 तक कम से कम 150 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा।

इस कार्यक्रम में भारत की जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमताओं को मजबूत करने, समुद्री बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय और डिजिटल समाधानों में सुधार करने और हरित, अधिक टिकाऊ शिपिंग उद्योग को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्‍द्रित किया गया। समुद्री अमृत काल विजन (एमएकेवी) 2047 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर जोर दिया गया। इस संबंध में चिंतन शिविर में प्रमुख घोषणाएँ की गईं, जिनका नीचे उल्लेख किया गया हैं:

  • अगले छह महीनों के भीतर पूरा करने के लिए कुल 150 पहलों/परियोजनाओं की पहचान की गई, जिसकी समय सीमा 6 सितम्बर, 2025 निर्धारित की गई है।
  • केन्द्रीय मंत्री ने 2047 तक 4 मिलियन सकल पंजीकृत टन (जीआरटी) की अतिरिक्त जहाज निर्माण क्षमता के साथ शीर्ष 5 जहाज निर्माण देशों में शामिल होने के भारत की कल्पना को फिर से दोहराया। उन्होंने राज्य सरकारों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए उपयुक्त नीतियों और कौशल विकास पहलों के निर्माण का निर्देश दिया।
  • भारत कंटेनर शिपिंग लाइन की स्थापना भारतीय शिपिंग निगम (एससीआई) के अंतर्गत की जाएगी।
  • सभी प्रमुख बंदरगाहों को अगले 3 महीनों के भीतर कम से कम 1 ग्रीन टग के लिए निविदा देनी होगी।
  • भारतीय बंदरगाहों पर स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने में तेजी लाने के लिए हार्बर क्राफ्ट ग्रीन ट्रांजिशन प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
  • एक तटीय हरित शिपिंग कॉरिडोर स्थापित किया जाएगा, जिसमें कांडला-तूतीकोरिन कॉरिडोर एससीआई, दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (डीपीए) और वी.ओ. चिदंबरनार पोर्ट अथॉरिटी (वीओसीपीए) के साथ साझेदारी में विकसित होने वाला पहला कॉरिडोर होगा।
  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) जम्मू और कश्मीर में 3 राष्ट्रीय जलमार्गों में ₹100 करोड़ का निवेश करेगा, जिससे क्षेत्र में अंतर्देशीय जल परिवहन और संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
  • सागरमाला विजन का दशक मार्च 2025 में मनाया जाएगा।
  • सागरमाला स्टार्टअप और इनोवेशन इनिशिएटिव (एस2I2) की शुरुआत की जाएगी, साथ ही मैरीटाइम इनोवेशन हब (एमआईएच) की स्थापना की जाएगी।
  • इंडिया पोर्ट्स सर्विसेज लिमिटेड (आईपीएसएल) को सभी प्रमुख बंदरगाहों के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए एंड-टू-एंड सेवाएं प्रदान करेगा।
  • मुंबई इंटरनेशनल क्रूज़ टर्मिनल अप्रैल 2025 तक वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर देगा।
  • सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के सहयोग से सागरमाला डिजिटल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना की जाएगी, ताकि समुद्री क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाया जा सके।

इन पहलों का उद्देश्य बंदरगाहों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, विदेशी निवेश को आकर्षित करना और आर्थिक विकास को गति देना है। सरकार की समुद्री अवसंरचना विकास रणनीति भारत को वैश्विक समुद्री महाशक्ति के रूप में उभारने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की कल्‍पना के अनुरूप है।

इस अवसर पर, केन्द्रीय मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत के समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बंदरगाहों और जलमार्गों का कायाकल्प करने की हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। चिंतन शिविर 2025 नए मानक स्थापित करने, लक्ष्यों की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है कि यह क्षेत्र आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाता रहे। इस चिंतन शिविर में, हमने उल्लेखनीय प्रगति की है क्योंकि हमने विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में देश के समुद्री क्षेत्र के विकास का नक्शा तैयार किया है। इस क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने के लिए समुद्री नवाचार केन्द्रों के साथ सागरमाला स्टार्ट अप इनोवेशन इनिशिएटिव, हार्बर क्राफ्ट ग्रीन ट्रांजिशन प्रोग्राम, सागरमाला डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसे अभिनव कार्यक्रम स्थापित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के उद्देश्य से हमने भारत कंटेनर शिपिंग लाइन स्थापित करने का निर्णय लिया है। भारत 2047 तक दुनिया के शीर्ष 5 जहाज निर्माण देशों में शामिल होने की ओर अग्रसर है। हमारा लक्ष्य जहाज निर्माण उद्योग का विस्तार करना है ताकि हम 4 मिलियन टन के अतिरिक्त सकल पंजीकृत टन भार (जीआरटी) वाले जहाज बना सकें।

चिंतन शिविर 2025 का एक प्रमुख क्षण जम्मू और कश्मीर राज्य में रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आईडब्ल्यूएआई और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना था। देश में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास के लिए नोडल एजेंसी आईडब्ल्यूएआई, जम्मू और कश्मीर के तीन राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जलमार्ग इकोसिस्टम विकसित करेगी। चिनाब नदी (एनडब्ल्यू-26), झेलम नदी (एनडब्ल्यू-49), और रावी नदी (एनडब्ल्यू-84) पर सुचारू परिवहन के लिए बुनियादी ढाँचा विकसित करने के लिए ₹100 करोड़ का निवेश किया जाएगा। यह पहल माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 'विकसित भारत' की कल्पना के अनुरूप क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने और आर्थिक विकास को गति प्रदान करती है। इस समझौते पर केन्द्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर, जम्मू-कश्मीर के मंत्री श्री सतीश शर्मा, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन और आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष श्री विजय कुमार सहित अन्य की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

चिंतन शिविर के बारे में केन्द्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "चिंतन केवल परियोजनाओं और प्रस्तावों के बारे में नहीं है, चिंतन केवल तथ्यों और आंकड़ों के बारे में नहीं है, चिंतन केवल बहस और प्रवचन के बारे में नहीं है, चिंतन केवल समीक्षाओं और रिपोर्टों के बारे में नहीं है। चिंतन कृतज्ञता और आभार के बारे में भी होना चाहिए, चिंतन स्मरण और मान्यता के बारे में भी होना चाहिए। चिंतन केवल भविष्य के रोडमैप के बारे में नहीं होना चाहिए, चिंतन पिछले रिश्तों के बारे में भी होना चाहिए।"

केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने डिजिटलीकरण, एआई-संचालित दक्षता और विश्व स्तरीय समुद्री उद्योग के निर्माण के लिए सर्वोत्तम वैश्विक कार्य प्रणालियों को अपनाते हुए विचारों को चर्चाओं से आगे ले जाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमारी सबसे गौरवपूर्ण उपलब्धियों में से एक 2014 से अंतर्देशीय जलमार्ग कार्गो आवाजाही में 320 प्रतिशत की वृद्धि है। यह अधिक किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और कुशल परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सागरमाला के तहत, हमने बंदरगाह के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया है, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी विकसित की है और समुद्री उद्योग के लिए व्यापार में सुगमता को बढ़ाया है।"

चिंतन शिविर के दूसरे दिन इन चर्चाओं को और आगे बढ़ाया गया, जिसमें बंदरगाहों, शिपिंग, जहाज निर्माण, अंतर्देशीय जलमार्गों में आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और इस क्षेत्र में नीतिगत सुधारों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। शिविर के दौरान सत्रों में बंदरगाह संचालन को अधिक सहज और कुशल बनाने की रणनीतियों की खोज की गई और बंदरगाहों के अंदरूनी इलाकों से संपर्क सुधारने पर चर्चा की गई।

केन्द्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर, सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और प्रमुख समुद्री संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। चर्चा मुख्य रूप से भारत की जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमताओं को मजबूत करने, समुद्री बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय और डिजिटल समाधान बढ़ाने और हरित शिपिंग पहल को आगे बढ़ाने पर केन्द्रित थी। यह कार्यक्रम ‘समुद्री अमृत काल विजन (एमएकेवी) 2047’ के साथ जुड़ा हुआ था।

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एमजी/आरपीएम/केपी


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