सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने शहद मिशन के तहत छह राज्यों में 2,050 मधुमक्खी बक्से और हनी कॉलोनी वितरित कीं


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ में खादी उत्पादों की 12.02 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक बिक्री रही: केवीआईसी अध्यक्ष

Posted On: 08 MAR 2025 1:32PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के लिए नई खादीअभियान को मजबूत करने के लिए, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने दिल्ली में केवीआईसी के राजघाट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये छह राज्यों में 205 मधुमक्खी पालकों को 2,050 मधुमक्खी बक्से, हनी कॉलोनी और टूलकिट वितरित किए।

वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गांवों में मीठी क्रांतिफैलाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी कालोनियों और मधुमक्खी बक्सों का वितरण करने के लिए हनी मिशनशुरू किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि महाकुंभ के दौरान 14 जनवरी से 27 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में एक राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की खादी क्रांतिके परिणामस्वरूप, प्रदर्शनी में 12.02 करोड़ रुपये मूल्य के खादी उत्पादों की ऐतिहासिक बिक्री दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में 98 खादी स्टॉल और 54 ग्रामोद्योग स्टॉल लगाये गए थे, जिनमें सामूहिक रूप से खादी में 9.76 करोड़ रुपये और ग्रामोद्योग उत्पादों में 2.26 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई।

कारीगरों को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष ने याद किया कि 2016 में गुजरात के बनासकांठा के दीसा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्वेत क्रांतिके साथ-साथ मीठी क्रांतिका आह्वान किया था। इससे प्रेरित होकर केवीआईसी ने 2017 में हनी मिशनकी शुरुआत की, जिसके तहत अब तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख मधुमक्खी के बक्से और मधुमक्खी कालोनियां मिल चुकी हैं। उन्होंने आगे बताया कि मन की बातके 75वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने मधुमक्खी पालन के लाभों पर चर्चा की थी, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि शहद के अलावा मधुमक्खी का मोम भी आय का एक प्रमुख स्रोत है। दवा, खाद्य, वस्त्र और कॉस्मेटिक उद्योगों में मधुमक्खी के मोम की बहुत मांग है। इसलिए, अधिक से अधिक किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों के साथ मधुमक्खी पालन को एकीकृत करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि उनके जीवन में मिठास भी आएगी और देश शहद उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।

मधुमक्खी के बक्से, हनी कॉलोनी और टूलकिट वितरण का विवरण नीचे सूचीबद्ध है:

कार्यालय

स्थान

मधुमक्खी बक्शा बक्सा-टूलकिट वितरण

राज्य कार्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश

टीकमगढ़, जिला-टीकमगढ़

400

राज्य कार्यालय, अहमदाबाद, गुजरात

राधनपुर, जिला-पाटन

200

राज्य कार्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

सुंदरबन, जिला- दक्षिण 24 परगना

200

राज्य कार्यालय, पणजी, गोवा

  कैनाकोना, जिला-दक्षिण गोवा

100

आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश

अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर

350

आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश

अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर

350

आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश

अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर

350

 

पंजोखरा, जिला-शामली

350

आंचलिक कार्यालय, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

 

सुल्तानपुरी, जिला- मऊ

300

राज्य कार्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा

सिंधुरिया, राणापुर, जिला- नयागढ़

150

कुल

 

2050

अपने संबोधन में, केवीआईसी के अध्यक्ष ने पिछले 10 वर्षों की खादी क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें जानकारी दी गयी कि खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में पाँच गुना वृद्धि हुई है, जो 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये हो गई है। अकेले खादी वस्त्रों की बिक्री में छह गुना वृद्धि हुई है, जो 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई है और पिछले वित्तीय वर्ष में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले दशक में खादी कारीगरों की आय में 213% की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में 80% से अधिक रोजगार महिलाओं के लिए सृजित हुए हैं।

इस कार्यक्रम में ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों के साथ-साथ मुंबई और दिल्ली के केवीआईसी मुख्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।

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एमजी / केसी / जेके                 


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