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अनुसंधानकर्ता बेहतर, क्षरण-रोधी मिश्रधातुओं के संदर्भ में कार्यरत हैं

Posted On: 06 MAR 2025 3:31PM by PIB Delhi

अनुसंधानकर्ताओं ने क्षरण-रोधी बहु-प्रमुख तत्व मिश्रधातु (एमपीईए) को डिजाइन करने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण विकसित किया है, जिससे उनके इस्‍तेमाल और आगे के अन्वेषण के लिए नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्‍त हुआ है।

एमपीईए एक नई श्रेणी की सामग्री है, जो सिर्फ़ एक या दो नहीं बल्कि कई मुख्य तत्वों से बनी होती है। परंपरागत रूप से, यह माना जाता है कि संरचनागत बदलावों या भंगुर फेजों को जोड़कर मजबूती बढ़ाने से क्षरणकाल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

इन धारणाओं को चुनौती देते हुए, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर के मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. अंकुर चौहान और उनकी टीम ने सीआर-एमएन-एफई-सीओ-एनआई प्रणाली में मिश्र धातुओं के क्षरण में कमी लाने (एलसीएफ) पर जोर देने में दो महत्वपूर्ण सूक्ष्म संरचनात्मक विशेषताओं की भूमिका का व्यवस्थित रूप से पता लगाया।

सीआर/एनआई अनुपात को समायोजित करके, उन्होंने अलग-अलग एसएफई के साथ दो एकल-चरण फेस-सेंटर्ड क्यूबिक (एफसीसी) एमपीईए को संश्लेषित किया। कम- एसएफई वाले मिश्रधातु ने तुलनात्मक क्षरणकाल को बनाए रखते हुए, उच्च- एसएफई मिश्रधातु की तुलना में 10-20 प्रतिशत अधिक मजबूती दर्शायी। यह सुधार उच्च- एसएफई मिश्रधातु की तुलना में कम- एसएफई वाले मिश्रधातु में यह व्‍यवधान संबंधी संरचनाओं के विलंबित विकास और दरार में कमी  के कारण है।

इसके अतिरिक्त, टीम ने एक दोहरे चरण वाला मिश्रधातु विकसित किया, जिसने एकल-चरण वाले निम्न- एसएफई वाले मिश्रधातु की तुलना में समान क्षरणकाल को बनाए रखते हुए मजबूती में 50-65 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित की।

इस बढ़े हुए क्षरणरोध का कारण सूक्ष्‍म व्‍यवधान संबंधी संरचनाएं, कम आकार के कणों से उच्चतर बैक स्‍ट्रेस, भंगुर अवक्षेपों द्वारा दरार का विक्षेपण, तथा क्षरण के लिए जिम्‍मेदार दरारों के आसपास व्यापक विरूपण देखा जाता है, जो फिसलन गतिविधि और दरार के धीमे प्रसार को पूरक बनाते हैं।

ये निष्कर्ष संरचनात्मक इस्‍तेमाल के लिए निहितार्थ के साथ एकल-चरण और दोहरे-चरण वाले क्षरण-रोधी एमपीईए दोनों को डिजाइन करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं। विरूपण और क्षति तंत्र में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करके, यह कार्य इस बात की समझ को आगे बढ़ाता है कि एसएफई और द्वितीयक भंगुर चरण वाले एमपीईए के यांत्रिक गुणों को कैसे प्रभावित करते हैं, जिससे जटिल मिश्र धातु प्रणालियों में आगे के अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होता है। यह कार्य भारत सरकार के तहत एक वैधानिक निकाय, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन द्वारा समर्थित है।

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एमजी/केसी/एसकेएस/एमबी


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