निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग पदाधिकारियों को सभी स्तरों पर निरंतर क्षमता निर्माण के लिए डिजिटल प्रोत्साहन प्रदान करता है
प्रत्येक हितधारक के लिए स्व-गति से सीखने में सहायता के लिए एनिमेटेड वीडियो, ऑडियो पुस्तकें और ई-पुस्तकें
सूचना और सेवाओं के प्रवाह को सुव्यवस्थित करने के लिए एकीकृत आईटी डैशबोर्ड
Posted On:
05 MAR 2025 5:58PM by PIB Delhi
आईआईआईडीईएम में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के सीईओ का दो दिवसीय सम्मेलन आज नई दिल्ली में संपन्न हुआ। सम्मेलन का परिणाम मौजूदा वैधानिक ढांचे और समय-समय पर जारी ईसीआई निर्देशों के अनुसार पहचाने गए 28 हितधारकों में से प्रत्येक के लिए एनिमेटेड वीडियो, ऑडियो बुक, ई-बुक और एक एकीकृत डैशबोर्ड जैसी प्रमुख सामग्री उपलब्ध होगी। क्षमता निर्माण के लिए आधुनिक दृष्टिकोण अपनाते हुए, प्रत्येक हितधारक के लिए एनिमेटेड वीडियो का एक कैप्सूल तैयार किया जाएगा, जो उनसे संबंधित चुनावों के सभी पहलुओं को व्यापक रूप से कवर करेगा। ये एनिमेटेड वीडियो प्रत्येक हितधारक के लिए स्व-गति से निरंतर सीखने का आसान माध्यम होंगे।
चुनाव प्रणाली में दक्षता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के दृष्टिकोण और दृढ़ विश्वास के अनुरूप, यह निर्णय लिया गया कि विभिन्न हितधारकों की सुविधा के लिए एक अनुकूलित डैशबोर्ड के साथ एक एकीकृत आईटी आर्किटेक्चर तैयार किया जाएगा। एकल खिड़की प्लेटफ़ॉर्म भूमिका-आधारित पहुंच के साथ सूचना के सुझाव और परिणाम प्रवाह को सुव्यवस्थित करेगा। यह किसी भी मानवीय त्रुटि को कम करने के लिए अंतर्निहित क्रॉस सत्यापन के साथ पदाधिकारियों के बीच संचार को सुचारू बनाएगा।
सम्मेलन के दूसरे दिन, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ प्रमुख सामग्री की समय पर उपलब्धता के लिए प्रत्येक सीईओ द्वारा प्रस्तुत कार्रवाई योग्य बिंदुओं की समीक्षा की। प्रत्येक सीईओ के लिए एक अलग हितधारक नियुक्त किया गया है।
सत्रों ने अपने क्षेत्र के भीतर गलत सूचना और स्थानीय मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सीईओ और डीईओ स्तर पर संचार को मजबूत करने के लिए एक नई ऊर्जा का संकेत दिया। सीईओ ने तेजी से विकसित हो रहे मीडिया परिदृश्य में मतदाताओं के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए सोशल मीडिया पर पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने समापन भाषण में दोहराया कि सभी अधिकारियों को आरपी अधिनियम 1950 और 1951 सहित मौजूदा संवैधानिक और कानूनी ढांचे; निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देश के अनुसार काम करना चाहिए।
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमकेएस
(Release ID: 2108580)
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