स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा ने ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र, नजफगढ़ और आयुष्मान आरोग्य मंदिर, पालम का दौरा किया; मरीजों और चिकित्सा स्टाफ से बातचीत की
श्री नड्डा ने "एक पेड़ माँ के नाम" पहल के तहत दोनों स्वास्थ्य संस्थानों में पौधे रोपे
आरएचटीसी, नजफगढ़ की प्रगति की निगरानी की और संस्थान की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में केंद्र सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया
Posted On:
03 MAR 2025 3:20PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी), नजफगढ़ और आयुष्मान आरोग्य मंदिर, पालम का दौरा किया। इस अवसर पर दक्षिण दिल्ली से सांसद (लोकसभा) श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी और पश्चिमी दिल्ली से सांसद (लोकसभा) श्रीमती कमलजीत सहरावत भी मौजूद थीं।


श्री नड्डा ने दोनों स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों और चिकित्सा स्टाफ से बातचीत की। उन्होंने "एक पेड़ माँ के नाम" पहल के तहत दोनों परिसरों में एक पौधा भी लगाया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आरएचटीसी की प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की और नजफगढ़, उजवा और पालम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-पीएचसी को केंद्र सरकार के अधीन बनाए रखने को मंजूरी दी और 3 माह की एनक्यूएएस और आईपीएचएस प्रमाणन और 6 माह में आरएचटीसी अस्पताल को पूरी तरह शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कौशल विकास पर जोर देते हुए एकीकृत प्राथमिक, माध्यमिक, आयुष और प्रशिक्षण सेवाओं के लिए एक मॉडल के रूप में आरएचटीसी की भूमिका का उल्लेख किया और संस्थान की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में केंद्र सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।

पृष्ठभूमि:
राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ में स्थित ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौशल विकास के साथ-साथ प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। 1937 में एक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित और पिछले कुछ वर्षों में 3 परिसरों (नजफगढ़, पालम और उजवा) में उन्नत किए गए आरएचटीसी को अब प्राथमिक, माध्यमिक, आयुष और कौशल विकास तथा भविष्य में तृतीयक देखभाल के लिए एक मॉडल एकीकृत केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नजफगढ़ में प्राथमिक सेवाओं के विस्तार के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है, जिसमें पहले से ही शुरू की गई माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ भी उपलब्ध होंगी। आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) को एनक्यूएएस से मान्यता दी जाएगी, जिससे घर-घर मानकीकृत, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।
प्राथमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा के बीच व्याप्त अंतर को पाटने के लिए, आरएचटीसी अस्पताल को 183 बिस्तरों वाले सामान्य अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। यह एक अनूठी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था है जो वर्तमान में एक ही परिसर में प्राथमिक, द्वितीयक देखभाल और आयुष सेवाएं प्रदान करती है। यह अस्पताल गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार, आपातकालीन देखभाल और विशेष सेवा समाधान प्रदान करने के लिए तैयार है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लोगों को घर के करीब बेहतर चिकित्सा सुविधाओं तक पहुँच प्राप्त हो।
आरएचटीसी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत आईटी-सक्षम स्वास्थ्य सेवा समाधानों को अपना रहा है, ताकि डिजिटल रूप से सशक्त स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तंत्र बनाकर, दक्षता, पहुंच और रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ाया जा सके।
बढ़ते स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को सहयोग देने के लिए, कौशल विकास और प्रशिक्षण क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। मौजूदा एएनएम स्कूल को विश्व स्तरीय फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स तैयार करने के लिए अपग्रेड किया जाएगा। एएनएम कोर्स 1985 में 20 छात्रों प्रति बैच, लड़कियों के लिए डिप्लोमा कोर्स के साथ शुरू हुआ था। 1985 में एक एएनएम स्कूल भवन भी स्थापित किया गया था। वर्तमान में सालाना 44 छात्रों का चयन किया जाता है, जो एक बार में कुल 88 छात्र होते हैं। आरएचटीसी हर साल आरएचटीसी (44) और लेडी रीडिंग हेल्थ स्कूल (एलआरएचएस) (44) के लिए ऑनलाइन संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है, 2024 में, 88 सीटों के लिए 672 बच्चों ने आवेदन किया। एएनएम स्कूल के लिए प्रिंसिपल और 8 सिस्टर ट्यूटर के पद सृजित किए जा रहे हैं।
नर्सिंग के पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य रूप से ग्रामीण समुदाय में पोस्टिंग की आवश्यकता होती है। ग्रामीण सेटअप, एक समर्पित समुदाय और उपकेंद्रों के साथ आरएचटीसी अनिवार्य इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए दिल्ली नर्सिंग काउंसिल के मानदंडों को पूरा करता है। जिन पाठ्यक्रमों के लिए नर्सिंग इंटर्न आरएचटीसी और इसकी विभिन्न शाखाओं में आते हैं, वे एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग हैं। कुल 19 कॉलेजों के 2821 छात्रों को आरएचटीसी में इसके सभी एएएम और उपकेंद्रों के माध्यम से इंटर्नशिप प्रदान की गई।
नजफगढ़ के एक परिसर में प्राथमिक, माध्यमिक और आयुष सेवाओं को मजबूत करना सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण के प्रति केंद्र सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एलोपैथिक सुविधाओं, स्वदेशी आयुष प्रणाली को कौशल विकास कार्यक्रमों के साथ एकीकृत करने की पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को मजबूत करना, रोगी परिणामों में सुधार करना और भविष्य के लिए एक मजबूत चिकित्सा कार्यबल तैयार करना है।
इन सुविधाओं से नजफगढ़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता में व्यापक सुधार होगा तथा दिल्ली और हरियाणा के आसपास के जिलों के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. मनश्वी कुमार, आरएचटीसी की निदेशक डॉ. जी कौशल्या और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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