वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एएमएफआई शिखर सम्मेलन 2025 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की भारत के विकास में भूमिका पर जोर दिया


श्री गोयल ने उद्योग जगत से छोटे निवेशकों की सुरक्षा करने और बाजार में तेज उतार-चढ़ाव को कम करने का आग्रह किया

विदेशी संस्थागत निवेशक नहीं बल्कि घरेलू निवेशक भारत के भविष्य को आकार देंगे: श्री गोयल

Posted On: 01 MAR 2025 8:12PM by PIB Delhi

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहन देकर उद्योग और निवेशकों तक नवीन वित्तीय विचार पहुंचाकर भारत की विकास कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) म्यूचुअल फंड शिखर सम्मेलन 2025 में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन के दौरान कही।

 

 

मंत्री ने कोविड के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से पैदा की गई कमी को भरने के लिए घरेलू निवेशकों की सराहना की। घरेलू निवेशकों के साथ-साथ एसआईपी जैसे सामूहिक निवेश तरीकों ने बाजार को सहयोग दिया। उन्होंने देश के हर हिस्से में वित्तीय जागरूकता और वित्तीय उत्पादों को फैलाने में मदद की, उन्होंने कहा।

छोटे निवेशकों और अन्य प्रमुख हितधारकों के महत्व की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री गोयल ने उद्योग जगत के नेताओं से शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव को कम करने के तरीकों पर विचार करने का आग्रह किया। बड़े फंड इनफ्लो, पूंजी लगाने के लिए बाजार की मजबूरी, निवेशकों के बीच आकर्षक शेयरों से चूक जाने का डर, राइटसाइजिंग के दौरान निवेशकों के बीच संकट लेकर आया। उन्होंने कहा कि बाजार की एकतरफा राह पर चलने की अंतहीन क्षमता के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएं फैली हैं, और उन्होंने शेयर बाजार के अप्रत्याशित होने को उद्योग और उसके छोटे निवेशकों के लिए एक चेतावनी के रूप में वर्णित किया है।

एएमएफआई को गुमराह निवेशकों को बाकी लोगों से अलग कर अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल की उथल-पुथल के दौरान मजबूत कंपनियों ने शेयर बाजार में उचित कीमतें बनाए रखी हैं। उन्होंने कहा कि बाजार के प्रति इंडस्ट्री के कर्तव्य और जिम्मेदारियां, निवेशकों को कम अवधि में मिलने वाले लाभदायक रिटर्न से कहीं ज्यादा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी खर्च और निजी पूंजीगत व्यय वापसी के संकेत दे रहे हैं।

अपने निवेशकों के प्रति म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए, मंत्री ने प्रतिभागियों से निवेशकों को जोखिम लेने से सावधान करने में अधिक मेहनती होने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल अगले 22 वर्षों तक भारत की विकास गाथा को गति देगी। श्री गोयल ने उद्योग जगत से निवेशकों का समर्थन करने और उन्हें संभालने, वित्तीय समावेशन को एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखने और वित्तीय शिक्षा को अपने कर्तव्य के रूप में लेने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) लगभग 70 लाख करोड़ रुपये है और जल्द ही 100 लाख करोड़ रुपये होने वाला है, जो बाजार पर हावी होगी और घरेलू निवेशक भारत का भविष्य तय करेंगे, कि विदेशी संस्थागत निवेशक। उन्होंने धन निर्माता के रूप में उद्योग के लिए एक निष्पक्ष और संगठित बाजार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

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