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महिला उद्यमिता मंच - उद्यमिता के माध्यम से महिला-नेतृत्व वाले विकास को सक्षम बनाने पर नीति आयोग की राज्य कार्यशाला: मिजोरम में एक उल्लेखनीय सफलता

Posted On: 28 FEB 2025 4:52PM by PIB Delhi

नीति आयोग ने अपने राज्य सहायता मिशन के तहत उद्यमिता के माध्यम से महिला-नेतृत्व वाले विकास को सक्षम बनाने पर तीसरी राज्य कार्यशाला आयोजित की। महिला उद्यमिता मंच (डब्‍ल्‍यूईपी) और मिजोरम सरकार के सहयोग से आयोजित यह कार्यशाला 27 फरवरी 2025 को मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल में हुई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना था और इसमें पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि, मिजोरम के मुख्यमंत्री, श्री लालदुहोमा ने उद्घाटन सत्र में कहा, "मिजोरम में महिला उद्यमियों ने उल्लेखनीय क्षमता और लचीलापन दिखाया है, फिर भी पूंजी और बाजारों तक पहुँच जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। मिजोरम बाना कैह हैंडहोल्डिंग स्कीम जैसी पहलों के माध्यम से, हम कल्याण-संचालित दृष्टिकोण से सशक्तिकरण-आधारित मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं - जहाँ व्यक्ति केवल लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि राज्य की प्रगति में सक्रिय योगदानकर्ता हैं। मैं और अधिक महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, क्योंकि उनका नवाचार और दृढ़ संकल्प मिजोरम के भविष्य को परिभाषित करेगा। सरकार आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की इस यात्रा में उनके साथ खड़ी है।" उन्होंने प्रतिभागियों से डब्‍ल्‍यूईपी प्लेटफ़ॉर्म (www.wep.gov.in) पर पंजीकरण करने और शुरू किए गए सभी कार्यक्रमों से लाभ उठाने का आग्रह किया।

मिजोरम सरकार के श्रम, रोजगार कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग (एलईएसडीई) मंत्री श्री लालनघिंगलोवा हमार ने कहा कि मिजोरम में महिला उद्यमिता मंच (डब्‍ल्‍यूईपी) राज्य अध्याय का शुभारंभ हमारी महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि हमारी महिला उद्यमी वास्तव में इसका लाभ उठाएँ, जिससे राज्य में आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के नए अवसर खुलेंगे।

नीति आयोग के माननीय सदस्य डॉ. विनोद के पॉल ने विकसित भारत 2047 की कल्‍पना के साथ सभा को संबोधित किया, जिसमें भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में महिला उद्यमियों की भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने पूर्वोत्तर में अधिक समावेशी और सहायक उद्यमशीलता इकोसिस्‍टम बनाने के लिए स्थानीय प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार की दूरदर्शी पहलों को डब्‍ल्‍यूईपी के सहयोग से जोड़कर, हम एक स्थायी और समावेशी वातावरण बना रहे हैं जहाँ महिला उद्यमी आगे बढ़ सकती हैं, अपने व्यवसाय को बढ़ा सकती हैं और भारत के आर्थिक परिवर्तन में योगदान दे सकती हैं।"

मिजोरम सरकार के मुख्य सचिव श्री खिल्ली राम मीणा ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला, तथा वित्तीय पहुंच, कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता और संरक्षण के महत्व पर बल दिया।

नीति आयोग की प्रधान आर्थिक सलाहकार और WEP की मिशन निदेशक सुश्री अन्ना रॉय ने कहा:

"महिला उद्यमिता मंच (डब्‍ल्‍यूईपी) बदलाव के लिए एक उत्प्रेरक है, जो महिलाओं के लिए एक मजबूत उद्यमशीलता इकोसिस्‍टम बनाने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाता है। वित्त, बाजार, कौशल और मार्गदर्शन तक पहुंच जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करके, डब्‍ल्‍यूईपी महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है।"

कार्यशाला की मुख्य विशेषताएं :

  1. डब्‍ल्‍यूईपी मिजोरम राज्य अध्याय

महिला उद्यमिता मंच (डब्‍ल्‍यूईपी) ने मिजोरम में अपनी स्‍थानीय शाखा की शुरूआत की, जो पूर्वोत्तर भारत में पहली है। इस पहल का उद्देश्य संसाधन, मार्गदर्शन और व्यावसायिक अवसर प्रदान करके महिला उद्यमियों के लिए क्षेत्रीय समर्थन को मजबूत करना है

  1. पूर्वोत्तर में नई दुकान एटीआर का शुभारंभ

डब्‍ल्‍यूईपी के एवार्ड टू रिवार्ड (एटीआर) के अंतर्गत, खुदरा क्षेत्र में महिला उद्यमियों का सहयोग करने के लिए न्यू शॉप एटीआर कार्यक्रम शुरू किया गया था। एटीआर ने नौ समूहों में 750 से अधिक महिलाओं पर गहरा असर डाला है, उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा किया है और असाधारण प्रदर्शन को पुरस्कृत किया है। खुदरा क्षेत्र में महिला उद्यमियों का सहयोग करने के लिए न्यू शॉप एवार्ड टू रिवार्ड (एटीआर) कार्यक्रम शुरू किया गया था। दस चयनित प्रतिभागियों को गहन प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसमें दो उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।

  1. महिला उद्यमियों को पुरस्कार - प्रोजेक्ट मैत्री

अवार्ड टू रिवॉर्ड पहल के तहत पूर्वोत्तर भारत की उत्कृष्ट महिला होमस्टे उद्यमियों को प्रोजेक्ट मैत्री के तहत सम्मानित किया गया। विजेताओं में मोनिका देवी (इको हेरिटेज विला), लोपमुद्रा भराली (जज्जाबोर विद प्राइवेट किचन) और बरशा शर्मा (नोलिना बुटीक होमस्टे) शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश में शुरू किए गए इस कार्यक्रम में महिलाओं को उनके पर्यटन उद्यमों को बढ़ाने में मदद करने के लिए गहन प्रशिक्षण दिया गया।

  1. डब्‍ल्‍यूईपी ऐप – बीटा संस्करण

महिलाओं के लिए उद्यमशीलता सहयोग को डिजिटल बनाने के लिए डब्‍ल्‍यूईपी ऐप का बीटा संस्करण शुरू किया गया। यह ऐप मेंटरशिप, फंडिंग, संसाधनों और नेटवर्किंग अवसरों तक आसान पहुंच प्रदान करेगा, जिससे महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों के लिए एक मजबूत इकोसिस्‍टम को बढ़ावा मिलेगा।

  1. पैनल चर्चा और कार्यशालाएँ – इसमें सरकारी नीतियां, वित्तीय पहुँच और युवा महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने जैसे विषय शामिल हैं। कार्यशाला में 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें महिला उद्यमी, कॉलेज की छात्राएँ, स्थानीय स्वयं सहायता समूह, सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के नेता, इनक्यूबेटर, वित्तीय संस्थान और परोपकारी संस्थाएँ शामिल थीं। आकर्षक सत्रों ने महिला उद्यमियों की यात्रा को मज़बूत करने के लिए बहुमूल्य जानकारी और ज्ञान प्रदान किया, जबकि सेल्‍को फ़ाउंडेशन द्वारा क्यूरेट किए गए एक तकनीकी अनुभव केन्‍द्र ने पूर्वोत्तर में महिला उद्यमियों द्वारा अभिनव टिकाऊ प्रौद्योगिकी समाधानों का प्रदर्शन किया, साथ ही डोनर, एडीपी और मिज़ोरम सरकार द्वारा आयोजित अन्य प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया।

कार्यशाला की सफलता पूरे भारत में, विशेष रूप से पूर्वोत्तर में महिलाओं के लिए अधिक समावेशी, लचीले और संपन्न उद्यमशील इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए डब्‍ल्‍यूईपी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

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एमजी/केसी/केपी


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