वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित 'भारत कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2025' का उद्घाटन किया


गुणवत्ता प्रबंधन और लघु व्यवसाय को सहायता, स्थिरता, समावेशी विकास, कौशल विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और दक्षता, विकसित भारत 2047 के लिए सहायक होंगे: श्री पीयूष गोयल

Posted On: 27 FEB 2025 3:20PM by PIB Delhi

 

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित 'भारत कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2025' का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री 'विकासशील भारत 2047 का मार्ग: सभी के लिए समृद्धि की ओर अग्रसर' विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता थे। कॉन्फ्रेंस में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे भारत वैश्विक आर्थिक विकास में सबसे आगे खड़ा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। एक मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था, एक बड़े और गतिशील उपभोक्ता बाजार और व्यापार-अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध सरकार के साथ, भारत दुनिया के अग्रणी निवेश स्थलों में से एक बनने के लिए तैयार है।

श्री पीयूष गोयल ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि 1.4 बिलियन लोगों जिनमें से कई महत्वाकांक्षी युवा हैं के देश में अपार अवसर हैं। स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा की गई वकालत के अनुसार देश में  विनिर्माण, कौशल विकास, नवाचार के प्रति गहरी प्रतिबद्धता है, जो वास्तव में भारत को दुनिया का उभरता हुआ निवेश गंतव्य बनाती है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत सहित भारत सरकार की विभिन्न रणनीतिक पहलों ने सामूहिक रूप से राष्ट्र की मानसिकता को लचीला, आत्मनिर्भर और वैश्विक व्यापार में एक बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए तैयार किया है। देश की अर्थव्यवस्था 2047 तक यानी आने वाले दो दशकों को अमृत काल में बदल रही हो। उन्होंने कहा, "हम सामूहिक रूप से एक समृद्ध और विकसित भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री गोयल ने आगे कहा कि भारत तब तक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता जब तक वह अपने कारोबार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नहीं खोलता। इस संदर्भ में उन्होंने विकसित भारत@2047 को साकार करने के लिए पांच प्रमुख कारकों गुणवत्ता प्रबंधन और लघु व्यवसाय का मार्गदर्शन, स्थिरता, समावेशी विकास, कौशल विकास तथा प्रतिस्पर्धा और दक्षता का नाम लिया।

श्री गोयल ने कहा कि भारत गुणवत्ता क्रांति के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अतीत में गुणवत्ता की सबसे बड़ी क्षति रही है। उन्होंने आग्रह किया कि अब समय आ गया है कि व्यवसाय आधुनिक गुणवत्ता मानकों को अपनाएं और सुनिश्चित करें कि हमारा पारिस्थितिकी तंत्र अच्छी गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षित हो और अच्छे विनिर्माण प्रथाओं का पालन करे। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 700 गुणवत्ता नियंत्रण केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि आईएमसी जैसे व्यावसायिक चैंबरों द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण की वकालत करना राष्ट्र के लिए एक बड़ी सेवा होगी। श्री गोयल ने आगे कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण और अपने विनिर्माण प्रथाओं को उन्नत करने के लिए बड़े व्यवसायों द्वारा छोटे व्यवसायों को अपनाना और उनका मार्गदर्शन करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

संधारणीयता के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह व्यापार और वाणिज्य में एक और महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकाचार पारंपरिक रूप से हजारों वर्षों से संधारणीयता के प्रति चेतना को दर्शाता है। वर्तमान समय में संधारणीयता को एक चुनौती के रूप में पहचानना महत्वपूर्ण है, जो ऊर्जा दक्षता के साथ-साथ व्यवसायों के लिए एक फोकस क्षेत्र होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर देश में समावेशी विकास नहीं होगा तो विकास नहीं हो सकता है, जिसके लिए सरकार ने विभिन्न समुदायों के लिए जीवन को आसान बनाने की पहल और देश भर में बुनियादी ढांचे के विकास जैसे लक्षित हस्तक्षेप किए हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने आग्रह किया कि व्यवसायों को बेहतर सीएसआर पहलों के माध्यम से समावेशी विकास के एजेंडे को भी पूरा करना होगा।

श्री गोयल ने कहा कि लोगों के लिए कौशल निर्माण की पहल से अधिक नौकरियां पैदा होंगी और हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि पिछले साल मुंबई के कांदिवली इलाके में पहला अत्याधुनिक कौशल केंद्र शुरू होने के बाद, उत्तरी मुंबई में दो और कौशल विकास केंद्र खुलने वाले हैं।

श्री गोयल ने यह भी आग्रह किया कि कार्यकुशलता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी ताकत पर आगे बढ़ना चाहिए और सब्सिडी, समर्थन, प्रोत्साहन आदि के लिए सरकार पर निर्भर रहने के बजाय आत्मविश्वास के साथ दुनिया से जुड़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि किसी उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मकता नवाचार, विनिर्माण प्रथाओं, कौशल और दक्षता को उन्नत करने के लिए उसकी क्षमता निर्माण पर भी निर्भर करती है।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया की वित्त, व्यापार, रोजगार और प्रशिक्षण मंत्री सुश्री रॉसलिन बेट्स और आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष श्री संजय मारीवाला शामिल थे।

****

एमजी/केसी/केके/एसवी


(Release ID: 2106650) Visitor Counter : 177