कोयला मंत्रालय
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कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में अवसरों और वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी पर कोलकाता में जानकारी कार्यक्रम का आयोजन किया

Posted On: 19 FEB 2025 2:58PM by PIB Delhi

कोयला मंत्रालय ने आज कोलकाता में 'कोयला क्षेत्र में अवसर और वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी' पर एक जानकारी कार्यक्रम (रोड शो) का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त मुख्य अतिथि थे और इस अवसर पर कोयला मंत्रालय की अपर सचिव और नामित प्राधिकारी सुश्री रूपिंदर बरार भी मौजूद थीं। उन्होंने हितधारकों को मदद देने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के दिग्‍गजों, निवेशकों और हितधारकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। इसमें प्रगतिशील सुधारों और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से कोयला क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया।

कोयला मंत्रालय की अपर सचिव एवं मनोनीत अधिकारी सुश्री रूपिंदर बरार ने अपने स्वागत भाषण में निवेशकों को निवेश प्रक्रिया के दौरान उनकी मदद करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया। उन्होंने इस क्षेत्र में आसान मंजूरी प्रक्रियाओं और व्यापार करने में आसानी में निरंतर बढ़ोतरी पर जोर दिया। सुश्री बरार ने कहा कि मंत्रालय सभी हितधारकों के लिए एक निर्बाध निवेश यात्रा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है, जिसे पारदर्शी नियामक ढांचे और त्वरित परियोजना अनुमोदन के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कोयला उपयोग विधियों में विविधता लाने, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और खनन दक्षता बढ़ाने के लिए कोयला गैसीकरण और भूमिगत खनन को बढ़ावा देने वाली सरकार की प्रगतिशील नीतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने ईमानदारी, जवाबदेही और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए सुशासन के लिए मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही, हितधारकों के साथ संवाद, फीडबैक और सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कही।

कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त ने अपने मुख्य भाषण में भारत के कोयला संसाधनों की अप्रयुक्त क्षमता को उजागर करने के मंत्रालय के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह जारी सुधार सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं और सभी हितधारकों को परस्पर लाभ पहुंचा रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि भारत का कोयला क्षेत्र आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा का एक मजबूत चालक बना हुआ है। श्री दत्त ने विभिन्न राज्य सरकारों और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ कोयला मंत्रालय के सक्रिय समन्वय का भी उल्लेख किया, ताकि शीघ्र मंजूरी में तेजी लाई जा सके और रेल मंत्रालय के माध्यम से लॉजिस्टिक्‍स सहायता बढ़ाई जा सके। उन्‍होंने यह भी बताया कि आगामी नीलामी में भूमिगत खनन को भी जगह मिलेगी, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम रखते हुए कोयला निष्कर्षण के लिए एक टिकाऊ और कुशल दृष्टिकोण पेश किया जा सकेगा।

उन्होंने निजी कंपनियों से आग्रह किया कि वे न केवल खनन में निवेश करें बल्कि उन समुदायों के लिए भी सार्थक योगदान दें, जिनके बीच वे काम करते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उद्योग समाज का ऋणी है और उसे वनरोपण, जीर्णोद्धार तथा कल्याणकारी पहलों में नए मानक स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा विकास समावेशी होना चाहिए और हमारी प्रगति ऐसी होनी चाहिए जो लोगों तथा धरती दोनों पर स्थायी, सकारात्मक प्रभाव छोड़े।"

कोलकाता में आयोजित जानकारी कार्यक्रम (रोड शो) में आगामी वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी पर व्यापक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें निवेश की संभावनाओं और नीतिगत ढांचों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें निवेशकों को प्रमुख निर्णयकर्ताओं के साथ जुड़ने, नए व्यावसायिक अवसरों की तलाश करने और भारत के उभरते कोयला क्षेत्र परिदृश्य की गहरी समझ हासिल करने का अवसर मिला।

यह कार्यक्रम उद्योग जगत के दिग्‍गजों, संभावित निवेशकों, खनन विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं सहित हितधारकों के लिए एक संवादात्मक मंच के रूप में भी काम आया, ताकि वे अपनी समझ का आदान-प्रदान कर सकें और सहयोगात्मक अवसरों का पता लगा सकें। हितधारकों को नीलामी प्रक्रिया पर स्पष्टता प्राप्त करने, विनियामक ढांचे को बेहतर ढंग से समझने और निवेश प्रोत्साहनों के बारे में जानने का अवसर मिला। इस सहभागिता ने एक निवेशक-अनुकूल प्रणाली बनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हितधारक कोयला क्षेत्र के भीतर बढ़ते अवसरों का लाभ उठा सकेंगे और भारत की ऊर्जा सुरक्षा एवं सतत विकास में योगदान दे सकेंगे।

कोलकाता में आयोजित जानकारी कार्यक्रम (रोड शो) भारत के कोयला क्षेत्र में निवेश के नए रास्ते खोलने और विकास को बढ़ावा देने के लिए कोयला मंत्रालय के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे कोयला उत्पादन में वैश्विक अग्रणी के रूप में देश की स्थिति और मजबूत होगी।

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