सहकारिता मंत्रालय
'सहकारिता से समृद्धि' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहकारी शिक्षा देने वाला विश्वविद्यालय जल्द ही तैयार होगा: राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पुणे में संपन्न
Posted On:
15 FEB 2025 9:02PM by PIB Delhi
भारत सरकार एक राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है, जिसके लिए बजट सत्र में लोक सभा के समक्ष विधेयक प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा, इसे अगले सत्र में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। यह जानकारी आज पुणे में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल ने दी। श्री मोहोल ने आगे कहा कि भारत सरकार शुरू से ही इस विश्वास और लक्ष्य के साथ प्रयासरत रही है कि सहयोग के माध्यम से समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।
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केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा पुणे स्थित वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी समिति (वैमनीकॉम) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हुआ। सम्मेलन का विषय था 'सहकारिता के माध्यम से समृद्धि का सृजन: डिजिटल नवाचार और मूल्य श्रृंखला'। इस अवसर पर श्री मुरलीधर मोहोल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
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इस अवसर पर श्री मोहोल ने आगे कहा- "सहकारिता क्षेत्र ने ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा दिया है। सरकार ने सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।"
केंद्रीय सहकारिता एवं नागर विमानन राज्य मंत्री श्री मोहोल ने बताया कि पुणे में आयोजित सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में सरकार द्वारा आयोजित पहला आयोजन था।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (आईवाईसी-2025) घोषित किया है। इस वर्ष का विषय है "सहकारिता एक बेहतर विश्व का निर्माण कर रही हैं।"
श्री मोहोल ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए सीआईसीटीएबी और वैमनीकॉम की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि एशिया और अफ्रीका के साझेदार देशों के साथ सहयोग के क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। सम्मेलन में 12 देशों - नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, गाम्बिया, केन्या, लाइबेरिया, मॉरीशस, नामीबिया, श्रीलंका और जाम्बिया के लगभग 36 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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तीन दिनों के दौरान, विशेषज्ञों ने सहकारी समितियों में डिजिटल नवाचार, सफल सहकारी समितियों का परिचय, मूल्य श्रृंखला में चुनौतियां और अवसर, सहकारी समितियों में स्थिरता, सहकारी समितियों के माध्यम से समृद्धि, वैश्विक सहयोग आदि विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
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इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. उमा कांत दाश, निदेशक, ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आनंद, गुजरात शामिल थे; निदेशक, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान, पुणे, प्रो. पार्थ रे; लाओ पीडीआर (लाओस) के ग्रामीण विकास, कृषि और वानिकी मंत्रालय के उप महानिदेशक अनौसाक फंगथिमांग और गाम्बिया सहकारी समितियों के महापंजीयक अब्बा गेब्रियल संकारेह भी उपस्थित थे। सम्मेलन का आयोजन कृषि बैंकिंग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीआईसीटीएबी) द्वारा वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी समिति के सहयोग से किया गया था। वीएमएनआईकॉम और सीआईसीटीएबी पुणे की निदेशक डॉ. हेमा यादव ने सम्मेलन के तीन दिनों का अवलोकन दिया।
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