रक्षा मंत्रालय
एचक्यूआईडीएस ने एयरो इंडिया 2025 के दौरान वैश्विक रक्षा साझेदारी को सशक्त बनाया
Posted On:
14 FEB 2025 6:11PM by PIB Delhi
भारत की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी, एयरो इंडिया 2025 ने वैश्विक सैन्य सहयोग को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रमुख रूप से जुड़ाव, तकनीकी प्रदर्शन और रणनीतिक विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान किया है। हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) ने चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू के नेतृत्व में एयरो इंडिया 2025 में मजबूत सैन्य कूटनीति का प्रदर्शन किया। रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा और पीपीएंडएफडी के उपप्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्सयान सहित वरिष्ठ भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने व्यापक द्विपक्षीय चर्चा, रक्षा उद्योग जगत से संपर्क और रक्षा क्षमता आकलन किया, जिससे भारत की रणनीतिक रक्षा साझेदारी को विस्तार मिला है।
लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की फिलीपींस के सशस्त्र बलों के महानिरीक्षक लेफ्टिनेंट जनरल ऑगस्टीन एस मालनिट के साथ बैठक हुई। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा गहन द्विपक्षीय सैन्य सहयोग और रक्षा खरीद में अवसरों की खोज की आवश्यकता पर बल दिया गया। सीआईएससी ने इजरायल के एल्बिट सिस्टम्स के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की और भारत-इजराइल के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी की पुष्टि की। उन्होंने रक्षा आधुनिकीकरण के प्रति भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न विमानों की क्षमताओं एवं प्रदर्शन मापदंडों पर जानकारी प्राप्त की और एयरो इंडिया 2025 में घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय रक्षा उद्योग द्वारा प्रदर्शित उन्नत सैन्य प्रणालियों का मूल्यांकन भी किया।
वाइस एडमिरल वत्सयान ने लेसोथो रक्षा बलों के लॉजिस्टिक्स प्रमुख मेजर जनरल रामंका मोकालोबा के साथ रक्षा निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की। वहीं बेलारूसी सशस्त्र बलों के प्रथम उप-प्रमुख जनरल स्टाफ मेजर जनरल आंद्रेई मात्सियेविच के साथ अतिरिक्त रणनीतिक वार्ता आयोजित की गई, जिससे दोनों देशों के साथ सैन्य सहयोग को एक नई दिशा दी गई। उन्होंने एमबीडीए (यूरोप), एल3हैरिस (अमरीका), हेन्सोल्ड्ट (जर्मनी) और बोइंग (यूएसए) के वैश्विक रक्षा उद्योग के कार्यकारी अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकों में भी हिस्सा लिया। इन रणनीतिक बातचीत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पहल और मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन सुविधाओं की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें स्टार्टअप तथा एमएसएमई को रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम में एकीकृत करने पर विशेष जोर दिया गया।
उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला ने भारत की बढ़ती कूटनीतिक पहुंच को दर्शाया है। प्रमुख बैठकों में ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (जीसीएपी) के उप महानिदेशक श्री केगोया मसानोरी के नेतृत्व में जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा शामिल थी। इतालवी वायु आयुध और वायु योग्यता निदेशालय के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ग्यूसेप लूपोली के नेतृत्व में इटली के प्रतिनिधिमंडल तथा लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज डी तुएस्टा के नेतृत्व में फ्रांसीसी दल ने रक्षा विनिर्माण एवं प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान पर व्यापक चर्चा की।
लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा ने मॉलदीव के रक्षा बल के उप प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल अहमद गियास के साथ संयुक्त प्रशिक्षण अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उपयोगी चर्चा की। उन्होंने जर्मन वायुसेना के लेफ्टिनेंट जनरल (ओएफ-8) थोरस्टन माइकल पोशवाट्टा की अध्यक्षता में जर्मन दल के साथ द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने पर महत्वपूर्ण बातचीत की, जिसमें राजदूत फिलिप एकरमैन भी शामिल थे। डीआईए के महानिदेशक ने एयरो इंडिया 2025 में विभिन्न रक्षा मंडपों और स्टालों का भी दौरा किया, जहां उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए सैन्य प्रौद्योगिकी, सिमुलेटर तथा युद्धक प्रणालियों में हुई प्रगति की समीक्षा की।
एयरो इंडिया 2025 के दौरान आयोजित कार्यक्रम न केवल उभरते रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को सशक्त बनाएंगे, बल्कि वैश्विक सुरक्षा सहयोग के लिए सार्थक अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देते हुए रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य को पूरा करने में भारत के दृष्टिकोण को भी आगे बढ़ाएंगे। ये रणनीतिक बातचीत भारत की आत्मनिर्भरता, नवाचार एवं सुदृढ़ होते हुए अंतर्राष्ट्रीय रक्षा सहयोग के विकास पर भी विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करती है।
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