पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
संसद प्रश्न: मौसम पूर्वानुमान
Posted On:
13 FEB 2025 3:54PM by PIB Delhi
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस ) भौतिकी-आधारित संख्यात्मक मॉडल के अलावा मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ) तकनीकों को एकीकृत करने की संभावना तलाश रहा है। यह पहल मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की सटीकता और दक्षता को बढ़ाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है जो कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रमुख पहल भविष्य की योजनाएँ और अभिनव परियोजनाएँ इस प्रकार हैं:
संस्थानों में सहयोगात्मक अनुसंधान: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थान अपनी शोध गतिविधियों और काम करने की रूपरेखाओं में एआई/मशीन लर्निंग (एमएल) पद्धतियों को शामिल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण पृथ्वी विज्ञान में एआई प्रौद्योगिकियों के व्यापक अनुप्रयोग को सुनिश्चित करता है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसंधान और विकास में एआई और एमएल की उपलब्धियां और परिणाम नीचे दिए गए हैं:
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- पूर्वाग्रह में कमी के साथ 1-दिन, 2-दिन और 3-दिन के लीड समय में लघु-अवधि वर्षा पूर्वानुमान में सुधार किया गया।
- तापमान और वर्षा के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन (300 मीटर) शहरी ग्रिडेड मौसम संबंधी डेटासेट विकसित किए गए।
- 1992-2023 तक 30 मीटर के स्थानिक रिज़ॉल्यूशन के साथ समय-भिन्न सामान्यीकृत अंतर शहरीकरण सूचकांक विकसित किया गया।
- सत्यापन प्रयोजनों के लिए बहुत उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले वर्षण डेटासेट विकसित किए गए।
- एआई/एमएल पद्धतियों का उपयोग करके उष्णकटिबंधीय चक्रवात ताप क्षमता (टीसीएचपी) की निगरानी और भविष्यवाणी करना।
- एआई/एमएल का उपयोग एनडब्ल्यूपी मॉडल उत्पादों के पूर्वाग्रह को ठीक करने के लिए किया जाता है।
मंत्रालय ने पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आई आई टी एम ) में एआई/एमएल /डीप लर्निंग (डीएल) पर एक समर्पित वर्चुअल सेंटर स्थापित किया है। यह केंद्र पृथ्वी विज्ञान में प्रगति के लिए एआई, एमएल और डीप लर्निंग (डीएल) तकनीकों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसने स्थानीय पूर्वानुमानों और मौसम और जलवायु पैटर्न के विश्लेषण के लिए पहले से ही कई एआई/एमएल -आधारित एप्लिकेशन विकसित किए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2102868)
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