संस्‍कृति मंत्रालय
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गुरु-शिष्य परंपरा को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता

Posted On: 06 FEB 2025 5:49PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय 'गुरु-शिष्य परंपरा (रिपर्टरी अनुदान) को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता' नाम से एक केंद्रीय योजना लागू करता है। इस योजना के तहत, देश भर में गुरु-शिष्य परंपरा के अनुरूप नियमित आधार पर अपने संबंधित गुरुओं द्वारा कलाकारों/शिष्यों को प्रशिक्षण देने के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, लोक कला आदि जैसी प्रदर्शन कला गतिविधियों में लगे पात्र सांस्कृतिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है ।

गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) की योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अनुदान चाहने वाले संगठनों को हर साल अपने आवेदन/प्रस्ताव प्रस्तुत करने होते हैं, ताकि उनका नवीनीकरण हो सके और साथ ही नए चयन भी हो सकें। मंत्रालय द्वारा इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा सभी तरह से पूर्ण आवेदन/प्रस्तावों की समीक्षा की जाती है। विशेषज्ञ समिति योजना दिशा-निर्देशों के प्रावधानों, संगठनों के सांस्कृतिक प्रदर्शन/गतिविधियों/संसाधनों, वित्तीय सहायता के औचित्य, संगठन के गुरु/प्रतिनिधि के साथ बातचीत आदि को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें देती है।

गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) 3 वर्ष या उससे अधिक आयु के शिष्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करके नृत्य, संगीत और रंगमंच के क्षेत्र में कलाकारों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा, हर साल, नवीनीकरण श्रेणी के साथ-साथ पारंपरिक कला रूपों सहित प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए 'ताजा श्रेणी' के तहत नए संगठनों से भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।

पिछले तीन वर्षों के दौरान गुरु-शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान किए गए गुरुओं और शिष्यों की संख्या का राज्यवार विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

अनुलग्नक-I

गुरु-शिष्य परंपरा को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता (रिपर्टरी अनुदान)

योजना: गुरु-शिष्य परम्परा को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता (रिपर्टरी अनुदान) संस्कृति मंत्रालय की एक केंद्र की योजना है। यह योजना एक व्यापक योजना 'कला संस्कृति विकास योजना (केएसवीवाई) की एक उप-योजना है।

उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य प्रदर्शन कला गतिविधियों जैसे नाट्य/रंगमंच समूहों, संगीत समूहों, बच्चों के रंगमंच, नृत्य समूहों आदि के क्षेत्र में काम करने वाले सांस्कृतिक संगठनों को प्राचीन गुरु-शिष्य परम्परा के अनुरूप नियमित आधार पर अपने संबंधित गुरु द्वारा शिष्यों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

योजना के अनुसार, रंगमंच के क्षेत्र में 1 गुरु और अधिकतम 18 शिष्यों को तथा संगीत एवं नृत्य के क्षेत्र में 1 गुरु और अधिकतम 10 शिष्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

सहायता की मात्रा : प्रत्येक गुरु/निर्देशक के लिए सहायता राशि 15,000/- (केवल पन्द्रह हजार रुपये) प्रति माह है, जबकि प्रत्येक शिष्य/कलाकार के लिए सहायता राशि निम्नानुसार है: -

क्रम.

सं।

शिष्य/कलाकार की श्रेणियाँ

आयु वर्ग

प्रति माह सहायता राशि/ मानदेय

 

(क) वयस्क शिष्य/कलाकार

(18 वर्ष या उससे अधिक आयु)

10,000/- (केवल दस हजार रुपये)

 

(ख) 'ए' श्रेणी बाल शिष्य/कलाकार

(12-<18 वर्ष की आयु)

रु.7,500/- (सात हजार पांच सौ रुपये मात्र)

 

(ग) 'बी' श्रेणी बाल शिष्य/कलाकार

(6-<12 वर्ष आयु)

रु.3,500/- (मात्र तीन हजार पांच सौ रुपये)

 

(घ) 'सी' श्रेणी बाल शिष्य/कलाकार

(3-<6 वर्ष की आयु)

रु.2,000/- (केवल दो हजार रुपये)

अनुलग्नक – II

 

क्रम.

सं।

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

वित्तीय वर्ष

2021-2022

2022-2023

2023-2024

गुरु की संख्या

शिष्यों की संख्या

गुरु की संख्या

शिष्यों की संख्या

गुरु की संख्या

शिष्यों की संख्या

  1.  

आंध्र प्रदेश

13

30

19

38

20

51

  1.  

अरुणाचल प्रदेश

-

-

-

-

1

2

  1.  

असम

35

256

37

256

44

272

  1.  

बिहार

76

488

94

516

116

582

  1.  

चंडीगढ़

5

62

7

65

11

74

  1.  

छत्तीसगढ

3

19

3

19

4

16

  1.  

दिल्ली

95

830

105

791

125

798

  1.  

गुजरात

8

52

12

42

13

46

  1.  

हरियाणा

15

90

18

93

20

97

  1.  

हिमाचल प्रदेश

4

52

4

52

6

57

  1.  

जम्मू और कश्मीर

25

134

29

143

44

177

  1.  

झारखंड

10

69

15

78

14

80

  1.  

कर्नाटक

133

801

152

822

214

954

  1.  

केरल

22

187

23

189

27

176

  1.  

मध्य प्रदेश

61

590

96

658

110

662

  1.  

महाराष्ट्र

49

414

82

465

96

509

  1.  

मणिपुर

149

980

172

1017

202

1009

  1.  

मिजोरम

1

8

2

10

2

5

  1.  

नगालैंड

4

12

3

10

6

17

  1.  

ओडिशा

66

353

103

415

119

477

  1.  

पांडिचेरी

3

43

4

45

3

21

  1.  

पंजाब

8

59

8

60

9

64

  1.  

राजस्थान

15

103

22

115

26

117

  1.  

सिक्किम

1

2

1

2

1

3

  1.  

तमिलनाडु

16

91

12

82

13

84

  1.  

तेलंगाना

18

147

16

120

20

123

  1.  

त्रिपुरा

3

26

6

31

9

36

  1.  

उत्तराखंड

13

80

17

87

18

91

  1.  

उत्तर प्रदेश

66

419

82

436

95

448

  1.  

पश्चिम बंगाल

231

1781

348

1991

331

1730

***

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