इस्पात मंत्रालय
सेल ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही और नौ माह के वित्तीय परिणाम घोषित किए
Posted On:
12 FEB 2025 12:21PM by PIB Delhi
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने आज 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही और नौ माह के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं।
मुख्य विशेषताएं:
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के प्रदर्शन (स्टैंडअलोन) का अवलोकन:
|
इकाई
|
तीसरी तिमाही 2023-24
|
दूसरी तिमाही 2024-25
|
तीसरी तिमाही
2024-25
|
कच्चे इस्पात का उत्पादन
|
मिलियन टन
|
4.75
|
4.78
|
4.63
|
बिक्री मात्रा
|
मिलियन टन
|
3.81
|
4.10
|
4.43
|
परिचालन से राजस्व
|
करोड़ रुपए
|
23,345
|
24,675
|
24,490
|
ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पूर्व की आय (ईबीआईटीडी)
|
करोड़ रुपए
|
2,319
|
3,174
|
2,389
|
असाधारण वस्तु और कर से पूर्व का लाभ
|
करोड़ रुपए
|
384
|
1,113
|
289
|
असाधारण वस्तु
|
करोड़ रुपए
|
76
|
0
|
29
|
कर पूर्व लाभ (पीबीटी)
|
करोड़ रुपए
|
461
|
1,113
|
318
|
कर पश्चात लाभ (पीएटी)
|
करोड़ रुपए
|
331
|
834
|
126
|
9 माह वित्तीय वर्ष 2024-25 (स्टैंडअलोन) के प्रदर्शन का अवलोकन:
|
इकाई
|
9 माह
2023-24
|
9 माह
2024-25
|
कच्चे इस्पात का उत्पादन
|
मिलियन टन
|
14.22
|
14.08
|
बिक्री मात्रा
|
मिलियन टन
|
12.46
|
12.54
|
परिचालन से राजस्व
|
करोड़ रुपए
|
77,417
|
73,162
|
ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पूर्व की आय (ईबीआईटीडीए)
|
करोड़ रुपए
|
8,451
|
7,983
|
असाधारण वस्तुओं और कर से पूर्व का लाभ
|
करोड़ रुपए
|
2,698
|
1,728
|
असाधारण वस्तु
|
करोड़ रुपए
|
(339)
|
(283)
|
कर पूर्व लाभ (पीबीटी)
|
करोड़ रुपए
|
2,359
|
1,445
|
कर पश्चात लाभ (पीएटी)
|
करोड़ रुपए
|
1,722
|
970
|
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सेल के परिचालन राजस्व और बिक्री की मात्रा में वृद्धि हुई, साथ ही पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ईबीआईटीडीए में मामूली सुधार हुआ।
वित्तीय परिणामों की जानकारी देते हुए सेल के अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि घटती कीमतों और सस्ते आयातों की वृद्धि से प्रभावित चुनौतीपूर्ण इस्पात बाजार के सामने, सेल ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान बेहतर ईबीआईटीडीए हासिल करने में सफलता प्राप्त की है। हम उत्पादन को बढ़ावा देने और लागत दक्षता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं, साथ ही साथ हरित प्रौद्योगिकियों और उसे अपनाने पर भी जोर दे रहे हैं। हमें आशा है कि उचित हस्तक्षेप के साथ, सस्ते आयातों की समस्या का समाधान हो जाएगा और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का अभियान घरेलू इस्पात उद्योग के लिए अच्छा रहेगा, जबकि मांग को और बढ़ावा मिलेगा।
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