रक्षा मंत्रालय
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रक्षा राज्य मंत्री ने बेंगलुरु में एयरो इंडिया में भारतीय वायु सेना सेमिनार को संबोधित किया

Posted On: 11 FEB 2025 6:38PM by PIB Delhi

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने भविष्य की प्रौद्योगिकियों की खोज और स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमता का दोहन करने के उद्देश्य से 11 फरवरी, 2025 को कर्नाटक के बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 कार्यक्रम में 'नवाचार उत्कृष्टम भविष्यम (नवाचार बेहतर भविष्य का मार्ग है) विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सेमिनार का उद्देश्य रक्षा बलों, रक्षा उद्योग और अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों के बीच सहयोग को प्रेरित करना तथा नवाचार के लिए एक सशक्त इकोसिस्टम को बढ़ावा देना था। रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने वायुसेना प्रमुख की उपस्थिति में इस कार्यक्रम को संबोधित किया।

रक्षा राज्य मंत्री ने स्वदेशी रक्षा विकास और विनिर्माण को सक्रिय रूप से सहयोग देने में भारतीय वायु सेना की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता केवल एक नीति नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के लिए परिवर्तनकारी दृष्टि है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र इस दृष्टिकोण की आधारशिला है, जहां पर स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना और विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करना सर्वोपरि है।

श्री संजय सेठ ने कहा कि स्वदेशी रक्षा क्षमता के विकास से सशस्त्र बलों की प्रक्रिया से संबंधित क्षमता को बढ़ावा देने के साथ-साथ निरंतर रखरखाव सहायता और परिचालन बढ़त सुनिश्चित होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सेनाएं हमेशा भविष्य के लिए तैयार और समय से आगे रहें। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय वायुसेना ने आइडेक्स योजना के अंतर्गत 78 परियोजनाएं, मेक के तहत 48 परियोजनाएं और टीडीएफ पहल में 37 परियोजनाएं सफलतापूर्वक शुरू की हैं, जो विकास के विभिन्न चरणों में हैं।

रक्षा राज्य मंत्री ने सभी हितधारकों से सशस्त्र बलों को लगातार उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने में मदद करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसएमई और स्टार्टअप भारत में नवाचार की मेरुदंड हैं, जिनमें अभूतपूर्व गति से बदलाव लाने की चपलता व रचनात्मकता है। श्री संजय सेठ ने एमएसएमई को अपनी क्षमताओं का लाभ उठाने और रक्षा उत्पादन में साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि उनका योगदान सुरक्षित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण है।

रक्षा राज्य मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान वायु सेना द्वारा लिखित ‘आईएएफ कॉम्पेंडियम ऑफ चैलेंजेस एंड अपॉर्चुनिटीज फॉर इंडियन इंडस्ट्री’ का विमोचन किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई है और एयरोस्पेस क्षेत्र में नवाचार एवं विकास के अवसरों पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने भारतीय वायुसेना द्वारा निर्मित वायु वीआईटीटी डिजिटल पोर्टल भी लॉन्च किया, जिससे भारतीय वायुसेना और एचएएल के बीच आपूर्ति आदेश, प्रमाणन तथा भुगतान किए जा सकेंगे। इससे न केवल डिजिटलीकरण बढ़ेगा, बल्कि दक्षता और पारदर्शिता में भी सुधार होगा। इसके अलावा, उन्होंने मेहर बाबा-II प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की और मेहर बाबा-III चुनौती भी शुरू की।

इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, 'मानवयुक्त मानवरहित दल - संकल्पना से लक्ष्यीकरण तक' विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, प्रमाणन एजेंसियों और अंतिम उपयोगकर्ताओं सहित एयरोस्पेस क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञों ने भाग लिया। पैनल चर्चा में देश की उभरती रक्षा एवं सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए स्वदेशी समाधान को आगे बढ़ाने में भारतीय रक्षा उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया।

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एमजी/केसी/एनके


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