पंचायती राज मंत्रालय
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केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल 13 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में ‘राज्यों में पंचायतों को अंतरण की स्थिति’ विषय पर रिपोर्ट जारी करेंगे


पंचायत अंतरण सूचकांक मूल्यांकन दर्शाएगा कि सशक्त पंचायतें कितनी 'स्वतंत्र' हैं; ग्रामीण स्थानीय निकायों की स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता पर राज्य स्तरीय रैंकिंग दी जाएगी

Posted On: 11 FEB 2025 2:07PM by PIB Delhi

भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को सुदृढ़ करने के महत्वपूर्ण कदम के तहत,  केन्द्रीय पंचायती राज तथा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल 13 फरवरी, 2025 को भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नई दिल्ली में व्यापक पंचायत अंतरण सूचकांक रिपोर्ट जारी करेंगे। राज्यों में पंचायतों के अंतरण की स्थिति - एक सांकेतिक साक्ष्य आधारित रैंकिंग 2024 शीर्षक संबंधी यह रिपोर्ट देश में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाने और 73वें संविधान संशोधन के स्थानीय स्वशासन के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति है। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्रालय सचिव श्री विवेक भारद्वाज और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली के संकाय सदस्य भाग लेंगे।

पंचायत अंतरण सूचकांक, गहन शोध और विश्लेषण द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अंतरण तथा पंचायतों के विकास, प्रदर्शन और प्रगति का आकलन करता है। पारंपरिक मापदंडों से परे यह सूचकांक छह महत्वपूर्ण आयामों: ढांचा, कार्य, वित्त, कार्यकर्ता, क्षमता निर्माण और पंचायतों के उत्तरदायित्व का मूल्यांकन करता है। संविधान के अनुच्छेद 243जी की भावना के अनुरूप यह विशेष रूप से पड़ताल करता है कि स्वायत्त पंचायतें निर्णय लेने और उन्हें लागू करने में कितनी स्वतंत्र हैं। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों में पंचायतों को शक्तियां और उत्तरदायित्व सौंपने का अधिकार देता है।

अंतरण सूचकांक सहकारी संघवाद और स्थानीय स्वशासन को सुदृढ़ करने के उपकरण के रूप में कार्य करता है, जिससे राज्यों को सुधार वाले क्षेत्रों की पहचान करने और बेहतर प्रदर्शन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को अपनाने में मदद मिलती है। इस सूचकांक की विभिन्न हितधारकों के लिए व्यावहारिक उपयोगिता है। यह लोगों को पंचायतों के कामकाज और संसाधन आवंटन पर नज़र रखने में पारदर्शिता प्रदान करता है। निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह पक्षसमर्थन और सुधार के लिए डेटा आधारित सूचना देता है। अधिकारियों के लिए, यह प्रभावी अंतरण नीतियां लागू करने में रोडमैप का कार्य करता है। नीति निर्माता स्थानीय शासन के समग्र विकास पहलुओं के आकलन और सुधारों के सबसे अधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों के तौर पर चिन्हित करने में अंतरण सूचकांक का उपयोग कर सकते हैं। जमीनी स्तर पर समावेशी विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने की यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहां विकसित और सशक्त पंचायतें ग्रामीण परिवर्तन की बुनियाद के तौर पर काम करती हैं।

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