सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
संसद प्रश्न: दिव्यांगों के लिए सुगम्यता
Posted On:
11 FEB 2025 1:50PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब तक, सभी 35 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और 55 घरेलू हवाई अड्डों पर स्वचालित सीढ़ी (रैंप), शौचालय और लिफ्ट जैसी सुगम्यता सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ए1, ए और बी श्रेणी के 709 रेलवे स्टेशनों पर रैंप, शौचालय, लिफ्ट, हेल्पडेस्क, पार्किंग, फिसलन रहित रास्ते, पेयजल सुविधाएं जैसी कई अल्पकालिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। लगभग 42,000 से अधिक बसों को आंशिक रूप और 8695 बसों को पूरी तरह सुगम्य बनाया गया है। देश भर में 3533 बस अड्डों में से 3120 को सुगम्य बनाया गया है।
सुगम्य भारत अभियान के तहत, केंद्र सरकार ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली सार्वजनिक इमारतों की सुगम्यता ऑडिट की और 1314 इमारतों को सुगम्य बनाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की। इसके अलावा, भारत सरकार के केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्वामित्व वाली 211 इमारतों और सीपीडब्ल्यूडी के बनाए अन्य विभागों/मंत्रालयों की 889 इमारतों का नवीनीकरण किया है।
सुगम्यता सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए कई मंत्रालयों/विभागों ने कई उपाय किए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने जीएसआर 287(ई), जीएसआर 367(ई), जीएसआर 959(ई) इत्यादि के जरिए सुगम्यतापूर्ण बस बॉडी डिजाइन के लिए एआईएस-052-कोड अधिसूचित किया है जिसमें दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रावधान हैं। इनमें दिव्यांगजनों के लिए प्राथमिकता वाली सीटें, उपयुक्त चिह्नों के साथ दिव्यांग यात्रियों के लिए निर्दिष्ट सीटें, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाजनक यात्रा के लिए बैसाखी, छड़ी, वॉकर इत्यादि को सुरक्षित रखने के लिए उपयुक्त सुविधा के साथ प्राथमिकता वाली सीटें, जिसमें रेलिंग और/या डंडे का प्रावधान है। जीएसआर 959(ई) फिटनेस प्रमाणन के समय सुगम्यता सुविधाओं के संबंध में सत्यापन प्रावधानों को अनिवार्य करता है। जीएसआर 240 (ई) ने मोटर वाहन को अनुकूलित वाहन में बदलने के लिए आवश्यक प्रावधान को अधिसूचित किया।
भारतीय रेल ने 'रेलवे स्टेशनों पर सुगम्यता और दिव्यांगजनों तथा कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुविधाओं पर दिशानिर्देश' भी अधिसूचित किए हैं। इनमें दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए प्रवेश रैंप, सुलभ पार्किंग, कम ऊंचाई वाले टिकट काउंटर/सहायता बूथ, शौचालय, पेयजल बूथ, रैंप/लिफ्ट के साथ सब-वे/फुट ओवर ब्रिज, ब्रेल लिपि संकेतों सहित मानक संकेत और दृष्टि बाधितों के लिए स्पर्शनीय मार्ग आदि जैसी सुविधाओं का प्रावधान है।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने मेट्रो/आरआरटीएस परियोजनाओं में उपयोगकर्ता के अनुकूल जन परिवहन प्रणाली तैयार की है, जो दिव्यांगजनों के साथ-साथ अस्थायी गतिशीलता से परेशान लोगों और बुजुर्गों के लिए सुगम्यता सुनिश्चित कर सकती है। मेट्रो/आरआरटीएस के लिए डिजाइन मानक सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना तक सार्वभौमिक पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं, जिसमें संबंधित सुविधाएं और सेवाएं, सूचना आदि शामिल हैं। इससे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले लोगों को लाभ मिलता है।
पीएम-ई-बस सेवा निविदा में एआईएस 052 और एआईएस 153 के अनुसार पहुंच-योग्यता सुविधाओं और उपकरणों को निर्दिष्ट किया गया है, ताकि व्हीलचेयर पहुंच-योग्यता सुविधाओं के साथ 12 मीटर और 9 मीटर बसों को 100 प्रतिशत तैनात किया जा सके।
राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान ने तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के रूप में सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इस मूल्यांकन के कुछ प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
- अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि 80.51 प्रतिशत भवनों को नए तरीके से सुविधाजनक बनाने के लिए वित्त पोषित किया गया था।
- इस अभियान में देश भर की प्रमुख सरकारी इमारतों को शामिल किया गया।
- इस अभियान के कारण सरकारी अधिकारियों और आम जनता के बीच सार्वजनिक स्थानों पर दिव्यांगजनों के सुरक्षित और सुगम पहुंच के अधिकार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में बदलाव देखा गया।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
***
एमजी/केसी/एके/एसके
(Release ID: 2101728)
Visitor Counter : 139