आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

बेहतर नगर नियोजन प्रबंधन के लिए शहरी कर्मचारियों का सशक्तिकरण

Posted On: 10 FEB 2025 5:19PM by PIB Delhi

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) को लागू कर रहा है। इसे 25 जून 2015 को आरंभ किया गया था। स्मार्ट तत्व, घटक और प्रौद्योगिकियां अमृत परियोजनाओं का हिस्सा हैं और इसका उद्देश्य टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देना है। अमृत दिशानिर्देश जल आपूर्ति और सीवरेज परियोजनाओं के हिस्से के रूप में पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) जैसे स्मार्ट तत्वों का प्रावधान करते हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की रिपोर्ट के अनुसार 230 जल आपूर्ति परियोजनाएं और 146 सीवरेज परियोजनाएं एससीएडीए के साथ कार्यान्वित की गई हैं।

प्रौद्योगिकी उप-मिशन स्टार्ट-अप विचारों और निजी उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और उन्हें पायलट परियोजनाओं में शामिल करने के लिए अमृत 2.0 का महत्वपूर्ण घटक है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के अनुसार अमृत 2.0 के तहत, 1482 जल आपूर्ति परियोजनाएं, 241 सीवरेज परियोजनाएं एससीएडीए के साथ अनुमोदित हैं।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय यूएलबी पदाधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों आदि की क्षमताओं में सुधार के लिए मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं जैसे अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) के माध्यम से क्षमता निर्माण गतिविधियों में राज्यों / शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का समर्थन कर रहा है, जिसमें महिलाओं सहित समाज के सभी वर्ग शामिल हैं। अमृत ​​के तहत 45000 पदाधिकारियों के लक्ष्य की तुलना में अब तक 57134 पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अमृत 2.0 के तहत, ठेकेदारों, प्लंबर, प्लांट ऑपरेटरों, विद्यार्थियों, महिलाओं और नागरिकों सहित सभी हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में 4 संस्थानों को शहरी नियोजन और डिजाइन में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया है। ये  अन्य बातों के साथ-साथ लोक सेवकों, राज्य नगर योजनाकारों, नगरपालिका अधिकारियों, चिकित्सकों/पेशेवरों, युवा छात्रों आदि को प्रमाणित प्रशिक्षण/प्रमाणित पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इन केंद्रों में से प्रत्येक को 250 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती निधि प्रदान की गई है।

इसके अलावा, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने क्षमता निर्माण के लिए 6 संस्थानों को अमृत वित्त पोषित शहरी नियोजन केंद्र के रूप में भी नामित किया है। इन संस्थानों के लिए परिकल्पित भूमिका में अन्य बातों के साथ-साथ नगर निगम अधिकारियों/नगर एवं ग्राम नियोजन अधिकारियों को विषय विशिष्ट प्रशिक्षण देना, राज्य/स्थानीय प्राधिकरणों की क्षमता निर्माण को बढ़ाना और शहरी नियोजन में उनका हाथ बंटाना शामिल है।

अमृत ​​2.0 के तहत, मंत्रालय ने अमृत मित्र पहल भी शुरू की है। इसमें जल मांग प्रबंधन, जल गुणवत्ता परीक्षण, जल बुनियादी ढांचे के संचालन और अन्य जल क्षेत्रीय परियोजनाओं में महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) शामिल हैं। इस पहल के तहत अब तक 140 करोड़ रुपए की 1762 परियोजनाओं को स्‍वीकृति दी जा चुकी है।

स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एससीएम) के तहत, दो शहरों अर्थात् ओडिशा में राउरकेला और भुवनेश्वर का चयन किया गया है। चयन प्रक्रिया के राउंड-1 में भुवनेश्वर का चयन हुआ, जबकि राउंड-2 में राउरकेला का चयन हुआ।

एससीएम दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार को एससीएम के तहत 100 शहरों को 48,000 करोड़ रुपए की सीमा तक वित्तीय सहायता प्रदान करनी है, यानी प्रति शहर औसतन 500 करोड़ रुपए। केंद्र सरकार ने ओडिशा में एससीएम के तहत चयनित दोनों शहरों के लिए भारत सरकार की अनुमेय धनराशि का 100% जारी कर दिया है।

यह जानकारी आवासन  और शहरी कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/पीके


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