आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
सतत् शहरी विकास उपाय
Posted On:
10 FEB 2025 5:20PM by PIB Delhi
भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची के अनुसार शहरी नियोजन और शहरी विकास सहित शहरी नियोजन शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी)/शहरी विकास प्राधिकरणों का कार्य है। भारत सरकार योजनाबद्ध हस्तक्षेप एवं सलाह के माध्यम से राज्यों के प्रयासों को पूरक बनाती है। यह राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), भारत सरकार ने शहरी और क्षेत्रीय विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (URDPFI) दिशानिर्देश, 2014 ( https://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/URDPFI%20Guidelines% 20Vol%20I(2).pdf ) जारी किए हैं। यूआरडीपीएफआई दिशानिर्देश 2014 के अध्याय - 6 "स्थिरता दिशानिर्देश" सतत शहरी विकास के विभिन्न पहलुओं से संबंधित है।
अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT) के अंतर्गत, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 500 AMRUT शहरों के लिए GIS आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की उप-योजना लागू की जा रही है। उप-योजना का उद्देश्य भू-डेटाबेस तैयार करना और GIS आधारित मास्टर प्लान तैयार करना है। वर्तमान में, महाराष्ट्र सहित 35 राज्यों के 461 AMRUT शहर इस योजना के अंतर्गत शामिल हैं और अब तक 229 शहरों के मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिसमें महाराष्ट्र के 44 शहर शामिल हैं। AMRUT 2.0 के अंतर्गत, GIS आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की उप-योजना को 50,000 - 99,999 की आबादी वाले वर्ग-II शहरों को कवर करने के लिए बढ़ा दिया गया है। भू-डेटाबेस बनाने के लिए राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के पदाधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों आदि की क्षमता में सुधार के लिए मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं जैसे अमृत के माध्यम से क्षमता निर्माण गतिविधियों में राज्यों/शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सहायता प्रदान कर रहा है। अमृत के तहत, 45,000 पदाधिकारियों के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 57134 पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अमृत 2.0 के तहत, ठेकेदारों, प्लंबरों, संयंत्र संचालकों, छात्रों, महिलाओं और नागरिकों सहित सभी हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में 4 संस्थानों को शहरी नियोजन एवं डिजाइन में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया है, जो अन्य बातों के साथ-साथ प्रबुद्ध सेवकों, राज्य नगर नियोजकों, नगर निगम अधिकारियों, व्यवसायियों/पेशेवरों, युवा छात्रों आदि को प्रमाणित प्रशिक्षण/प्रमाणित पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इन केंद्रों को प्रत्येक को 250 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती निधि प्रदान की गई है।
इसके अलावा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने क्षमता निर्माण के लिए शहरी नियोजन के अमृत वित्तपोषित केंद्र के रूप में 6 संस्थानों को भी नामित किया है। इन संस्थानों की भूमिका में नगरपालिका अधिकारियों/नगर एवं ग्राम नियोजन अधिकारियों को विषय-विशिष्ट प्रशिक्षण देना, राज्य/स्थानीय प्राधिकरणों की क्षमता निर्माण में वृद्धि करना तथा शहरी नियोजन में उनकी सहायता करना शामिल है।
महाराष्ट्र सहित सभी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र इन केन्द्रों की प्रशिक्षण सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार ने 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएसएएससीआई) की घोषणा की है, जिसके तहत राज्यों को शहरी नियोजन सुधारों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। एसएसएसीआई के तहत शहरी नियोजन सुधारों का विवरण इस प्रकार है:
पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2022-23 – भाग-VI (शहरी नियोजन सुधार) । सुधार घटकों में विरोधाभासों को दूर करके और भूमि उपयोग को अनुकूलित करके भवन उपनियमों का आधुनिकीकरण, हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) जैसे आधुनिक शहरी नियोजन उपकरणों को अपनाना, स्थानीय क्षेत्र योजनाओं (एलएपी) और नगर नियोजन योजनाओं (टीपीएस) का कार्यान्वयन, पारगमन-उन्मुख विकास(टीओडी) का कार्यान्वयन शामिल है। इसके अलावा राज्यों को स्पॉन्ज शहरों के निर्माण, सार्वजनिक परिवहन के लिए बसें चलाने के लिए कर हटाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2023-24 – भाग – III (शहरी नियोजन सुधार) । सुधार घटकों में योग्य शहरी योजनाकारों को काम पर रखकर मानव संसाधनों में वृद्धि, नगर नियोजन योजना (टीपीएस) / भूमि पूलिंग योजना का कार्यान्वयन, भवन उपनियमों का आधुनिकीकरण, इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास को बढ़ावा देना, पारगमन-उन्मुख विकास (टीओडी), नियोजन उपकरण के रूप में हस्तांतरणीय विकास अधिकार, शहरी नियोजन के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, जलक्षेत्रों का विकास आदि शामिल हैं।
पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2024-25 – भाग – XIII (शहरी नियोजन सुधार) । सुधार घटकों में पूर्वोत्तर / पहाड़ी राज्यों में पारगमन में आसानी के लिए शहरी नियोजन योजना/ लैंड पूलिंग स्कीम का कार्यान्वयन, भवन उपनियमों / ज़ोनिंग पहलों का युक्तिकरण, व्यापक पार्किंग प्रतिमान, शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास, पेरी शहरी क्षेत्रों की योजना, पारगमन उन्मुख विकास, प्रौद्योगिकी आधारित सुधार, शहरी नियोजन के माध्यम से जलवायु स्थिरता, व्यापक गतिशीलता योजना आदि शामिल हैं।
यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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