स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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एचएमपीवी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम


एचएमपीवी की स्थिति पर नज़र रखने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन परिचालन केंद्र सक्रिय किया गया

आईसीएमआर और आईडीएसपी के नेटवर्कों के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन बीमारी के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली लागू की गई

श्वसन संबंधी बीमारियों के संबंध में राज्यों को जागरूकता व निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया

Posted On: 07 FEB 2025 1:57PM by PIB Delhi

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी), 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के डेटा से देश में कहीं भी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं दिखती है। इसकी पुष्टि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निगरानी डेटा से भी हुई है। 6 जनवरी, 2025 से 29 जनवरी 2025 तक भारत के 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 59 मामले सामने आए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एचएमपीवी मामलों की निगरानी और नियंत्रण तथा एचएमपीवी के लक्षणों और रोकथाम रणनीतियों के बारे में अभियानों के माध्यम से जन जागरूकता पैदा करने के लिए कई विशेष उपाय किए हैं। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:

  • एचएमपीवी स्थिति की नियमित निगरानी के लिए 6 जनवरी , 2025 से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र (पीएचईओसी) को सक्रिय किया गया है। दैनिक स्थिति रिपोर्ट, संबंधित हितधारकों को साझा की जाती है।
  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने और अस्पताल में भर्ती एसएआरआई मामलों के श्वसन नमूनों को जांच और पॉजिटिव नमूनों की अनुक्रमण के लिए नामित वायरस अनुसंधान और नैदानिक ​​प्रयोगशालाओं (वीआरडीएल) को भेजने की सलाह दी गई है।
  • भारत में आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्कों के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही मौजूद है।
  • राज्यों को सलाह दी गई है कि वे वायरस के संक्रमण की रोकथाम के संबंध में लोगों में सूचना, शिक्षा और संपर्क (आईईसी) तथा जागरूकता बढ़ाएं और इसके लिए सरल उपाय अपनाने के कहें जैसे कि बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना, बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना, रोग के लक्षण वाले लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना, खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना आदि।
  • सरकार ने पूरे देश में तैयारी का अभ्यास किया और यह सुनिश्चित किया गया कि स्वास्थ्य प्रणाली, इस मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है।
  • सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, संयुक्त निगरानी समूह के स्तर पर विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें आयोजित की गईं और भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की स्थिति और एचएमपीवी मामलों की स्थिति की समीक्षा की गई। हितधारकों में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, डीजीएचएस, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एकीकृत रोग निगरानी मंच (आईडीएसपी), एनसीडीसी, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
  • राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की सलाह दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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