स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बुनियादी स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर अद्यतन जानकारी


केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वित्त वर्ष 2021-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का विस्तार दिया गया है

ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर सेवा वितरण को प्रोत्साहित करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों को विभिन्न प्रोत्साहन और मानदेय प्रदान किए जाते हैं

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आयुष्मान आरोग्य मंदिर, राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आशा, 24/7 सेवाएं, प्रथम रेफरल सुविधाएं, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम आदि जैसी पहलों के माध्यम से शहरी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करता है

Posted On: 07 FEB 2025 1:59PM by PIB Delhi

भारत की स्वास्थ्य गतिशीलता (एचडीआई) (बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन), 2022-23 एक वार्षिक प्रकाशन है, जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किए गए स्वास्थ्य सेवा प्रशासनिक डेटा पर आधारित है। देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्मित या उन्नत किए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और उप-केंद्रों का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण एचडीआई 2022-23 के निम्नलिखित लिंक पर देखा जा सकता है:

https://mohfw.gov.in/sites/default/files/Health%20Dynamics%20of%20India%20%28Infrastructure%20%26%20Human%20Resources%29%202022-23_RE%20%281%29.pdf

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2021-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को विस्तार दिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत निर्धारित और प्राप्त लक्ष्यों का विवरण नीचे सूचीबद्ध है:

लक्ष्य

(2021-26 के लिए एनएचएम विस्तार के अनुसार)

स्थिति

एमएमआर को घटाकर 87 प्रति 1 लाख

1 लाख जीवित जन्मों पर 97

(एसआरएस 2018-20)

शिशु मृत्यु दर को घटाकर 22 प्रति हजार

28 प्रति हजार (एसआरएस 2020)

राष्ट्रीय स्तर पर टीएफआर को 2.0 तक बनाए रखना

2.0 (एनएफएचएस 5)

1.5 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (तत्कालीन एबी-एचडब्ल्यूसी) के संचालन का लक्ष्य हासिल करना

1,76,325 ( 31 जनवरी, 2025 तक)

एक वर्ष की आयु तक सभी बच्चों का 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना और बनाए रखना

93.6 प्रतिशत

(31 अक्तूबर, 2024 तक)

मलेरिया: वार्षिक परजीवी घटना (एपीआई)<1/1000 जनसंख्या वाले जिलों की संख्या-710

699 (2023)

डेंगू: मृत्यु दर <1 प्रतिशत पर बनी हुई है

0.09 प्रतिशत

(31 अक्तूबर, 2024 तक)

लिम्फेटिक फाइलेरिया: पात्र जनसंख्या में सामूहिक औषधि प्रशासन (एमडीए) का पालन करने वाले जिलों की संख्या- 40

159 (2024)

कालाजार : वर्ष 2023-24 तक ब्लॉक स्तर पर प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 कालाजार मामले की रिपोर्ट करने वाले स्थानिक ब्लॉकों की संख्या 'शून्य' करना और वर्ष 2025-26 तक उन्मूलन की स्थिति बनाए रखना

वर्ष 2023-24 तक 'शून्य' ब्लॉक प्राप्त किया गया। अक्टूबर, 2024 तक स्थिति बरकरार रही।

एचडीआई 2022-23 में उपलब्ध मानव संसाधन की स्थिति जिसे निम्नलिखित लिंक पर देखा जा सकता है:

https://mohfw.gov.in/sites/default/files/Health%20Dynamics%20of%20India%20%28Infrastructure%20%26%20Human%20Resources%29%202022-23_RE%20%281%29.pdf

भारत सरकार ने देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों को प्रोत्साहन और मानदेय के रूप में कई पहल की हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सेवा करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को कठिनाई भत्ता (हार्ड एरिया भत्ता) दिया जाएगा ताकि उन्हें ऐसे क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सेवा करना आकर्षक लगे।
  • ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सिजेरियन सेक्शन करने के लिए विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञों / आपातकालीन प्रसूति देखभाल (ईएमओसी) प्रशिक्षित, बाल रोग विशेषज्ञों और एनेस्थेटिस्ट / जीवन रक्षक एनेस्थीसिया कौशल (एलएसएएस) प्रशिक्षित डॉक्टरों को मानदेय।
  • डॉक्टरों के लिए विशेष प्रोत्साहन, समय पर एएनसी जांच और रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करने के लिए एएनएम के लिए प्रोत्साहन, किशोर प्रजनन और यौन स्वास्थ्य गतिविधियों के संचालन के लिए प्रोत्साहन।
  • राज्यों को विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए बातचीत योग्य वेतन की पेशकश करने की भी अनुमति है, जिसमें "आप बोलें, हम दें" जैसी रणनीतियों में लचीलापन भी शामिल है।
  • एनएचएम के अंतर्गत गैर-मौद्रिक प्रोत्साहन जैसे कि दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अधिमान्य प्रवेश तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आवास व्यवस्था में सुधार भी शुरू किया गया है।
  • विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए एनएचएम के तहत डॉक्टरों के बहु-कौशल को समर्थन दिया जाता है। स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने के लिए मौजूदा मानव संसाधन का कौशल उन्नयन एनआरएचएम के तहत एक और प्रमुख रणनीति है।

शहरी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए, एनएचएम के उप-मिशन के रूप में 2013 में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) शुरू किया गया था। शहरी क्षेत्रों सहित देश भर में एनएचएम के तहत भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवाएं, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आशा, 24 x 7 सेवाएं और प्रथम रेफरल सुविधाएँ, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, निःशुल्क निदान सेवा पहल और निःशुल्क दवा सेवा पहल, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य के तहत विभिन्न गतिविधियाँ, एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) और सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

***

एमजी/आरपी/केसी/एचएन/एचबी          


(Release ID: 2100628) Visitor Counter : 274


Read this release in: English , Urdu , Tamil