संस्कृति मंत्रालय
विरासत संरक्षण
Posted On:
06 FEB 2025 5:52PM by PIB Delhi
देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार क्षेत्र में तीन हजार छह सौ अट्ठानवे (3698) केंद्रीय संरक्षित स्मारक/स्थल हैं। इन केंद्रीय संरक्षित स्मारकों/स्थलों का संरक्षण और रखरखाव एक नियमित प्रक्रिया है और इसे आवश्यकता और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है।
सरकार प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों में निहित प्रावधानों के अंतर्गत व्यावसायीकरण और शहरीकरण के बढ़ते दबाव से सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है। अतिक्रमणों को रोकने और उन्हें हटाने के लिए, सर्किलों के प्रभारी अधीक्षण पुरातत्वविद् को सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम, 1971 के अंतर्गत अतिक्रमणकारियों को बेदखली नोटिस/आदेश जारी करने के लिए संपदा अधिकारी के अधिकार दिए गए हैं। उन्हें प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 और नियम 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी करने और उसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट को निर्देश देने का भी अधिकार है। संबंधित राज्य सरकारों/पुलिस प्राधिकारियों से समय-समय पर अतिक्रमणों को रोकने और हटाने में सहायता भी मांगी जाती है। इसके अलावा, देश भर में चयनित स्मारकों/स्थलों की सुरक्षा के लिए नियमित निगरानी एवं वार्ड स्टाफ के अतिरिक्त, निजी सुरक्षा कार्मिकों एवं सीआईएसएफ को भी तैनात किया गया है।
एएसआई राष्ट्रीय संरक्षण नीति, 2014 तथा आवश्यकता और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत स्मारकों का रखरखाव और संरक्षण करता है। एएसआई पर्यटकों के आरामदायक और प्रामाणिक अनुभव के लिए अपने स्मारकों पर आगंतुक सुविधाओं का प्रावधान भी सुनिश्चित करता है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2100461)
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