संचार मंत्रालय
उपग्रह संचार का बढ़ता महत्व
ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना
प्रविष्टि तिथि:
06 FEB 2025 3:09PM by PIB Delhi
सरकार ने अक्टूबर, 2022 में सैटेलाइट संचार सुधार और अप्रैल, 2023 में भारतीय अंतरिक्ष नीति की घोषणा की थी। सैटेलाइट संचार सुधार-2022 ने व्यापार को आसान बनाया है, कई प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है और लाइसेंसधारियों पर वित्तीय शुल्क कम किया है। अंतरिक्ष क्षेत्र में किए गए हाल ही में सुधारों के परिणामस्वरूप, कई उपग्रह ऑपरेटरों ने रुचि दिखाई है और भारत में उपग्रह क्षमता प्रदान हेतु अनुमोदन के लिए आवेदन किया है। यह परिकल्पना की गई है कि उपरोक्त सुधारों से बेहतर गुणवत्ता और सस्ती सेवाएँ मिलेंगी
दूरसंचार अधिनियम, 2023 अधिनियम की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध उपग्रह-आधारित सेवाओं के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से स्पेक्ट्रम के आवंटन का प्रावधान करता है। दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुरूप, दूरसंचार विभाग (डॉट) ने 11 जुलाई, 2024 को स्थलीय पहुंच सेवाओं के साथ समान अवसर को ध्यान में रखते हुए उपग्रह-आधारित संचार सेवाएं प्रदान करने के इच्छुक लाइसेंसधारियों के संबंध में स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण सहित स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों और नियमों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से सिफारिशें मांगी है।
दूरसंचार विभाग द्वारा दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए उपग्रह संचार, उत्पादों और समाधानों सहित दूरसंचार के प्रौद्योगिकी डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण में शामिल घरेलू कंपनियों और संस्थानों के लिए अधिसूचित किया गया है।
यह जानकारी संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/आरपी/केसी/एचएन/एसएस
(रिलीज़ आईडी: 2100283)
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