वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण-एपीडा की वित्तीय सहायता योजनाओं से भारत के फल और सब्जी निर्यात में 47.3% की वृद्धि हुई है

Posted On: 04 FEB 2025 7:58PM by PIB Delhi
  • एपीडा बुनियादी ढांचे, गुणवत्ता और बाजार तैयार करने के लिए नई योजनाओं के साथ निर्यातक गतिविधियों को आधार प्रदान करता है
  • भारत का फल और सब्जी निर्यात 123 देशों तक पहुंच चुका है, 3 वर्षों में 17 नए बाजार जुड़े

वाणिज्य विभाग भारत में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के माध्यम से निम्नलिखित तीन व्यापक क्षेत्रों में 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के लिए एपीडा की कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत फलों व सब्जियों सहित अपने अन्य अधिसूचित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में एपीडा के अपने सदस्य निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है:


बुनियादी ढांचे के विकास के लक्ष्य के साथ व्यापक योजना - पैकिंग / ग्रेडिंग लाइनों के साथ पैकहाउस सुविधाओं की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड परिवहन आदि के साथ प्री-कूलिंग यूनिट व केले जैसी फसलों की हैंडलिंग हेतु केबल सिस्टम, शिपमेंट पूर्व आवश्यक सुविधाएं जैसे इरेडिएशन, वाष्प गर्मी उपचार, गर्म पानी डिप उपचार और सामान्य बुनियादी सुविधाएं सुविधाएं, रीफर वैन तथा व्यक्तिगत निर्यातकों के मौजूदा बुनियादी ढांचे में मिसिंग गैप।

 

गुणवत्ता विकास के उद्देश्य पूर्ति की योजना - प्रयोगशाला परीक्षण उपकरणों की खरीद, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की स्थापना, पानी, मिट्टी, अवशेषों और कीटनाशकों आदि की ट्रेसेबिलिटी और परीक्षण हेतु खेत स्तर के निर्देशांक को कैप्चर करने के लिए हैंडहेल्ड डिवाइस हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना।

 

बाजार संवर्धन हेतु योजना - इस सहायता में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी, क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन और नए उत्पादों के लिए पैकेजिंग मानक विकसित करना तथा मौजूदा पैकेजिंग मानकों को उन्नत करना शामिल है।

वित्तीय सहायता दिशानिर्देशों का विवरण एपीडा वेबसाइट www.apeda.gov.in पर "स्कीम" टैब के अंतर्गत उपलब्ध है।

इन कार्यक्रम योजनाओं के परिणामस्वरूप ही 2019-20 से 2023-24 की अवधि के बीच फलों और सब्जियों के निर्यात की मात्रा में 47.3% की वृद्धि हुई है।

 

पिछले पांच वर्षों में फलों और सब्जियों का निर्यात डेटा

 

 

 

देश: सभी

 

 

उत्पाद: ताजे फल और सब्जियां

 

 

 

मूल्य मिलियन अमरीकी डॉलर में

मात्रा हजार मीट्रिक टन में

 

 

उत्पाद

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

 

 

ताजे फल और सब्जियां

1,282.43

1,342.13

1,527.63

1,635.95

1,814.58

2,659.48

3,148.08

3,376.25

4,335.68

3,911.95

 

 

स्रोत: डीजीसीआईएस

 

 

 

पिछले पांच वर्षों में मात्रा के संदर्भ में वृद्धि =47.30%

पिछले पांच वर्षों में मूल्य के संदर्भ में बढ़ोतरी =41.50%

सरकार भारत से फलों और सब्जियों के कुल निर्यात का रिकॉर्ड रखती है। राज्यों के निर्यात आंकड़े शिपिंग बिलों में निर्यातकों द्वारा बताए गए स्टेट-ऑफ-ओरिजिन कोड के आधार पर संकलित किए जाते हैं। इस प्रकार, फलों और सब्जियों के निर्यात का राज्यवार डेटा उपलब्ध नहीं है क्योंकि इसे वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा मान्य नहीं किया गया है। हालांकि, फल और सब्जियां उगाने वाले प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक हैं।

 

भारत का विश्व को आम और प्याज का निर्यात (विविधता के अनुसार)

उत्पाद

प्रकार

अमरीकी डॉलर मिलियन

मात्रा मीट्रिक टन में

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

आम

अन्य आम

0.00

25.42

23.48

33.26

36.18

0.00

15795.09

17448.90

17257.28

23786.16

केसर

0.00

2.92

6.91

4.97

11.25

0.00

983.73

2319.08

1749.97

3787.01

अल्फांसो (हापुस)

0.00

6.08

10.09

7.84

8.68

0.00

3195.86

5994.86

2829.76

2673.39

बंगनपल्ली

0.00

1.46

3.01

2.00

3.20

0.00

830.55

1674.04

856.91

1081.68

चौसा

0.00

0.05

0.05

0.03

0.24

0.00

40.98

25.64

19.72

488.26

लंगड़ा

0.00

0.08

0.16

0.12

0.19

0.00

48.99

122.16

70.02

81.94

दशहरी

0.00

0.09

0.11

0.06

0.17

0.00

49.50

75.92

34.70

75.54

तोतापरी

0.00

0.07

0.17

0.20

0.16

0.00

47.47

151.01

116.60

91.95

मल्लिका

0.00

0.03

0.09

0.06

0.07

0.00

41.40

61.16

28.81

38.17

आम, ताजा/सूखे,

56.11

0.00

0.00

0.00

0.00

49658.68

0.00

0.00

0.00

0.00

कुल आम

56.11

36.20

44.07

48.54

60.14

49658.68

21033.57

27872.77

22963.77

32104.10

प्याज

अन्य प्याज ताजा - ठंडा

0.00

0.00

0.00

0.00

434.78

0.00

0.00

0.00

0.00

1606683.97


गुलाबी प्याज ताजा - ठंडा

0.00

0.00

0.00

0.00

38.94

0.00

0.00

0.00

0.00

110755.38

प्याज ताजा - ठंडा

324.20

378.49

460.56

561.38

0.00

1149896.84

1578016.57

1537496.85

2525258.35

0.00

कुल प्याज

324.20

378.49

460.56

561.38

473.72

1149896.84

1578016.57

1537496.85

2525258.35

1717439.35

 

स्रोत: डीजीसीआईएस

 

नोट:- कमोडिटी के (*) चिह्न वाला आईटीसी एचएस कोड या तो हटा दिया गया है या फिर से आवंटित कर दिया गया है

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 123 देशों तक पहुंच गया। पिछले 3 वर्षों में, भारतीय ताजा उपज ने 17 नए बाजारों में प्रवेश किया, जिनमें से कुछ प्रमुख देश ब्राजील, जॉर्जिया, युगांडा, पापुआ न्यू गिनी, चेक गणराज्य, युगांडा, घाना आदि हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी, सक्रिय रूप से बाजार पहुंच की वार्ताओं को आगे बढ़ाने, क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन आदि जैसे कई उपायों के माध्यम से हासिल किया गया है।

वाणिज्य विभाग नए बाजारों तक पहुंचने के उद्देश्य से बाजार पहुंच वार्ता के लिए कृषि उत्पादों को प्राथमिकता देने में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ निकट समन्वय में कार्य कर रहा है। परिणामस्वरूप, भारत ने पिछले तीन वर्षों में निम्नलिखित वस्तुओं में नए बाजार तक पहुंच हासिल की है:

  • सर्बिया में भारतीय आलू और प्याज
  • कनाडा में बेबी कॉर्न और ताजा केला
  • ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, सर्बिया और न्यूजीलैंड में अनार छीलकर
  • इरेडिएशन ट्रीटमेंट के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में साबुत अनार

नए बाजारों तक पहुंचने में आने वाली बाधाएं उत्पाद-दर-उत्पाद भिन्न-भिन्न होती हैं और प्रकृति में गतिशील होती हैं। फलों और सब्जियों के लिए नए बाजारों तक पहुंचने में कुछ प्रमुख बाधाएं इस प्रकार हैं:

  • भारत से लंबी भौगोलिक दूरी के कारण लॉजिस्टिक्स की लागत बढ़ रही है।
  • कुछ उत्पादों के लिए आयातक देशों द्वारा बाजार पहुंच प्रदान करने में देरी।
  • कुछ आयातक देशों द्वारा लगाई गई कठोर फाइटो-सैनिटरी आवश्यकताएं।
  • कुछ देशों में उद्यमों के पंजीकरण में देरी।

वाणिज्य विभाग द्वारा उपरोक्त समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं:

  • भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करने हेतु कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने बाजार पहुंच वार्ता को तेज करने के उद्देश्य से प्रमुख उत्पादों व प्रमुख देशों की पहचान की है।
  • लॉजिस्टिक खर्चों को कम करने और बड़ी मात्रा में निर्यात को पूरा करने के लक्ष्य के साथ बागवानी उत्पादों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन।
  • सुविधाओं के पंजीकरण और बाजार पहुंच वार्ता के लिए विदेश में भारतीय मिशनों के सहयोग से आयात करने वाले देशों के समकक्ष अधिकारियों के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई करना।
  • कठोर फाइटो-सैनिटरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेसेब्लिटी सिस्टम की स्थापना और किसान और सुविधा पंजीकरण की एक प्रणाली बनाना।


यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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