उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, प्रमुख बिंदु के रूप में उभरी है, यह 17 भाषाओं में काम करती है और इसमें एआई-आधारित स्पीच पहचान प्रणाली है
Posted On:
04 FEB 2025 5:13PM by PIB Delhi
विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को एक नया रूप दिया है, जो मुकदमे- पूर्व चरण में शिकायत निवारण के लिए देश भर में उपभोक्ताओं तक पहुंच के एकल बिंदु के रूप में उभरा है। यह हेल्पलाइन हिंदी, अंग्रेजी, कश्मीरी, पंजाबी, नेपाली, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, मैथिली, संथाली, बंगाली, ओडिया, असमिया और मणिपुरी सहित 17 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को टोल-फ्री नंबर 1915 के ज़रिए अपनी शिकायतें दर्ज करने की सुविधा मिलती है। इन शिकायतों को एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (आईएनजीआरएएम), एक ओम्नी-चैनल, आईटी-सक्षम केंद्रीय पोर्टल पर विभिन्न माध्यमों व्हाट्सएप (8800001915), एसएमएस (8800001915), ईमेल (nch-ca[at]gov[dot]in), एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल (consumerhelpline.gov.in), और उमंग ऐप के ज़रिए दर्ज किया जा सकता है, जो उपभोक्ताओं को सुविधाएं प्रदान करते हैं।
यह हेल्पलाइन राष्ट्रीय अवकाशों को छोड़कर सप्ताह के सभी सात दिनों में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक समर्पित तरीके से संचालित होती है। पहुंच को और अधिक बढ़ाने के लिए, इसमें कॉल-बैक सुविधा भी उपलब्ध है। त्वरित सेवा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है।
एनसीएच उन कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से साझेदारी करता है, जो कुशल उपभोक्ता शिकायत समाधान की पेशकश करने के लिए स्वैच्छिक आधार पर कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं। यह पहल कंपनी को प्री-लिटिगेशन चरण में उपभोक्ता विवादों का निपटारा करके, बेहतर कॉर्पोरेट प्रशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का अवसर देती है। कन्वर्जेंस भागीदारों की संख्या 2017 में 263 कंपनियों से लगातार बढ़कर अब तक 1038 कंपनियों तक पहुंच गई है।
एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन ने इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में भी काफी वृद्धि की है। एनसीएच को मिली कॉल्स की संख्या में दस गुना से ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। दिसंबर 2015 में ये संख्या 12,553 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 1,55,138 हो गई है। तेज़ रफ्तार से हुई ये वृद्धि, हेल्पलाइन में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। इसी तरह, हर महीने दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है। इसके अलावा, व्हाट्सएप के ज़रिए शिकायत पंजीकरण में भी तेजी आई है, इस माध्यम पर दर्ज की गई शिकायतों का प्रतिशत मार्च 2023 में 3% से बढ़कर दिसंबर 2024 में 18% हो गया है, जो डिजिटल संचार चैनलों के लिए बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है।
शिकायत निवारण को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम के तहत, एनसीएच ने एनसीएच 2.0 पहल के हिस्से के रूप में एआई-आधारित स्पीच पहचान, एक अनुवाद प्रणाली और एक एआई सक्षम चैटबॉट भी पेश किया है। इस तकनीकी प्रगति का मकसद शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को अधिक सहज, कुशल और समावेशी बनाना है। एआई-संचालित स्पीच पहचान और अनुवाद प्रणाली, उपभोक्ताओं को मैन्युअल हस्तक्षेप को कम करते हुए, उनकी स्थानीय भाषाओं में वॉयस इनपुट के माध्यम से शिकायत दर्ज करने में सक्षम बनाती है। एआई सक्षम चैटबॉट, वास्तविक समय में मदद देता है, शिकायत-निपटान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और उपयोगकर्ता के अनुभव में सुधार करता है। ये बदलाव सुनिश्चित करते हैं कि विविध भाषाई पृष्ठभूमि वाले उपभोक्ताओं को शिकायत निवारण प्रणाली तक समान पहुंच प्राप्त हो।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) की वेबसाइट को भी मुकदमे-पूर्व चरण में शिकायत निवारण की मांग करने वाले देश भर के उपभोक्ताओं के लिए, पहुंच के केंद्रीय बिंदु के रूप में सेवा देने के लिए अपग्रेड किया गया है। इस वेबसाइट में उपयोगकर्ता-केंद्रित डिज़ाइन के साथ बेहतर कार्यक्षमता, आधुनिक सुविधाएँ और बेहतर नेविगेशन शामिल है। इसमें उन्नत सुविधाएँ भी शामिल हैं, जो शिकायतों का तेज़ी से समाधान और अधिक कुशल उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करती हैं।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर, अन्य डिजिटल संचार चैनलों सहित एक महीने के दौरान दर्ज की गई शिकायतों की औसत संख्या नीचे दी गई तालिका के अनुसार है:
वित्त वर्ष
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मासिक आधार पर पंजीकृत डॉकेट की औसत संख्या
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अप्रैल'24 - दिसंबर'24
(2024- 25)
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1,13,551
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2023 – 2024
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1,02,976
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2022 – 2023
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83,832
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यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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