संस्‍कृति मंत्रालय
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युवा कलाकारों को समर्थन करने के उपाय

Posted On: 03 FEB 2025 4:21PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति (एसवाईए) के नाम से एक वित्तीय अनुदान योजना लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य शास्त्रीय नृत्य, स्वदेशी कलाकृति और अन्य पारंपरिक कला-रूपों और विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले युवा कलाकारों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 400 स्कॉलर्स को 2 वर्ष की अवधि के लिए चार बराबर छह मासिक किस्तों में 5,000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। चयनित स्कॉलर्स की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्हें किसी गुरु या संस्थान से कम से कम 5 वर्षों तक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए। स्कॉलर्स का चयन मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति के समक्ष व्यक्तिगत साक्षात्कार/बातचीत में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।

पिछले 3 बैच वर्षों के दौरान उपरोक्त योजना में छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या:-

उपरोक्त के अतिरिक्त, पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान गुरु शिष्य परम्परा (रिपर्टरी अनुदान) योजना के अंतर्गत निम्नलिखित कलाकारों (युवा कलाकारों सहित) को भी लाभान्वित किया गया है: -

संस्कृति मंत्रालय अन्य बातों के साथ-साथ ‘कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फेलोशिप योजना’ के नाम से एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना का संचालन कर रहा है। इसका एक घटक ‘विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति’ है। ‘कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उक्त छात्रवृत्ति और फेलोशिप योजना’ के लिए धन आवंटित किया जाता है, जिसमें अलग से घटकवार धन का आवंटन नहीं किया जाता है। पिछले तीन और वर्तमान वित्तीय वर्षों के दौरान कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फेलोशिप योजना (विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति की योजना घटक सहित) के अंतर्गत आवंटित और उपयोग किए गए बजट का विवरण : -

संस्कृति मंत्रालय भारतीय संस्कृति पर शोध करने के लिए भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में स्वदेशी संस्कृति भी शामिल है, जैसे इंडोलॉजी, पुरालेखशास्त्र, संस्कृति का समाजशास्त्र, सांस्कृतिक अर्थशास्त्र, स्मारकों के संरचनात्मक और इंजीनियरिंग पहलू, मुद्राशास्त्र आदि। मंत्रालय अपने दो योजना घटकों (i) संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट व्यक्तियों को वरिष्ठ/कनिष्ठ फेलोशिप प्रदान करना (ii) सांस्कृतिक अनुसंधान के लिए टैगोर राष्ट्रीय फेलोशिप के माध्यम से इसे बढ़ावा दे रहा है।

संस्कृति मंत्रालय अन्य बातों के साथ-साथ, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फेलोशिप योजना के नाम से एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना का संचालन कर रहा है, जिसके निम्नलिखित तीन योजना घटक हैं:-

(i) विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति।

(ii) संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट व्यक्तियों को वरिष्ठ/कनिष्ठ फेलोशिप प्रदान करना तथा

(iii) सांस्कृतिक अनुसंधान के लिए टैगोर राष्ट्रीय फेलोशिप

 ‘कला एवं संस्कृति के संवर्धन के लिए उक्त छात्रवृत्ति एवं फेलोशिप योजना’ के लिए धनराशि आवंटित की जाती है, जिसमें अलग से घटकवार धनराशि का आवंटन नहीं किया जाता है। पिछले तीन एवं चालू वित्तीय वर्षों के दौरान उक्त योजना (इसकी सभी योजना घटकों सहित) के अंतर्गत आवंटित एवं उपयोग किए गए बजट का विवरण ऊपर क्रम संख्या (ग) में दिया गया है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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