पर्यटन मंत्रालय
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प्रसाद योजना के तहत तीर्थ स्थलों का रूपांतरण किया गया

Posted On: 03 FEB 2025 4:32PM by PIB Delhi

पर्यटन मंत्रालय 'तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक, विरासत और संवर्धन अभियान' (प्रसाद) योजना के तहत नामित और विरासत स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

योजना के तहत जिन बुनियादी ढांचे के विकास घटकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, उनमें गंतव्य प्रवेश बिंदुओं जैसे यात्री टर्मिनलों (सड़क, रेल और जल परिवहन) का विकास/उन्नयन, पर्यटक सूचना/एटीएम/मुद्रा विनिमय काउंटर जैसी बुनियादी सुविधाएं आदि शामिल हैं। इसमें व्याख्या केंद्र भी शामिल हैं। सड़क सम्पर्क (अंतिम) कनेक्टिविटी में सुधार, परिवहन के पर्यावरण अनुकूल तरीके और पर्यटक गतिविधियाँ जैसे प्रकाश और ध्वनि शो, पर्यटक बुनियादी ढांचे के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, पार्किंग सुविधाएं, शौचालय, क्लॉकरूम सुविधाएं, प्रतीक्षालय, शिल्प झोपड़ियाँ/बाज़ार/ इनमें स्मारिका वस्तुओं की खरीद, दुकानें शामिल हैं/ कैफेटेरिया, वर्षा आश्रय स्थल, वॉच टावर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, टेलीफोन बूथों की स्थापना के माध्यम से संचार में सुधार, मोबाइल सेवाएं, इंटरनेट कनेक्टिविटी, वाई-फाई हॉटस्पॉट आदि शामिल हैं।

योजना के अंतर्गत विकसित प्रमुख घटकों के साथ-साथ अनुमोदित परियोजनाओं का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

इस योजना के अंतर्गत विकास के लिए महाराष्ट्र में तीन स्थानों की पहचान की गई है, जिनके नाम हैं श्री घृष्णेश्वर शिवालय, तुलजापुर और श्री क्षेत्र राजूर। पर्यटन परियोजनाओं से संबंधित वित्तीय सहायता के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्रस्ताव प्राप्त करना एक सतत प्रक्रिया है। प्राप्त प्रस्तावों की स्थापित दिशानिर्देशों के आधार पर जांच की जाती है तथा निर्धारित शर्तों की पूर्ति तथा धन की उपलब्धता के अधीन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण प्रदान किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

प्रसाद योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें

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