रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उद्योग एवं शिक्षा जगत से देश के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा निर्माण हेतु रोडमैप सुझाने का आग्रह किया


पिछले दशक में देश के उल्लेखनीय स्वास्थ्य सेवा विकास को महत्वपूर्ण उपलब्धियों द्वारा चिन्हित किया गया है, मेडटेक क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2030 तक इसके 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है: श्री जेपी नड्डा

केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा ने वर्ष 2047 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए डिजिटल रणनीति और वर्ष 2047 तक गैर संचारी रोगों के प्रबंधन के विषय पर छात्रों और स्टार्टअप के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद द्वारा आयोजित हेल्थकेयर हैकथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया

भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन 2025 ‘‘@2047 तक में भारत में उन्नत स्वास्थ्य सेवा’’ थीम पर केंद्रित है

Posted On: 18 JAN 2025 8:30PM by PIB Delhi

‘‘@2047 तक भारत में उन्‍नत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा’’ विषय पर आईआईएमए हेल्‍थकेयर एलुमनाई स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप (एएसआईजी) के सहयोग से स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन केंद्र (सीएमएचएस) और आईआईएमए के पूर्व छात्र एवं बाह्य संबंध कार्यालय ने दूसरे हेल्‍थकेयर शिखर सम्‍मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जेपी नड्डा की गरिमामयी उपस्थिति‍ थी। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में देश की स्थिति और भविष्य के बारे में समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण मुख्य भाषण दिया।

 

आईआईएमए हेल्थकेयर समिट 2025 में देश के स्वास्थ्य सेवा इको-सिस्‍टम के शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को संबोधित करते हुए, श्री जेपी नड्डा ने कहा, पिछले एक दशक में भारत के उल्लेखनीय स्वास्थ्य सेवा विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियां शामिल हैं, जैसे कि चिकित्सा बुनियादी ढांचे का विस्तार, जिसमें एम्स और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है; आयुष्मान भारत और मिशन इंद्रधनुष जैसी पहलों के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा जो लाखों लोगों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार कर रहे हैं; रोग नियंत्रण उपायों का कार्यान्वयन, जिसका उदाहरण मलेरिया के मामलों में पर्याप्त गिरावट और कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण आदि हैं। सुलभ स्वास्थ्य सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता ने परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं। मात्रा के हिसाब से वैश्विक जेनेरिक दवा आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत पूरा करके और दुनिया के 60 प्रतिशत टीकों का उत्पादन करके, भारत अब सस्ती दवाओं और टीकों में वैश्विक अग्रणी के रूप में खड़ा है।

 

स्वास्थ्य सेवा वितरण में प्रौद्योगिकी एकीकरण के महत्व और इस दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करते हुए, श्री नड्डा ने कहा, ‘‘मेडटेक क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और वर्ष 2030 तक इसके 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। आयुष्मान भारत आईडी, टेलीमेडिसिन और एआई एकीकरण जैसे डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ, हम बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए अग्रसर है, गुणवत्तापूर्ण कार्यबल को बढ़ावा दे रहे हैं, और सभी के लिए चिकित्सा समाधानों में आत्मनिर्भरता और सामर्थ्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। जैसा कि हम @2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखते हैं, आइए हम सभी क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा दें, चाहे वह प्रबंधन हो, चिकित्सा हो, इंजीनियरिंग हो या सामाजिक विज्ञान हो, ताकि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में जन-केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके।’’

अपने समापन भाषण में केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा  ने उद्योग और शिक्षा जगत से अपने शोध के साथ नीतिगत हस्तक्षेप में योगदान देने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि ‘‘उद्योग और शिक्षा जगत के शोध कार्य को नीति में लागू किया जाना चाहिए और हम नीति निर्माता के रूप में इसे करने के लिए तैयार हैं। आप हमें नीतिगत हस्तक्षेप, नवाचारों, संयुक्त सहयोग के लिए रोडमैप सुझाएं और हम उस मार्ग को बनाने के लिए हर तरह से आपका सहयोग करेंगे।’’ उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें बड़ा सोचने और अरबों लोगों के लिए भविष्य की स्वास्थ्य सेवा बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया।

आईआईएमए के निदेशक, प्रोफेसर भारत भास्कर ने अपने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों में, भारत ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमें इस सम्मेलन की मेजबानी करने पर गर्व है क्योंकि यह हमारे मूल मूल्यों के अनुरूप है। एक संस्थान के रूप में आईआईएमए न केवल कॉर्पोरेट लीडर तैयार करता है, बल्कि हम जो आउटपुट तैयार कर रहे हैं, उसने सार्वजनिक प्रणालियों के प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव डाला है। हम भविष्य के स्वास्थ्य सेवा नेताओं और प्रबंधकों को विकसित करने के लिए अनुसंधान और प्रबंधन में अपनी ताकत का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो नवाचार को आगे बढ़ा सकते हैं और स्वास्थ्य सेवा वितरण को अनुकूलित कर सकते हैं।’’ आईआईएमए के स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन केंद्र (सीएमएचएस) द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रोफेसर भास्कर ने कहा, ‘‘हाल ही में सीएमएचएस गैर-संचारी रोगों से संबंधित चुनौतियों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि भारत में लगभग 60 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी रोगों के कारण होती हैं। पिछले एक दशक में, सीएमएचएस ने शीर्ष पत्रिकाओं में 20 से अधिक शोध पत्र तैयार किए हैं और छह केस स्टडी बनाई हैं।’’

आईआईएमए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष और ज़ाइडस लाइफसाइंसेज के अध्यक्ष श्री पंकज पटेल ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के रूप में, हमने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य सेवा में जबरदस्त प्रगति की है। स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और आज टियर 2 और टियर 3 शहरों में हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा उत्कृष्ट गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाने में सक्षम है। यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि हम जेनेरिक दवाओं के शीर्ष उत्पादकों में से एक हैं और मात्रा के हिसाब से दवा उत्पादन में दुनिया भर में तीसरे स्थान पर हैं। यह स्वास्थ्य सेवा शिखर सम्मेलन यह देखने का एक अवसर है कि अगले दो दशकों में भारत का स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य कैसा होगा।’’ श्री पटेल ने ‘रोगी-प्रथम’ दृष्टिकोण रखने के महत्व पर जोर दिया और दर्शकों और पैनल सदस्यों को एक ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जो रोगी पर अधिक केंद्रित हो। जैसे-जैसे हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं, एक समान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली जो भारत की बड़ी आबादी की सेवा कर सके, महत्वपूर्ण होने जा रही है और हमारे पास इसे साकार करने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा, "इसलिए हमें गुणवत्ता, सामर्थ्य और सभी के लिए पहुंच में सुधार लाने की दिशा में निरंतर काम करने की जरूरत है।’’

भारतीय औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव रघुवंशी और औषधि विभाग के सचिव श्री अमित अग्रवाल ने भी श्रोताओं को संबोधित किया और देश में वर्तमान औषधि वितरण एवं नियामक प्रणाली तथा भविष्य की संभावनाओं के बारे में व्यापक जानकारी दी।

स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने में युवाओं की क्षमता को पहचानते हुए, आईआईएमए ने छात्रों और स्टार्टअप्स के लिए एक प्री-समिट इवेंट के रूप में हेल्थकेयर हैकथॉन का आयोजन किया, जिसमें वर्ष 2047 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए डिजिटल रणनीति और वर्ष 2047 तक गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन के विषय पर अभिनव विचार प्राप्त हुए। हैकथॉन के विजेता और प्रथम उपविजेता ने कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतियां दीं और उन्हें श्री जेपी नड्डा द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। उन्होंने आईआईएमए द्वारा ‘‘लैब से लेकर जाब्स तक - भारत में कोविड-19 टीकाकरण के पैमाने से प्रबंधन के सबक’’ शीर्षक से एक शोध रिपोर्ट भी जारी की।

हेल्थकेयर सेक्टर के पेशेवरों के लगभग 600 पंजीकरणों के साथ, हेल्थकेयर समिट 2025 सार्थक संवाद और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा। दिन भर के कार्यक्रम में दो पैनल चर्चाएं हुईं, 1) ‘‘@2047 तक भारत में स्वास्थ्य सेवा को उन्‍नत बनाना’’ और 2) ‘‘स्वास्थ्य सेवा को बदलना - भारत की उभरती कंपनियों से अंतर्दृष्टि’’, जहां उद्योगपतियों ने इस क्षेत्र में भविष्य के अवसरों और स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रोडमैप क्या हो सकता है, इस बारे में चर्चा की। इस कार्यक्रम में सन फार्मा के चेयरपर्सन श्री दिलीप सांघवी और टोरेंट ग्रुप के चेयरपर्सन श्री समीर मेहता के साथ फायरसाइड चैट और उभरते हेल्थकेयर स्टार्ट-अप्स शोकेस भी हुए। आईआईएमए सेंटर फॉर मैनेजमेंट ऑफ हेल्थ सर्विसेज, जो अपने प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान के लिए जाना जाता है, ने भी अब तक किए गए अपने कार्यों पर प्रकाश डाला।

***

एमजी/केसी/एचएस/वीके       


(Release ID: 2098947) Visitor Counter : 92
Read this release in: English , Urdu , Gujarati