वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
1.57 लाख स्टार्टअप और 17.28 लाख नौकरियां, एक दशक की प्रगति का प्रतीक
Posted On:
01 FEB 2025 2:44PM by PIB Delhi
परिचय
भारत ने 31 दिसंबर 2024 तक स्टार्ट अप की मान्यता के लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी किए गए 1.57लाख प्रमाणपत्रों के साथ दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ईकोसिस्टम के रूप में खुद को मजबूती से स्थापित किया है। 100 से अधिक यूनिकॉर्न द्वारा संचालित देश का उद्यमशीलता परिदृश्य, नवाचार को फिर से परिभाषित कर रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर पैदा कर रहा है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख केंद्र इस परिवर्तन में सबसे आगे रहे हैं, जबकि छोटे शहर भी गति में तेजी से योगदान दे रहे हैं, जिसमें स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से, 51% से अधिक स्टार्टअप टियर II/ III शहरों से उभर रहे हैं।

स्टार्टअप के लिए प्रमुख योजनाएं और पहल
स्टार्टअप इंडिया
भारत सरकार द्वारा 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया स्टार्टअप इंडिया नवाचार को बढ़ावा देने और एक संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए एक प्रमुख पहल है। इसका लक्ष्य आर्थिक विकास को गति देना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है। स्टार्टअप को उनकी विकास यात्रा में समर्थन देकर, यह पहल नवाचार और डिजाइन को प्रोत्साहित करती है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से, इसका उद्देश्य स्टार्टअप को आगे बढ़ने और सफल होने के लिए सशक्त बनाना है।

प्रगति और असर:
- स्टार्टअप विकास: 31 दिसंबर, 2024 तक डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 2016 में लगभग 502 से बढ़कर 1,57,706 हो गई है।
- रोजगार सृजन: 31 दिसंबर, 2024 तक स्टार्टअप ने 17.28 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं, जिसमें आईटी सेवा क्षेत्र 2.10 लाख नौकरियों के साथ सबसे आगे है, जिसके बाद हेल्थकेयर और लाइफसाइंसेज (1.51 लाख) और व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाएं (96,474) हैं।
- महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप: 31 दिसंबर, 2024 तक, कुल 75,935 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कम से कम एक महिला निदेशक शामिल हैं (मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के स्व-रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार), जो भारत में महिला उद्यमियों के उदय को दर्शाती हैं।
- व्यवसाय करने में सुगमता और कर लाभ: सरलीकृत अनुपालन, स्व-प्रमाणन और तीन वर्षों के लिए कर छूट ने स्टार्टअप के लिए संचालन को सुव्यवस्थित किया है।

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस)
₹945 करोड़ के कोष के साथ 2021 में शुरू की गई, एसआईएसएफएस विभिन्न चरणों में स्टार्टअप का समर्थन करती है, जिसमें अवधारणा का प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण शामिल हैं। यह योजना 1 अप्रैल 2021 से चालू है, और इसकी देखरेख विशेषज्ञ सलाहकार समिति (EAC) द्वारा की जाती है, जो फंड आवंटन के लिए इनक्यूबेटरों का मूल्यांकन और चयन करती है।


- दिसंबर 2024 तक योजना के तहत 213 इनक्यूबेटरों को मंजूरी दी गई है।
- दिसंबर 2024 तक कुल 2,622 स्टार्टअप को ₹467.75 करोड़ की फंडिंग से लाभ हुआ है।
फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस) योजना
स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), जिसे जून 2016 में ₹10,000 करोड़ के कोष के साथ शुरू किया गया था, का उद्देश्य स्टार्टअप के लिए घरेलू पूंजी तक पहुंच को बढ़ावा देना है। सिडबी (SIDBI) द्वारा प्रबंधित, यह सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) को वित्त पोषित करता है, जो तब इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड उपकरणों के माध्यम से स्टार्टअप में निवेश करते हैं।
प्रगति और असर:
- 2024 तक, डीपीआईआईटी द्वारा सिडबी को ₹6,886 करोड़ प्रतिबद्ध किए गए हैं और दिसंबर 2024 तक एफएफएस योजना के तहत सिडबी द्वारा एआईएफ को ₹11,687 करोड़ प्रतिबद्ध किए गए थे।
- इस प्रतिबद्धता ने 1,173 स्टार्टअप में ₹21,276 करोड़ के निवेश को उत्प्रेरित किया।
स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस)
स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीs) और उद्यम ऋण निधियों से डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी प्रदान करती है। नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा कार्यान्वित, इसका उद्देश्य स्टार्टअप के लिए फंडिंग तक पहुंच को आसान बनाना है, जिसके तहत एक निर्दिष्ट सीमा तक क्रेडिट गारंटी की पेशकश की जाती है।
प्रगति और असर:
- 3 जनवरी, 2025 तक, योजना ने 209 स्टार्टअप को ₹604.16 करोड़ के 260 ऋणों की गारंटी दी है।
- इनमें से, ₹27.04 करोड़ 17 महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप को आवंटित किए गए हैं।
अन्य उल्लेखनीय योजनाएं
अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम)
नीति आयोग द्वारा 2016 में शुरू किया गया, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) का उद्देश्य पूरे भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इसमें स्कूल स्तर पर रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए अटल टिंकरिंग लैब्स, एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए अटल इनक्यूबेशन सेंटर और असेवित और वंचित क्षेत्रों की सेवा के लिए अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र जैसी पहलें शामिल हैं। अटल न्यू इंडिया चैलेंज राष्ट्रीय प्रभाव वाले उत्पाद और सेवा नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। सभी पहलों की निगरानी वास्तविक समय की एमआईएस (MIS) प्रणालियों के माध्यम से की जाती है, निरंतर सुधार के लिए तीसरे पक्ष की समीक्षाओं के साथ।
प्रगति और असर:
- आज तक, एआईएम के तहत पूरे भारत के स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए जा चुके हैं।
- 18 दिसंबर, 2024 तक, 72 अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स (एआईसी) में कुल 3,556 स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया गया है, जिससे 41,965 नौकरियां पैदा हुई हैं।
एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच)
भारत लगभग 30,000+ तकनीकी स्टार्टअप्स के साथ सबसे जीवंत स्टार्टअप ईकोसिस्टमों में से एक का घर है, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम बनाता है। एमईआईटीवाई के स्टार्टअप हब (एमएसएच) का उद्देश्य प्रौद्योगिकी नवाचार हितधारकों को एकजुट करके और नवाचार और तकनीकी प्रगति के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर एक जीवंत नवाचार और स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ावा देना है। यह एक केंद्रीय हब के रूप में कार्य करता है, जो मंत्रालय द्वारा समर्थित इनक्यूबेशन केंद्रों, उभरती प्रौद्योगिकियों पर उत्कृष्टता केंद्रों और अन्य प्लेटफार्मों के बीच तालमेल सुनिश्चित करता है। एमएसएच पूरे नवाचार और स्टार्टअप ईकोसिस्टम में संसाधनों, सर्वोत्तम प्रथाओं और विचारों को साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
प्रगति और असर:
- 5,310+ स्टार्टअप्स, 495+ इनक्यूबेटर्स और 328+ लैब्स एमईआईटीवाई स्टार्ट अप हब (एमएसएच) योजना का हिस्सा हैं।
समापन
पिछले 10 वर्षों में, भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में जबरदस्त वृद्धि हुई है, और यह दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बन गया है। स्टार्टअप इंडिया, एसआईएसएफएस, सीजीएसएस, एफएफएस जैसी पहलों और एआईएम और एमएसएच जैसी क्षेत्र-विशेष की योजनाओं के साथ, सरकार ने नवाचार को बढ़ावा देने, नौकरियां पैदा करने और उद्यमियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हितधारकों के बीच इस गतिशील सहयोग ने ईकोसिस्टम को मजबूत किया है, आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है और अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाया है। भविष्य के मद्देनजर भारत का स्टार्टअप परिदृश्य और भी बड़ी उपलब्धियों तक पहुंचने के लिए तैयार है।.
संदर्भ:
- https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2093125
- https://www.pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1886031
- https://msh.meity.gov.in/
- https://aim.gov.in/overview.php
- https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/183/AU3820_406x3D.pdf?source=pqals
- https://www.startupindia.gov.in/
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