इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर भारतीय कृषि में क्रांति लाने के लिए एआई-संचालित उत्कृष्टता केंद्र- एग्रीहब का शुभारंभ किया


एग्रीहब एक आत्मनिर्भर कृषि प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी प्रणाली के लिए स्टार्टअप इनक्यूबेशन, रोजगार सृजन, पेटेंट, प्रकाशन और उद्योग सहयोग को प्रोत्साहन देगा

एग्रीहब, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी समाधानों के साथ किसानों, शोधकर्ताओं और प्रजनकों को सशक्त बनाने के लिए एक सहयोगी मंच है

मध्य प्रदेश सरकार, आईसीएआर-आईआईएसआर इंदौर, आईसीएआर-सीआईएई भोपाल और सीडैक पुणे के सहयोग से केंद्र विकसित किया गया

Posted On: 29 JAN 2025 7:00PM by PIB Delhi

आईआईटी इंदौर ने 27 जनवरी, 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) , मशीन लर्निंग (एमएल) और डीप लर्निंग (डीएल) का लाभ उठाते हुए दीर्घकालीन कृषि के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) एग्रीहब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारत सरकार के सचिव श्री एस कृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। श्री केके सिंह, संयुक्त सचिव नवाचार और आईपीआर प्रभाग एमईआईटीवाई, श्री दुबे, अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एसएंडटी मध्य प्रदेश, डॉ. सीआर मेहता, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएई भोपाल, श्री मगेश एथिराजन, महानिदेशक, सी-डैक और डॉ. कुंवर हरेंद्र सिंह, निदेशक, आईसीएआर-आईआईएसआर इंदौर भी सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधियों के रूप में उपस्थित थे।

एग्रीहब ( https://agrihub.iiti.ac.in ) एक बहु-विषयक, बहु-संस्थागत सहयोगात्मक पहल है जिसका उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन देना और भारतीय कृषि को बदलना है। शोधकर्ताओं, प्रजनकों और किसानों को सशक्त बनाने के मिशन के साथ, एग्रीहब एक सहयोगी मंच के रूप में काम करेगा, जो भारतीय कृषि के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाएगा।

समन्वय और तालमेल को बढ़ावा देकर, यह संसाधनों और विशेषज्ञता के कुशल उपयोग को बढ़ाएगा, यह सुनिश्चित करेगा कि तकनीकी प्रगति किसानों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य प्रमुख हितधारकों की जरूरतों के अनुरूप हो, जिससे सूखा, बाढ़ और कम उत्पादकता जैसी गंभीर कृषि चुनौतियों के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

प्रमुख कार्यक्रमों में स्टार्टअप इनक्यूबेशन, जॉब क्रिएशन, पेटेंट, प्रकाशन, उद्योग सहयोग, छात्र मेंटरशिप और उद्यमिता कार्यशालाएं सम्मिलित हैं। पांच वर्षों में, एग्रीहब एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी प्रणाली स्थापित करेगा, जो प्रारंभिक फंडिंग अवधि से परे दीर्घकालिक वित्तीय और परिचालन स्थिरता सुनिश्चित करेगा।

'एग्रीहब - डीप लर्निंग और एआई/एमएल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' का शुभारंभ करते हुए, श्री एस. कृष्णन ने कृषि में एआई, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और बड़े डेटा की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने नवाचार को प्रोत्साहन देने में स्टार्टअप के महत्व पर जोर दिया, साथ ही कृषि उपज और मुनाफे में वृद्धि के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए स्थापित उद्योगों के साथ सहयोग का समर्थन की। उन्होंने तकनीकी परिवर्तनों के लिए तेजी से अनुकूलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

श्री के.के. सिंह, संयुक्त सचिव, नवाचार एवं आईपीआर प्रभाग, एमईआईटीवाई ने टीम के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया, क्योंकि इसमें कई एजेंसियां ​​शामिल हैं। उन्होंने पांच वर्षों के दौरान पीआई और सह पीआई के सहयोगात्मक कार्य को सुचारू रूप से चलाने की सलाह दी।

मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव (आईएएस) श्री संजय दुबे ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि चुनौतियों का समाधान करने में परियोजना के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने एक प्रमुख हितधारक के रूप में ऐसी पहलों का समर्थन करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना के लिए चुने गए स्थान की रणनीतिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में मध्य प्रदेश के नेतृत्व का उल्लेख किया। जीआईएस और ड्रोन डेटा सहित इन नवाचारों का किसानों के लाभ के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी उपकरणों के बीच बढ़ते समन्वय के बारे में आशा व्यक्त की।

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