कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की

Posted On: 15 JAN 2025 7:11PM by PIB Delhi

जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्‍ल्‍यू) के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। इस बैठक में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर तलाशने का अवसर मिला, जिसमें कटाई के बाद की तकनीक, जैविक एवं प्राकृतिक खेती तथा कृषि मशीनीकरण शामिल है।

डॉ. चतुर्वेदी ने कृषि क्षेत्र में भारत और जर्मनी के बीच दीर्घकालिक साझेदारी पर जोर दिया, तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी), समझौता ज्ञापन (एमओयू) और संयुक्त आशय घोषणा (जेडीआई) की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल कृषि और त्रिकोणीय विकास संबंध में वर्तमान सहयोग पर भी प्रकाश डाला जिसकी हाल ही में आईजीसी बैठक के दौरान चर्चा हुई। डॉ. चतुर्वेदी ने आगामी संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक का भी उल्लेख किया, जो इस लाभदायक साझेदारी को और आगे बढ़ाएगी।

बैठक में अनेक प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केन्‍द्रित किया गया, जिसमें मृदा स्वास्थ्य और समग्र उत्पादकता में सुधार के लिए प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देना शामिल है। अन्य महत्वपूर्ण विषयों में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत करना, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, डिजिटल कृषि में प्रगति, बीज क्षेत्र का विकास और क्षमता निर्माण शामिल थे। दोनों पक्षों ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में अधिक निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने, विशेष रूप से दोनों देशों के बीच बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

चर्चा का समापन कृषि नवाचार, व्यापार और प्रौद्योगिकी में भारत-जर्मन सहयोग को गहरा करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिसमें दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणामों पर ध्यान केन्‍द्रित किया गया।

जर्मन प्रतिनिधिमंडल में मंत्री के काउंसलर श्री एलेक्जेंडर कैलेगारो, और काउंसलर श्रीमती इंगेबोर्ग बेयर शामिल थे। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व अपर सचिव (डीए एंड एफडब्ल्यू) डॉ. पी.के. मेहरदा के साथ-साथ कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया, जिसमें एनआरएम/आईसी के संयुक्त सचिव और विदेश मंत्रालय (एमईए) और भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण (एसएलयूएसआई) के प्रतिनिधि शामिल थे।

****

एमजी/केसी/केपी/एसएस


(Release ID: 2093202) Visitor Counter : 75


Read this release in: English , Urdu