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आईएसएलआरटीसी ने नई दिल्ली में दुभाषिया शिक्षा एवंअनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया


अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, नवीन कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और बधिर समुदाय के लिए सुलभ संचार को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

Posted On: 12 JAN 2025 7:46PM by PIB Delhi

भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) नई दिल्ली ने लिंग्विस्टिक एम्पावरमेंट सेल (एलईसी), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सहयोग से आज नई दिल्ली स्थित जेएनयू में ‘दुभाषिया शिक्षा एवं अनुसंधान: संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और भारत के परिप्रेक्ष्य’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह संगोष्ठी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, नवीन कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और बधिर समुदाय के लिए सुलभ संचार को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि व्याख्याता, डॉ. ब्रेंडा निकोडेमस, प्रोफेसर एमेरिटा, गैलाउडेट यूनिवर्सिटी, यूएसएऔर डॉ. मार्टी टेलर, कनाडा से सांकेतिक भाषा व्याख्या के एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ और लेखक शामिल हुए। दोनों ने यूएसए, कनाडा और भारत में व्याख्या अनुसंधान, शिक्षा और अभिनव कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक ज्ञान साझा किया। उद्घाटन सत्र में आईएसएलआरटीसी के निदेशक श्री कुमार राजू;  जेएनयू के रेक्टर प्रो. दीपेंद्र नाथ दास; जेएनयू के एलईसी की मुख्य समन्वयकप्रो. प्रीति दास; और डॉ. संदेशा रायपा-गर्बियाल, एपी, जेएनयू द्वारा जानकारीपूर्ण भाषण दिए गए।

आईएसएलआरटीसी के सहायक प्रोफेसर डॉ. अंदेशा मंगला द्वारा संचालित तकनीकी सत्रों और पैनल चर्चा में व्याख्या (इंटरप्रटेशन) में तकनीकी नवाचार, नैतिक मानकों और दुभाषिया शिक्षा में प्रगति जैसे विषयों पर चर्चा की गई। प्रश्न-उत्तर सत्र ने प्रतिभागियों और रिसोर्सपर्सन के बीच दिलचस्प संवाद की सुविधा प्रदान की, जिससे संगोष्ठी और समृद्ध हुई।

इस कार्यक्रम में डिप्लोमा इन इंडियन साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन (डीआईएसएलआई) और डिप्लोमा इन टीचिंग इंडियन साइन लैंग्वेज (डीटीआईएसएल) के स्टूडेंट्स/फैकल्टी के साथ-साथ बधिर संघों के सदस्यों और अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। इस संगोष्ठी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में से 370 व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से और 110 स्टूडेंट्स व एनआई/सीआरसी के फैकल्टी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। संगोष्ठी का समापन आईएसएल में राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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