श्रम और रोजगार मंत्रालय
श्रम और रोजगार सचिव ने शिकायत निवारण सहित प्रदर्शन से संबंधित प्रमुख संकेतकों पर ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा की
आधार आधारित यूएएन को सक्रिय किये जाने की प्रक्रिया यूएएन के सृजन के समय पूरी की जानी है
सदस्यों की शिकायतों के निवारण के दौरान दक्षता और सहानुभूति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए: सचिव
Posted On:
08 JAN 2025 8:12PM by PIB Delhi
श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने आज नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में आयोजित एक बैठक में विभिन्न प्रमुख प्रदर्शन संबंधी संकेतकों पर देश में ईपीएफओ के 21 क्षेत्रीय कार्यालयों की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में सीपीएफसी और ईपीएफओ एवं श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलएंडई) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सचिव ने मौजूदा और नए कर्मचारियों के लिए आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर के साथ यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को सक्रिय करने सहित सुशासन संबंधी सुधारों के हिस्से के रूप में विभिन्न प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) की क्षेत्र-वार प्रगति का जायजा लिया। इस बात पर जोर दिया गया कि इस कार्य को मिशन मोड में समय पर पूरा किया जाना चाहिए। अन्य तकनीकी व परिचालन संबंधी संवर्द्धन के अलावा, शिकायत निवारण की गुणवत्ता पर जोर देने के साथ शिकायत निवारण पर भी प्रकाश डाला गया।
आधार-आधारित यूएएन को सक्रिय करने की प्रक्रिया:
इस संदर्भ में, श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलएंडई) की सचिव ने कहा कि पहचान संबंधी दस्तावेज के रूप में आधार का उपयोग सरकारी वितरण की प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, पारदर्शिता एवं दक्षता को बढ़ाता है, और यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को उनके अधिकार निर्बाध रूप से प्राप्त हों। आधार-आधारित सत्यापन से कर्मचारियों को दावों के निपटान के लिए अपनी पहचान साबित करने के लिए कई दस्तावेज़ तैयार करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, और प्रणालीगत सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
यूएएन के सृजन के समय, शुरुआत में ही आधार आधारित यूएएन को सक्रिय करने पर जोर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हर महीने की 27 तारीख को आयोजित ‘निधि आपके निकट’ के दौरान आधार आधारित यूएएन को सक्रिय करने से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने हेतु डाकघरों, बैंकों और साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) सहित विभिन्न अन्य विभागों को शामिल करने का प्रयास किया जाना चाहिए। .
क्षेत्र-वार प्रगति के मूल्यांकन के दौरान, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र, जैसे दिल्ली-उत्तराखंड-जम्मू एवं कश्मीर, गुजरात, कर्नाटक और गोवा को उनकी उपलब्धियों के लिए अपनाई गई रणनीतियों को रेखांकित करने के लिए कहा गया। दूसरी ओर, कम प्रदर्शन वाले क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की गई और सुझाव दिए गए। क्षेत्रों को निर्बाध अपडेट सुनिश्चित करने और अपने कार्यभार व सक्रिय करने संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने हेतु नवीन दृष्टिकोण अपनाने के लिए सीएससी, डाकघर और बैंकों जैसी आधार को अद्यतन करने वाली एजेंसियों के साथ सहयोग को मजबूत करने का निर्देश दिया गया।
शिकायत निवारण की गुणवत्ता:
ईपीएफओ में शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के मुद्दे पर, शिकायतों के वर्गीकरण के बारे में एक प्रस्तुति दी गई और सदस्यों के प्रोफाइल में मौजूद त्रुटियों, नियोक्ताओं के गैर-अनुपालन, तकनीकी गड़बड़ियों आदि के कारण दावों के निपटारे में देरी जैसी विभिन्न श्रेणियों की शिकायतों के समाधान के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की गई। मंत्रालय और ईपीएफओ के अलावा सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों के विश्लेषण पर चर्चा की गई और क्षेत्र (जोन) स्तर के अधिकारियों द्वारा शिकायत निवारण की गुणवत्ता का विश्लेषण किया गया। सदस्यों की शिकायतों पर जिस दक्षता और सहानुभूति के साथ ध्यान किया जाता है, उसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
मंत्रालय द्वारा एक महीने की अवधि में दावों के निपटारे के मामले में महत्वपूर्ण सुधार के साथ-साथ अस्वीकृति की दरों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया।
30 दिनों से अधिक लंबित दावों की स्वत: वृद्धि, वास्तविक समय में निगरानी प्रणाली, चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति तथा वरिष्ठ नागरिकों के दावों जैसे तत्काल जरुरत वाले मामलों के लिए समर्पित टीमें और परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ाने हेतु प्रक्रिया का फिर से व्यवस्थापन सहित विभिन्न उपायों को अपनाने की सिफारिश ईपीएफओ के जोनल कार्यालयों द्वारा की गई। गुणवत्तापूर्ण शिकायत निवारण तंत्र के लिए "शिकायत के निवारण में सुधार हेतु किए जाने वाले उपायों को आईटी और प्रक्रिया संवर्द्धन के साथ-साथ व्यवहार एवं दृष्टिकोण संबंधी परिवर्तन” पर भी गौर करना चाहिए"।
रणनीति के हिस्से के रूप में, प्रगति की निगरानी में केपीआई की प्रासंगिकता और शासन संबंधी सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया गया। चेहरे के प्रमाणीकरण के लिए उमंग ऐप, आधार-आधारित मोबाइल सत्यापन और डैशबोर्ड जैसे उपकरणों को सेवाओं की कुशल आपूर्ति और बढ़ी हुई पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण सक्षमकर्ताओं के रूप में पहचाना गया।
उपरोक्त बैठक 7.5 करोड़ से अधिक सक्रिय सदस्यों और 78 लाख पेंशनभोगियों को सेवाओं की आपूर्ति में सुधार हेतु अत्याधुनिक आईटी प्रणाली, प्रक्रिया का फिर से व्यवस्थापन तथा सरलीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंत्रालय द्वारा ईपीएफओ के काम की नियमित समीक्षा का हिस्सा थी।
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एमजी/केसी/आर
(Release ID: 2091338)
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