जल शक्ति मंत्रालय
गंगा पुनरुद्धार: एनएमसीजी की 59वीं कार्यकारी समिति की बैठक में महत्वपूर्ण सीवरेज परियोजनाओं को मंजूरी दी गई
चंदौली और मानिकपुर के लिए 272 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई
बिहार के बक्सर में नदी संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 257 करोड़ रुपये की लागत वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई
सीवरेज परियोजनाएं समग्र रूप से प्रदूषण मुक्त गंगा के लक्ष्य को हासिल करने और क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है
Posted On:
31 DEC 2024 8:36PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 59वीं कार्यकारी समिति (ईसी) की बैठक में, एनएमसीजी के महानिदेशक श्री राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में, गंगा नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए समर्पित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन पहलों का उद्देश्य गंगा नदी की स्वच्छता, सतत विकास और पर्यावरणीय तथा सांस्कृतिक महत्व के संरक्षण को बढ़ावा देना है।
एनएमसीजी की कार्यकारी समिति (ईसी) ने उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के कायाकल्प और स्वच्छता के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए प्रमुख पहल की है। चंदौली और मानिकपुर के लिए 272 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। चंदौली में 263 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना, हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल पर आधारित है और इसमें 45 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य सहायक संरचनाओं का निर्माण शामिल है। यह पहल नदी प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें अगले 15 वर्षों के लिए संचालन एवं रखरखाव (ओएंडएम) सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर में 9 करोड़ रुपये की लागत से एक मलयुक्त गाद प्रबंधन (फीकल स्लज) परियोजना को मंजूरी दी गई है।
बिहार के बक्सर में नदी संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 257 करोड़ रुपये की लागत वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। डिजाइन निर्माण संचालन और हस्तांतरण (डीओबीटी) मॉडल पर आधारित यह परियोजना निर्माण से आगे बढ़कर अगले 15 वर्षों के लिए एक मजबूत संचालन और रखरखाव प्रणाली सुनिश्चित करेगी। इस पहल के तहत 50 एमएलडी की क्षमता वाले अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सहायक संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना का एक प्रमुख पहलू प्रकृति-आधारित समाधान का उपयोग करके अतिरिक्त 1 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण करना है। इसके अलावा, इस परियोजना में तीन इंटरसेप्शन पंपिंग स्टेशनों का निर्माण और 8.68 किलोमीटर लंबे सीवर नेटवर्क का विकास शामिल है, जो बक्सर में आधुनिक और टिकाऊ बुनियादी ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पश्चिम बंगाल में नदी पुनरुद्धार और स्वच्छता प्रबंधन में तेजी लाने के उद्देश्य से उत्तरपारा-कोटरुंग नगर पालिका के लिए कई पहलों को मंजूरी दी गई है। इन प्रयासों के तहत उत्तरपारा-कोटरुंग नगर पालिका में 8 करोड़ रुपये की लागत से एक एकीकृत सेप्टेज उपचार संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना में डीओबीटी मॉडल पर आधारित 22 केएलडी क्षमता वाले मल कीचड़ उपचार संयंत्र का निर्माण शामिल है। इसके अतिरिक्त, परियोजना में अगले पांच वर्षों में संचालन और रखरखाव के प्रावधान शामिल हैं, जिससे इसकी दीर्घकालिक प्रभावशीलता और स्थिरता सुनिश्चित होगी।
सीवरेज परियोजनाएं समग्र रूप से प्रदूषण मुक्त गंगा के लक्ष्य को हासिल करने और क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इस बैठक के दौरान स्वीकृत परियोजनाएं स्वच्छ गंगा नदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एनएमसीजी की निरंतर प्रतिबद्धता को पुष्ट करती हैं, तथा पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के व्यापक लक्ष्यों पर भी ध्यान देती है। इन पहलों के माध्यम से, मिशन कई राज्यों में प्रभावी नदी कायाकल्प और बेहतर स्वच्छता प्रबंधन के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने की दिशा में प्रयासरत है।
बैठक में जल शक्ति मंत्रालय में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार श्रीमती ऋचा मिश्रा, एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (परियोजनाएं) श्री बृजेन्द्र स्वरूप, एनएमसीजी के उप महानिदेशक श्री नलिन श्रीवास्तव, श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव ईडी (तकनीकी), श्री एसपी वशिष्ठ ईडी (प्रशासन), श्री भास्कर दासगुप्ता ईडी (वित्त), पश्चिम बंगाल एसपीएमजी की कार्यक्रम निदेशक श्रीमती नंदिनी घोष, बीयूआईडीसीओ के प्रबंध निदेशक श्री योगेश कुमार सागर और उत्तर प्रदेश एसएमसीजी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक श्री प्रभास कुमार उपस्थित थे।
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