वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय वर्षान्त समीक्षा 2024: राजस्व विभाग
Posted On:
24 DEC 2024 6:25PM by PIB Delhi
वर्ष 2024 में, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के अंतर्गत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (सीबीआईसी) ने करदाताओं को अनुभवों को बेहतर करने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाते हुए अपनी नागरिक-केंद्रित पहल जारी रखी है।
सीबीडीटी ने सक्रिय हेल्पडेस्क के माध्यम से करदाताओं तक पहुंच और सहायता पर अपना ध्यान केंद्रित रखा और पारदर्शिता और दक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हुए फेसलेस प्रक्रियाओं को शामिल किया। रिटर्न और रिफंड की त्वरित प्रोसेसिंग प्राथमिकता बनी रही, जिसके चलते 7 दिन के भीतर 2.35 लाख करोड़ रुपये के रिफंड किए गए और 3.87 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) प्रोसेस किए गए। टीआईएन 2.0, आईटीआर की प्री-फिलिंग और अपडेटेड रिटर्न जैसे नवाचारों ने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना जारी रखा, जिसके परिणामस्वरूप 47.52 लाख अपडेटेड रिटर्न दाखिल किए गए।
सीबीआईसी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली की दक्षता और एकता को बेहतर करने की दिशा में समीक्षा और सुधार पहल अपने सातवें वर्ष में जारी रखी। सीबीआईसी ने आवेदकों के लिए जोखिम रेटिंग प्रणाली को संशोधित करके, धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए सख्त सत्यापन सुनिश्चित करके अपनी पंजीकरण प्रक्रियाओं को और सुदृढ़ करने के लिए एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया। व्यावसायिक जगहों की जियो-टैगिंग, गैर-फाइलर्स हेतु पंजीकरण का सिस्टम-आधारित निलंबन और जोखिम-आधारित रिफंड प्रोसेसिंग जैसी पहलों ने अनाचार पर रोक लगाने के लिए सीबीआईसी की प्रतिबद्धता को सिद्ध करना जारी रखा।
अनुपालन को सरल बनाने के लिए, जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी की क्रमिक फाइलिंग लागू की गई, जिससे टैक्स क्रेडिट भरने की निरंतर उपलब्धता और समय पर रिटर्न को सहयोग मिला। फर्जी पंजीकरणों के ख़िलाफ विशेष अभियान, बेमेल की स्वचालित सूचना और अस्थायी पंजीकरण हेतु आवेदन वाले अपंजीकृत लोगों के लिए एक समर्पित व्यवस्था ने सीबीआईसी की सक्रिय अनुपालन कार्यवाहियों पर प्रकाश डाला।
इसके अतिरिक्त, व्यवसायों का सहयोग करने वाली पहलों में इलेक्ट्रॉनिक नकदी बहीखातों में शेष राशि का हस्तांतरण, छोटे करदाताओं के लिए छूट और ई-कॉमर्स परिचालकों के जरिए अंतर-राज्य आपूर्ति की सुविधा शामिल है। उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए जीएसटी छूट की सुविधा और विलंब शुल्क संरचनाओं के सरलीकरण में बढ़ोतरी भी उल्लेखनीय रही।
सीमा शुल्क के मोर्चे पर, सीबीआईसी ने नियामक और नीतिगत सुधार, जैसे सीमा शुल्क दरों को सुव्यवस्थित करना और गैर-अपराधीकरण की दिशा में कदम उठाना, प्रस्तुत किए। आइसगेट 2.0 और एनोनिमाइज्ड (अनाम) एस्केलेशन मैकेनिज्म जैसी तकनीकी प्रगति ने कर प्रशासन को आधुनिक बनाए रखना जारी रखा। प्री-गेट प्रोसेसिंग सुविधाओं और नियंत्रण प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण समेत इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, से परिचालन दक्षता में सुधार हुआ। इन प्रयासों ने सामूहिक रूप से वर्ष 2024 में पारदर्शिता, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और मजबूत अनुपालन फ्रेमवर्क के प्रति सीबीआईसी की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया।
इनके अलावा, राजस्व विभाग ने भी वित्तीय खुफिया जानकारी इकट्ठा करने को बेहतर करने और कई तरीकों के जरिए प्रवर्तन को योग्य बनाने में योगदान देना जारी रखा। भारत का अवैध पूंजी से निपटने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की सिफारिशों में उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन हासिल करना एफआईयू का एक प्रमुख आकर्षण था।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) द्वारा 2024 की प्रमुख उपलब्धियां:
- वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) एक केंद्रीय नोडल एजेंसी है जो वित्तीय अनुभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के बीच एक इंटरफेस के तौर पर कार्य करती है।
- एफआईयू मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद और वित्तपोषण के फैलाव से जुड़ी संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के बारे में एलईए को जानकारी इकट्ठा करने, विश्लेषण करने और पहुंचाने का काम करती है।
एफआईयू-आईएनडी की ओर से एलईए के साथ साझा की गई खुफिया जानकारी की मदद से:
- 983.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई
- 2,763.30 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की गई
- 10,998 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला
- 461 किलोग्राम नारकोटिक्स/ साइकोट्रोपिक पदार्थ जब्त किए गए
- 39.14 करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ 211 अनुपालन आदेश: एफआईयू की ओर से रिपोर्टिंग इकाइयों पर नियामक कार्रवाई
- मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण (एमएल/ टीएल) और अन्य आपराधिक कार्यों में 184 को गिरफ्तार किया गया
एफएटीएफ भारत को अपनी सर्वोच्च श्रेणी में रखता है
- वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानक तय करता है जिनका उद्देश्य इन अवैध गतिविधियों और उनसे समाज को होने वाले नुकसान को रोकना है।
- भारत ने एफएटीएफ की सिफारिशों में उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन हासिल किया है और अवैध पूंजी से निपटने के तरीकों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- एफएटीएफ ने 2023-24 के दौरान किए गए पारस्परिक मूल्यांकन के बाद भारत को अपनी उच्चतम श्रेणी "नियमित फॉलो-अप” में रखा है।
- यह केवल चार जी20 देशों की ओर से साझा किया जाने वाला सम्मान है।
- एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंक और वित्तपोषण के फैलाव से जोखिमों को कम करने में भारत के प्रयासों को मान्यता दी है।
2024 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अंतर्गत बड़ी उपलब्धियां:
जारी किए गए रिफंड
1 अप्रैल, 2024 और 27 नवंबर, 2024 के बीच करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो बीते साल की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड के मुकाबले लगभग 46.31% अधिक है।
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने में उपलब्धियां
- प्रति सेकेंड आईटीआर फाइलिंग (अधिकतम): 917 (17 जुलाई, 2024 को सुबह 8:13:54 बजे)
- प्रति मिनट आईटीआर फाइलिंग (अधिकतम): 9,367 (31 जुलाई, 2024 को रात 8:08 बजे)
- प्रति घंटा आईटीआर फाइलिंग (अधिकतम): 5.07 लाख (31 जुलाई, 2024 को शाम 7 बजे से रात 8 बजे के बीच)
- 22.11.2024 तक दाखिल गए लगभग 98.35% आईटीआरएस को ई-वेरिफाई किया गया है।
- एक दिन में दाखिल अधिकतम आईटीआरएस: 31 जुलाई, 2024 को 69.93 लाख आईटीआरएस दाखिल किए गए।
- एक महीने में दाखिल अधिकतम आईटीआरएस: जुलाई, 2024 में 5.87 करोड़ आईटीआरएस दाखिल किए गए।
- 22.11.24 तक 8.50 करोड़ आईटीआरएस दाखिल किए गए, जो बीते साल की इसी अवधि के दौरान दाखिल किए गए आईटीआर से 7.32% अधिक है।
तेज प्रोसेसिंग
- वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एक ही दिन में दाखिल किए गए 1.62 करोड़ से अधिक आईटीआरएस को प्रोसेस किया गया।
- वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग एक ही दिन में 21% आईटीआर प्रोसेस किए गए
- वित्त वर्ष के दौरान लगभग 26.35% आईटीआरएस दाखिल करने के एक हफ्ते के अंदर प्रोसेस किए गए थे, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में ये 22.56% ही थे।
करदाता के लिए बेहतर सुविधा के साथ बढ़ती पारदर्शिता
- डेटा के व्यापक इस्तेमाल और विश्लेषण को प्रोत्साहित करने के लिए, आकलन वर्ष 2022-23 और आकलन वर्ष 2023-24 के लिए करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए आईटीआर आंकड़े जारी किए गए।
- करदाताओं को विदेशी संपत्तियों की अनुसूची (अनुसूची एफए) को सही ढंग से पूरा करने और अपने आईटीआर में विदेशी स्रोतों (अनुसूची एफएसआई) से आय की रिपोर्ट करने में मदद करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया।
स्वच्छता ही सेवा
सीबीडीटी ने सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता और लंबित मामलों के समाधान पर केंद्रित एक महीने की पहल #SpecialCampaign4.0 के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
प्रमुख उपलब्धियां:
- 3,20,000 भौतिक फाइलों को निपटाया गया, कार्यालय का 1.75 लाख वर्ग फुट स्थान खाली हुआ।
- स्क्रैप सामग्री के निपटान से 43 लाख रुपये आए।
- पूरे भारत में 1450 से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए।
- अधिक अनुकूल कार्य वातावरण के लिए दोबारा प्राप्त स्थान को बेहतर किया गया।
- 53,000 जन शिकायतों का समाधान किया गया।
- पूरे अभियान में अनूठे और नवाचारी "सर्वोत्तम अभ्यास" लागू किए गए।
करदाताओं को सुविधाएं
- आईटीआरएस के अपलोड करने के स्तर पर प्रस्तावित सत्यापन संभावित गलतियों पर दोबारा विचार करने और आईटीआरएस दाखिल करने से पहले सुधार करने की सुविधा के लिए एक और कदम है।
- इसके परिणामस्वरूप संशोधित रिटर्न, सुधार का अनुरोध करने और शिकायत दाखिल करने में कमी आई।
- आकलन वर्ष 2024-2025 के लिए आईटीआर फॉर्म सभी संबंधित कार्यों के साथ 1 अप्रैल, 2024 को ई-फाइलिंग पोर्टल पर रोलआउट कर दिया गया था।
- विचाराधीन वर्ष के दौरान ईवीसी मोड को लोकप्रिय बनाने के लिए ई-अभियान के तहत 76 करोड़ से अधिक ईमेल और एसएमएस भेजे गए।
- परिणामस्वरूप, 96% आईटीआर दाखिल करने वालों ने आकलन वर्ष 2024-25 में आईटीआरएस के सत्यापन के लिए ईवीसी मोड अपनाया।
डिमांड मैनेजमेंट फैलिसिटेशन सेंटर (डीएफसी) की स्थापना
- 01.01.24 से 13.10.2024 की अवधि के दौरान कुल 5,00,224 करोड़ रुपये की 1,31,180 मांगों में कमी/ सुधार आया।
- अभी डीएफसी में 170 एजेंट हैं जो हफ्ते में 6 दिन काम करते हैं।
- मांग के पूरा करने के उद्देश्य से करदाताओं और जेएओएस को निश्चित कॉल की जाती हैं।
2024 में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अंतर्गत बड़ी उपलब्धियां:
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
जीएसटी के अंतर्गत सरलीकरण, व्यापार सुविधा और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए वर्तमान तरीके:
- वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए, धारा 73 के अंतर्गत उठाई गई मांगों से जुड़ी ब्याज या जुर्माना या दोनों की सशर्त छूट देने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में धारा 128ए को शामिल किया गया: करदाताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, जीएसटी के कार्यान्वयन के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किए गए हैं, जिससे सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत वित्त वर्ष 2017-18, 2018- 19 और 2019-20 के लिए ऐसे मामलों में जारी डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और दंड में निरंतर छूट दी जा सके, जहां करदाता 31.03.2025 तक नोटिस में मांगे गए कर की पूरी राशि का भुगतान करता है।
- जीएसटी के अंतर्गत अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा तय करके सरकारी मुकदमेबाजी में कमी: जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के सामने सरकारी मुकदमेबाजी कम करने के लिए विभाग की ओर से जीएसटी में अपील दायर करने के लिए, कुछ अपवादों के अलावा, मौद्रिक सीमा निर्धारित करने के लिए सीबीआईसी ने परिपत्र संख्या 207/01/2024-जीएसटी दिनांक 26.06.2024 जारी की है।
- जीएसटी के अंतर्गत अपील दायर करने के लिए भुगतान की जाने वाली पूर्व-जमा राशि को कम करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 और धारा 112 में संशोधन: करदाताओं के लिए करदाताओं के लिए प्रवाह को आसान बनाने और कार्यशील पूंजी में रुकावट पर नकदी को आसान बनाने के लिए जीएसटी के अंतर्गत अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की राशि को कम करने के प्रावधान किए गए हैं। अपीलीय प्राधिकरण के पास अपील दायर करने की अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 25 करोड़ रुपये एसजीएसटी से घटाकर 20 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 20 करोड़ रुपये एसजीएसटी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा राशि को अधिकतम राशि 50 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 50 करोड़ रुपये एसजीएसटी का 20% से घटाकर अधिकतम 20 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 20 करोड़ रुपये एसजीएसटी का 10% कर दिया गया है।
- ईसीओ की ओर से उनके जरिए की जा रही आपूर्ति के लिए एकत्र की जाने वाली टीसीएस की दर में कमी: इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य परिचालक (ईसीओ) को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 52(1) के अंतर्गत शुद्ध कर योग्य आपूर्ति पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) एकत्र करना जरूरी है। केंद्र सरकार ने मौजूदा 1% (0.5% सीजीएसटी + 0.5% एसजीएसटी/ यूटीजीएसटी, या 1% आईजीएसटी) टीसीएस दर को घटाकर 0.5% (0.25% सीजीएसटी + 0.25% एसजीएसटी/ यूटीजीएसटी, या 0.5% आईजीएसटी)) करने के लिए अधिसूचना संख्या 15/2024-केंद्रीय कर दिनांक 10.07.2024 (10.07.2024 से अधिसूचित), अधिसूचना संख्या 01/2024-केंद्र शासित प्रदेश कर दिनांक 10.07.2024 (10.07.2024 से अधिसूचित) और अधिसूचना संख्या 01/2024-एकीकृत कर दिनांक 10.07.2024 (10.07.2024 से अधिसूचित) जारी की है, जिससे ईसीओ के जरिए आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम किया जा सके।
- कंपोजीशन करदाताओं के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 में रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को 30 अप्रैल से बदलकर 30 जून करना: वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद कंपोजीशन करदाताओं के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 में रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून करने के लिए सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 62 के उप-नियम (1) के खंड (ii) और फॉर्म जीएसटीआर में संशोधन किया गया है। यह वित्त वर्ष 2024-25 के बाद के रिटर्न पर लागू होगा। इससे उन करदाताओं को उक्त रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय मिलेगा जो कंपोजीशन लेवी के अंतर्गत कर का भुगतान करने का विकल्प चुनते हैं।
- जीएसटी कार्यान्वित करने के शुरुआती साल, यानी वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) की शर्तों में ढील देने के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) में संशोधन, 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी होगा: जीएसटी कार्यान्वयन के शुरुआती साल के दौरान करदाताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर, धारा 16(4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा में छूट देने के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) में पूर्वव्यापी संशोधन किया गया है। सीजीएसटी अधिनियम, वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए 30.11.2021 तक दाखिल किए गए किसी भी जीएसटीआर 3बी रिटर्न के माध्यम से, 30.11.2021 माना जा सकता है। इससे बड़ी संख्या में करदाताओं को लाभ होगा, खासकर छोटे करदाताओं को, जो जीएसटी के शुरुआती वर्षों में विभिन्न कारणों से समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर सके थे, तब तक सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने की समय सीमा समाप्त हो गई थी, जिसके चलते उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ से वंचित करने की मांग जारी हुई।
- सीजीएसटी अधिनियम की धारा 50 के अंतर्गत ब्याज के संबंध में सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 88बी में संशोधन, जहां रिटर्न दाखिल करने में देरी हो, पर उक्त रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख पर इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर (ईसीएल) में क्रेडिट उपलब्ध है: - केंद्र सरकार ने सीजीएसटी नियमों के नियम 88बी (10.07.2024 से प्रभावी) में संशोधन के लिए अधिसूचना संख्या 12/2024-केंद्रीय कर दिनांक 10.07.2024 जारी की है, जिसके तहत यह प्रावधान किया गया है कि फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख पर इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में जो राशि उपलब्ध है, और उक्त रिटर्न दाखिल करते समय डेबिट की जाती है, उस समय उक्त रिटर्न दाखिल करने में देरी के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम की धारा 50 के अंतर्गत ब्याज की गणना करते समय शामिल नहीं किया जाएगा। इससे ऐसे करदाताओं पर ब्याज का बोझ कम होगा।
- करदाताओं के लिए जीएसटीआर-1 के विवरण में संशोधन करने के लिए नई वैकल्पिक सुविधा का प्रावधान: केंद्र सरकार ने कर अवधि के दौरान फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरने के पहले, करदाताओं को कर अवधि फॉर्म जीएसटीआर-1 में अतिरिक्त जानकारी घोषित करने के लिए नई विकल्पीय सुविधा फॉर्म जीएसटीआर-1ए का प्रावधान रखा है। इससे करदाता को उक्त कर अवधि के फॉर्म जीएसटीआर-1 में रिपोर्टिंग में छूट गए वर्तमान कर अवधि की आपूर्ति के किसी भी विवरण को जोड़ने या वर्तमान कर अवधि के फॉर्म जीएसटीआर-1 में पहले से घोषित किसी भी विवरण(आईएफएफ में घोषित किए गए लोगों सहित, तिमाही के पहले और दूसरे महीने के लिए, यदि कोई हो, त्रैमासिक करदाताओं के लिए) में यह सुनिश्चित करने के लिए कि सही देनदारी फॉर्म जीएसटीआर-3बी में स्वत: भरी हुई है, संशोधन करने की सुविधा मिलेगी।
- नियमित करदाताओं के खिलाफ मामलों की जांच के दौरान पालन करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) के संबंध में सभी सीजीएसटी जोन को दिनांक 30.03.2024 को एक समेकित दिशानिर्देश जारी किए गए थे।
- इसके अलावा, जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर, विवादास्पद मुद्दों पर बड़ी संख्या में अधिसूचनाएं और परिपत्र जारी किए गए हैं, ताकि कानूनी विवादों से बचा जा सके।
55वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशें
- जीएसटी परिषद ने 1904 के अंतर्गत वर्गीकृत किए गए फोर्टिफाइड चावल (एफआरके) पर जीएसटी दर को घटाकर 5% करने की सिफारिश की।
- जीएसटी परिषद ने जीन थेरेपी पर जीएसटी से पूरी तरह छूट देने की भी सिफारिश की।
- जीएसटी परिषद ने मोटर वाहन दुर्घटना कोष के लिए थर्ड पार्टी के मोटर वाहन प्रीमियम से सामान्य बीमा कंपनियों के योगदान पर जीएसटी से छूट की सिफारिश की।
- जीएसटी परिषद ने वाउचर के लेन-देन पर कोई जीएसटी नहीं लगाने की सिफारिश की क्योंकि वे न तो वस्तुओं की आपूर्ति हैं और न ही सेवाओं की आपूर्ति हैं। वाउचर से जुड़े प्रावधानों को भी सरल बनाया जा रहा है।
- जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि कर्ज की शर्तों का अनुपालन न करने पर बैंकों और एनबीएफसी की ओर से उधारकर्ताओं पर लगाए और एकत्र किए गए 'दंडात्मक शुल्क' पर कोई जीएसटी देय नहीं है।
- जीएसटी परिषद ने पारित आदेश के संबंध में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा के भुगतान में कटौती की सिफारिश की, जिसमें केवल जुर्माना राशि शामिल है।
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2086962
54वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशें
वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें:
- नमकीन या नमकीन, एक्सट्रूडेड या विस्तारित उत्पादों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% कर दी गई, उन्हें नमकीन, भुजिया, मिश्रण और इसी तरह के उपभोग के लिए तैयार वस्तुओं पर जीएसटी दर में समान किया गया।
- ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब जैसी कैंसर दवाओं पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई।
- अपंजीकृत लोगों की ओर से पंजीकृत लोगों को धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म लागू किया गया। पंजीकृत लोगों की ओर से धातु स्क्रैप की बी2बी आपूर्ति पर 2% का स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) लागू होती है।
शुल्क एवं छूट
- चावल की कई किस्मों पर निर्यात शुल्क कम कर दिया गया।
- जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर समग्र रूप से विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) गठित किया गया।
- सीट शेयर के आधार पर हेलीकॉप्टरों की ओर से यात्रियों के परिवहन पर 5% की दर से जीएसटी अधिसूचित करने और पिछली अवधि के लिए जीएसटी को 'जैसा है जहां है' आधार पर नियमित करने की सिफारिश की गई।
- एक सर्कुलर के जरिए यह स्पष्ट करने की सिफारिश की गई है कि डीजीसीए की ओर से मंजूर किए गए उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) की ओर से संचालित अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को जीएसटी लगाने से छूट दी गई है।
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35 की उपधारा (1) के खंड (ii) या (iii) के अंतर्गत अधिसूचित सरकारी या निजी अनुदान का उपयोग करके, सरकारी इकाई की ओर से या एक शोध संघ, विश्वविद्यालय, कॉलेज या अन्य संस्थान को अनुसंधान और विकास सेवाओं की आपूर्ति को छूट देने की सिफारिश की गई। पिछली मांगों को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित करने की भी सिफारिश की गई है।
- यह स्पष्ट करने की सिफारिश की गई कि समग्र आपूर्ति के हिस्से के तौर पर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले, जहां निर्माण सेवाओं की आपूर्ति प्रमुख है और पीएलसी स्वाभाविक रूप से इसके साथ जुड़े हुए हैं, आवासीय/ वाणिज्यिक/ औद्योगिक परिसर की निर्माण सेवाओं के लिए भुगतान के साथ भुगतान किया गया स्थान शुल्क या तरजीही स्थान शुल्क (पीएलसी) मुख्य आपूर्ति यानी निर्माण सेवा के समान कर उपचार हेतु पात्र हैं।
- यह स्पष्ट करने की सिफारिश की गई है कि शैक्षिक बोर्डों जैसे सीबीएसई की ओर से दी जाने वाली संबद्धता सेवाएं कर योग्य हैं। राज्य/केंद्रीय शैक्षिक बोर्डों, शैक्षिक परिषदों और इसी तरह के अन्य निकायों की ओर से सरकारी स्कूलों को प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाओं को संभावित रूप से छूट देने की भी सिफारिश की गई है। 01.07.2017 से 17.06.2021 की पिछली अवधि के दौरान के विषयों को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित करने की सिफारिश की गई है।
- सर्कुलर के माध्यम से यह स्पष्ट करने की सिफारिश की गई है कि विश्वविद्यालयों की ओर से अपने घटक कॉलेजों को प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाएं अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटी(आर) दिनांक 28.06.2017 शैक्षणिक संस्थानों को प्रदान की गई छूट के दायरे में शामिल नहीं हैं और विश्वविद्यालयों की ओर से प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाओं पर 18% की दर से जीएसटी लागू है।
- किसी विदेशी एयरलाइंस कंपनी के प्रतिष्ठान की ओर से संबंधित व्यक्ति या भारत के बाहर उसके किसी प्रतिष्ठान से सेवाओं के आयात को बिना विचार किए किए जाने की स्थिति में छूट देने की सिफारिश की गई है। परिषद ने पिछली अवधि को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित करने की भी सिफारिश की।
- राजस्व के रिसाव को रोकने के लिए अपंजीकृत व्यक्ति की ओर से वाणिज्यिक संपत्ति को पंजीकृत व्यक्ति को किराए पर देने को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के अंतर्गत लाने की सिफारिश की गई है।
- यह स्पष्ट करने की सिफारिश की गई है कि जब सड़क मार्ग से माल के परिवहन के दौरान जीटीए की ओर से सहायक/ मध्यवर्ती सेवाएं प्रदान की जाती हैं और जीटीए कंसाइनमेंट नोट भी जारी करता है, तो सेवा एक समग्र आपूर्ति का गठन करेगी और ऐसी सभी सहायक/ मध्यवर्ती सेवाएं जैसे लोडिंग/ अनलोडिंग , पैकिंग/ अनपैकिंग, ट्रांसशिपमेंट, अस्थायी भंडारण आदि को समग्र आपूर्ति के हिस्से के रूप में माना जाएगा। यदि ऐसी सेवाएं माल के परिवहन के दौरान नहीं दी जाती हैं और अलग से इनवॉइस किया जाता है, तो इन सेवाओं को माल के परिवहन की समग्र आपूर्ति के रूप में नहीं माना जाएगा।
- 01.10.2021 से पहले की पिछली अवधि के लिए जीएसटी देनदारी को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित करने की सिफारिश की गई है, जहां फिल्म वितरक या उप-वितरक फिल्मों का अधिग्रहण करने और वितरित करने के लिए प्रमुख आधार पर कार्य करता है।
- बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए आवेदन शुल्क, बिजली मीटर के लिए किराए का शुल्क, मीटर/ ट्रांसफॉर्मर/ कैपेसिटर के लिए परीक्षण शुल्क, मीटर/ सेवा लाइनों को स्थानांतरित करने के लिए ग्राहकों से श्रम शुल्क, डुप्लिकेट बिल के लिए शुल्क आदि जैसी सेवाओं की आपूर्ति में छूट देने की सिफारिश की गई है, जो कि हस्तांतरण और वितरण उपयोगिताओं की ओर से अपने उपभोक्ताओं को बिजली के पारेषण और वितरण की आपूर्ति के लिए आकस्मिक, सहायक या अभिन्न हैं, जब एक समग्र आपूर्ति के रूप में प्रदान किया जाता है, और पिछली अवधि के जीएसटी को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित करने की भी सिफारिश की गई है।
53वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशें
वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
- विमानन क्षेत्र में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके एचएस वर्गीकरण पर ध्यान दिए बिना विमान के हिस्सों, घटकों, परीक्षण उपकरण, उपकरण और टूल-किट के आयात पर, निर्दिष्ट शर्तों के अधीन 5% की समान एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) दर लगेगी।
- स्टील, लोहे या एलुमिनियम से बने सभी दूध के डिब्बों पर 12% की जीएसटी दर लगेगी, भले ही उनका इच्छित उपयोग कुछ भी हो।
- लहरदार और बिना लहर वाले कागज या पेपरबोर्ड (एचएस कोड 4819 10 और 4819 20) दोनों से बने कार्टन, बक्से और केस पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% कर दी गई है।
- सोलर कुकर, जिसका ऊर्जा स्रोत एकल या दोहरा हो, पर 12% की जीएसटी दर लगेगी।
- व्याख्यात्मक मुद्दों के कारण पिछली प्रथाओं को नियमित करते हुए मुर्गी पालन मशीनरी को कवर करने वाली मौजूदा प्रविष्टि में विशेष रूप से "मुर्गी पालन मशीनरी के हिस्सों" को शामिल करने के लिए 12% जीएसटी को आकर्षित करने वाली प्रविष्टि को संशोधित किया गया है।
- फायर वॉटर स्प्रिंकलर के साथ-साथ सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12% की जीएसटी दर लगेगी और पिछली प्रथाओं को नियमित किया जाएगा।
- रक्षा बलों के लिए निर्दिष्ट वस्तुओं के आयात पर आईजीएसटी छूट को अतिरिक्त पांच साल के लिए 30 जून 2029 तक बढ़ा दिया गया है।
- अफ्रीकी-एशियाई-ऑस्ट्रेलियाई मॉनसून विश्लेषण और भविष्यवाणी (आरएएमए) कार्यक्रम के लिए रिसर्च मूर्ड एरे के अंतर्गत अनुसंधान उपकरणों और उत्प्लावकों के आयात पर, निर्दिष्ट शर्तों के अधीन, आईजीएसटी छूट बढ़ा दी गई है।
- अधिकृत संचालन के लिए एसईजेड इकाइयों या डेवलपर्स की ओर से विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में आयात पर क्षतिपूर्ति उपकर 1 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी रूप से छूट दी गई है।
- रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत यूनिट रन कैंटीन की ओर से अधिकृत ग्राहकों को वातित पेय और ऊर्जा पेय की आपूर्ति पर क्षतिपूर्ति उपकर से छूट दी गई है।
- भारतीय रक्षा बलों के लिए आयातित एके-203 राइफल किट के तकनीकी दस्तावेजों के आयात पर एक तदर्थ आईजीएसटी छूट प्रदान की जाती है।
व्यापार की सुविधा के उपाय
- सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9(1) में मानव इस्तेमाल हेतु अल्कोहॉलिक मदिरा के निर्माण के लिए आपूर्त की जाने वाली रेक्टिफाइड स्पिरिट या ईएनए को जीएसटी के दायरे से स्पष्ट रूप से बाहर करने के लिए संशोधन किया गया है।
- भारतीय रेलवे की ओर से आम जनता को प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम/ वेटिंग रूम की सुविधा, क्लॉक रूम सेवाओं और बैटरी चालित कार सेवाओं और इंट्रा-रेलवे लेन-देन को छूट दी गई है [अधिसूचना संख्या 04/2024- के माध्यम से सीटीआर दिनांक 12.07.2024, 15.07.2024 से प्रभावी]। पिछली अवधि के विषयों को भी नियमित कर दिया गया है [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024]।
- रियायती अवधि के दौरान एसपीवी की ओर से निर्माण किए गए और स्वामित्व वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करने की मंजूरी देकर विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) की ओर से भारतीय रेलवे को दी गई सुविधाओं और भारतीय रेलवे की ओर से एसपीवी को आपूर्ति की गई रखरखाव सेवाओं को छूट दी गई है [अधिसूचना संख्या 04/2024 के अंतर्गत -सीटीआर दिनांक 12.07.2024, 15.07.2024 से प्रभावी]। यह अतीत का मुद्दा भी रहा है [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024];
- 20,000/- रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह तक की आवास आपूर्ति मूल्य वाली आवास सेवाओं को छूट देने के लिए अधिसूचना संख्या 12/2017- सीटीआर 28.06.2017 में शीर्ष 9963 के अंतर्गत, इस शर्त के अधीन कि आवास सेवा न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए प्रदान की जाती है, एक अलग प्रविष्टि बनाई गई है [अधिसूचना संख्या 04/2024-सीटीआर दिनांक 12.07.2024, 15.07.2024 से प्रभावी]। इसी लाभ को पिछले मामलों के लिए भी बढ़ाया गया है [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024];
- सह-बीमा समझौते में बीमाधारक को प्रमुख और सह-बीमाकर्ता की ओर से बीमा सेवा की आपूर्ति के लिए प्रमुख बीमाकर्ता की ओर से सह-बीमाकर्ता को विभाजित सह-बीमा प्रीमियम को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III के अंतर्गत कोई आपूर्ति घोषित नहीं की गई है और पिछले मामलों को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित किया गया है [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024]।
- बीमाकर्ता और पुनर्बीमाकर्ता के बीच कमीशन/ पुनर्बीमा कमीशन सौंपने के लेन-देन को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची III के अंतर्गत कोई आपूर्ति नहीं घोषित की गई है और पिछले मामलों को 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित किया गया है [सर्कुलर संख्या 228/22 /2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024]।
- दिनांक 28.06.2017 की अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटी (दर) की क्रम संख्या 35 और 36 के अंतर्गत कवर निर्दिष्ट बीमा योजनाओं की पुनर्बीमा सेवाओं पर जीएसटी देयता को 01.072017 से 24.01.2018 [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024] की अवधि के लिए 'जैसा है जहां है' के आधार पर नियमित किया गया है।
- बीमा योजनाओं की पुनर्बीमा सेवाओं पर जीएसटी देयता, जिसके लिए सरकार की ओर से कुल प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, जो अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटीआर दिनांक 28.06.2017 की क्रम संख्या 40 के अंतर्गत आते हैं, को 01.07.2017 से 26.07.2018 तक की अवधि [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024] के लिए 'जैसा है जहां है' आधार पर नियमित किया गया है।
- स्पष्टीकरण जारी किया गया है कि रेट्रोसेशन 'पुनर्बीमा का पुनर्बीमा' है और इसलिए, अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटीआर दिनांक 28.06.2017 की क्रम संख्या 36ए [सर्कुलर संख्या 228/22/2024- जीएसटी दिनांक 15.07.2024] के अंतर्गत छूट के लिए पात्र है।
- स्पष्टीकरण जारी किया गया है कि रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (आरईआरए) की ओर से किए गए वैधानिक संग्रह को जीएसटी से छूट दी गई है क्योंकि वे संख्या 12/2017-सीटीआर दिनांक 28.06.2017 [सर्कुलर संख्या 228/22/2024 -जीएसटी दिनांक 15.07.2024] की प्रविष्टि 4 के दायरे में आते हैं।
- स्पष्टीकरण जारी किया गया है कि अन्य हितधारकों के साथ बैंक का अधिग्रहण करके प्रोत्साहन को आगे साझा किया जाएगा, जहां इस तरह के प्रोत्साहन के हिस्से को रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और एनपीसीआई की ओर से प्रतिभाग करने वाले बैंकों की सलाह से अनुपात और तरीके को तय किया गया है, कर योग्य नहीं है [सर्कुलर संख्या 228/22/2024-जीएसटी दिनांक 15.07.2024]।
सीमा शुल्क
बजट 2024-25- प्रमुख घोषणाएं:
- शिया नट्स पर सामान्य सीमा शुल्क (बीसीडी) को 30% से घटाकर 15% कर दिया गया।
- महत्वपूर्ण खनिजों जैसे एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, तांबा, गैलियम, जर्मेनियम और अन्य पर बीसीडी शून्य हो गई। ग्रेफाइट, सिलिकॉन क्वार्ट्ज और सिलिकॉन डाइऑक्साइड जैसे खनिजों पर बीसीडी 2.5% तक कम हो गई।
- प्रॉन व श्रिम्प फीड और मछली फीड पर बीसीडी को घटाकर 5% कर दिया गया। जीवित विशिष्ट रोगजनक मुक्त (एसपीएफ) वन्नामेई श्रिम्प और ब्लैक टाइगर श्रिम्प ब्रूडस्टॉक पर बीसीडी को घटाकर 5% कर दिया गया। आईजीसीआर शर्तों के अधीन, खनिज और विटामिन प्रीमिक्स, क्रिल भोजन, मछली लिपिड तेल और अन्य जैसे कई इनपुट पर बीसीडी कम हो गया।
- अमोनियम नाइट्रेट पर बीसीडी 7.5% से बढ़कर 10% हो गई।
- पीवीसी फ्लेक्स फिल्मों पर बीसीडी बढ़कर 25% हो गई।
- कैंसर की दवाओं- ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब पर सीमा शुल्क से छूट दी गई।
निर्देश संख्या 06/2024-सीमा शुल्क दिनांक 23.03.24 जारी करना
- शांत और निष्पक्ष चुनावों के लिए समन्वित और केंद्रित ध्यान की आवश्यकता होती है, जिसमें विभिन्न एलईए की ओर से सूचनाओं का उचित आदान-प्रदान भी शामिल है। इसे प्रभाव में लाने के लिए, निर्देश संख्या 06/2024-सीमा शुल्क दिनांक 23.03.24 को चुनाव के दौरान संदिग्ध नकदी, अवैध शराब, ड्रग्स/ नशीले पदार्थ, रेवड़ी और तस्करी के सामान के प्रवाह को रोकने के लिए सीबीआईसी के अंतर्गत सभी संरचनाओं के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई। इसमें चुनाव के दौरान प्रमुख जब्ती (1 करोड़ रुपये से अधिक) की रिपोर्टिंग और वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से की गई अवरोधन/ जब्ती की रिपोर्टिंग के लिए ईएसएमएस के कार्यान्वयन के संबंध में निर्देश शामिल हैं।
सीमा शुल्क विभाग की ओर से जब्त की गई प्राचीन वस्तुओं को एएसआई को सौंपना
- माननीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री की मौजूदगी में, माँ कोत्राक्षी की 16वीं शताब्दी की चुराई मूर्ति की स्वदेश वापसी के फलस्वरूप; पूरे भारत में सीमा शुल्क विभाग की ओर से जब्त की गई प्राचीन वस्तुओं को एएसआई को सौंपने की एक परियोजना शुरू की गई थी। माननीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 29.02.2024 को एक हैंडओवर समारोह आयोजित किया गया था और ऐसी 101 प्राचीन वस्तुएं एएसआई को सौंपी गई थीं। इस अवसर पर इन प्राचीन वस्तुओं के ऐतिहासिक महत्व और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में रीति-रिवाजों की भूमिका का वर्णन करने वाली 'पूर्वाशेष के प्रहरी' नामक एक पुस्तिका भी जारी की गई।
- डीजीएफटी ने ईओयू और एसईजेड सेक्टर से निर्यात होने वाली वस्तुओं को शामिल करने के लिए आरओडीटीईपी योजना का विस्तार किया। इसको प्रभाव में लाने के लिए, सीबीआईसी ने क्रमशः अधिसूचना संख्या 20/2024- सीमा शुल्क (एनटी) दिनांक 11.03.2024 और 50/2024 - सीमा शुल्क (एन.टी.) दिनांक 19.07.2024 जारी कीं।
- रक्षा वस्तुओं सहित शुल्क वापसी की सभी उद्योग दरों (एआईआर) से संबंधित अधिसूचना संख्या 77/2023-सीमा शुल्क (एन.टी.) दिनांक 20.10.2023 में संशोधन के लिए अधिसूचना संख्या 33/2024-सीमा शुल्क (एन.टी.) दिनांक 30.04.2024 को जारी किया गया था।
- अधिसूचना संख्या 77/2023-सीमा शुल्क (एन.टी.) दिनांक 20.10.2023 और 33/2024- दिनांक 30.04.2024 सीमा शुल्क (एन.टी.) के जरिए अधिसूचित शुल्क वापसी की सभी उद्योग दरों (एआईआर) में किए गए बदलावों के संबंध में सर्कुलर संख्या 04/2024-सीमा शुल्क दिनांक 07.05.2024 जारी की गई थी।
- ड्यूटी ड्राबैक के सभी उद्योग दरों (एआईआर) के वितरण के लिए, सीबीआईसी 05.06.2024 से मानवीय रूप से जारी किए गए भौतिक चेक (नोडल बैंक को) आधारित प्रक्रिया को बदलकर एंड-टू-एंड स्वचालित पीएफएमएस आधारित ड्यूटी ड्राबैक राशि के सीधे निर्यातक के बैंक खातों में वितरण की ओर बढ़ गया है। इसके लिए सीबीआईसी ने निर्देश संख्या 15/2024-सीमा शुल्क दिनांक 29.05.2024 जारी की। इस कागज रहित कार्य करने की प्रक्रिया से निर्यातकों के खातों में ड्राबैक राशि के एआईआर को शीघ्रता से जमा करने और पारदर्शिता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
- सोने और चांदी के जेवरों और चांदी की वस्तुओं के लिए शुल्क वापसी की सभी-उद्योग दरों (एआईआर) को संशोधित करने के लिए 23.08.2024 अगस्त को अधिसूचना संख्या 55/2024-सीमा शुल्क (एन.टी.) जारी की गई थी। यह अधिसूचना 20 अक्टूबर, 2023 की पिछली अधिसूचना संख्या 77/2023-सीमा शुल्क (एन.टी.) में संशोधन करती है।
- सीबीआईसी के ड्राबैक डिवीजन ने डीटीए, एए, ईओयू और एसईजेड इकाइयों से निर्यात के लिए रक्षा वस्तुओं के साथ-साथ कई पात्र वस्तुओं के लिए आरओडीटीईपी दरों की समीक्षा के लिए आरओडीटीईपी समिति-2023 की मदद की। समिति की सिफारिशों के आधार पर, डीओसी की ओर से अधिसूचित संशोधित आरओडीटीईपी दरें 10.10.2024 को प्रभावी की गई हैं।
- बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए जब अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की बात आती है तो भारतीय सीमा शुल्क बोर्ड हमेशा सबसे आगे रहा है। इस संबंध में, बोर्ड ने विनिमय दर स्वचालन मॉड्यूल लॉन्च किया है और इसके तौर-तरीकों को सर्कुलर 07/2024-सीमा शुल्क दिनांक 25.06.2024 में समझाया गया है। विनिमय दरें महीने में दो बार (यानी हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार) शाम 6:00 बजे आइसगेट वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएंगी और आइसगेट वेबसाइट पर जनता के देखने के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रकार, विनिमय दरों के प्रकाशन की मानव प्रक्रिया का स्थान अब स्वचालित प्रणाली ने ले लिया है।
- सीबीआईसी ने अधिसूचना संख्या 60/2024-सीमा शुल्क (एनटी) दिनांक 12.09.2024 के माध्यम से कमी वाले निर्यात प्रोत्साहन को मंजूरी देने के लिए कूरियर आयात और निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक घोषणा और प्रसंस्करण) विनियम, 2010 में संशोधन किया।
- कूरियर के माध्यम से निर्यात के लिए आरओडीटीईपी (निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट), आरओएससीटीएल (राज्य और केंद्रीय लेवी और करों में छूट) को सर्कुलर संख्या 15/2024-सीमा शुल्क दिनांक 12.09.2024 को उक्त संशोधनों की व्याख्या करते हुए और हितधारकों को कूरियर निर्यातों के निर्यात लाभ बढ़ाने के बारे में सूचित करना भी जारी किया गया है।
- डाक मार्ग के माध्यम से निर्यात की सुविधा के लिए सीबीआईसी और डाक विभाग (डीओपी) ने संयुक्त रूप से एक "हब एंड स्पोक" प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली डाक माध्यम के जरिए निर्यात को बढ़ाने के लिए कागज रहित, संपर्क रहित और मध्यस्थ मुक्त वातावरण के निर्माण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और विस्तृत डाक नेटवर्क का लाभ उठाती है। पहले से ही अधिकृत 1001 बुकिंग डाकघरों की निरंतरता में, सीबीआईसी ने सर्कुलर संख्या 01/2024 दिनांक 01.02.2024 के माध्यम से अतिरिक्त 14 बुकिंग डाकघरों को अधिकृत किया है, जिससे स्वचालित प्रणाली के अंतर्गत कवर किए गए बुकिंग डाकघरों की कुल संख्या 1015 हो गई है। इसके अतिरिक्त, डीएनके पोर्टल का इस्तेमाल करके किए गए डाक निर्यात पर आईजीएसटी रिफंड के स्वचालन की परियोजना 17 सितंबर, 2024 से लागू की गई है।
- भारत गणराज्य की सरकार और मेडागास्कर गणराज्य की सरकार के बीच सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक प्रशासनिक सहायता में समझौते पर 27.06.2024 को ब्रुसेल्स में डब्ल्यूसीओ परिषद की बैठक के मौके पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत गणराज्य की सरकार और बेलारूस गणराज्य की सरकार के बीच सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता में समझौते पर 28.06.2024 को ब्रुसेल्स में डब्ल्यूसीओ परिषद की बैठक के मौके पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- सीबीआईसी और वियतनाम सीमा शुल्क के सामान्य विभाग के बीच क्षमता निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर 31.07.2024 को हस्ताक्षर किए गए।
- भारत गणराज्य सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और न्यूजीलैंड सीमा शुल्क सेवा के बीच सीमा शुल्क मामले में पारस्परिक सहकारी व्यवस्था पर 06.08.2024 को हस्ताक्षर किए गए थे।
- भूमि से घिरे विकासशील देश भूटान को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, इस साल फरवरी 2024 में सीबीआईसी ने एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है, जिसमें असम में जोगीघोपा और पांडु बंदरगाहों पर प्रवेश/ निकास बिंदुओं के साथ भारत के माध्यम से नदी मार्ग का उपयोग करके भूटान और बांग्लादेश के बीच माल के आने-जाने की अनुमति दी गई है।
- सीबीआईसी ने 6-7 मई, 2024 को भारत के लेह में भारत और भूटान के बीच 5वीं संयुक्त सीमा शुल्क समूह बैठक की मेजबानी की।
- बेंगलुरु स्थित केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स के माध्यम से बांग्लादेश निर्यात कार्गो को तीसरे देशों में ट्रांसशिपमेंट की अनुमति देने के लिए सर्कुलर संख्या 09/2024-सीमा शुल्क दिनांक 09.07.2024 को संशोधित कर सर्कुलर संख्या 29/2020-सीमा शुल्क दिनांक 22.6.2020 जारी की गई है।
- हाल ही में, सीबीआईसी ने 29 जुलाई से 01 अगस्त, 2024 के बीच थिंपू, फुएंटशोलिंग, गेलेफू और सैमड्रुप में “भूटान-भारत व्यापार और आर्थिक साझेदारी को एडवांस” पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
- भूमि सीमा शुल्क केंद्रों (एलसीएस) के काम-काज पर 28 और 29 अगस्त, 2024 को चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
- सर्कुलर संख्या 19/2024-सीमा शुल्क दिनांक 30.09.2024 को वेयरहाउस लाइसेंस प्राप्त करने, वेयरहाउस वस्तुओं के बॉन्ड से बॉन्ड मूवमेंट और मासिक रिटर्न अपलोड करने से संबंधित सीमा शुल्क बॉन्डेड वेयरहाउस प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के संबंध में जारी किया गया है।
भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य/ इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (आइसगेट) 2.0:
- आइसगेट 2.0 वेबसाइट एक पूर्ण द्विभाषी वेबसाइट है जिसे यूजर अनुभव को बेहतर करने और समकालीन यूजर इंटरफेस देने करने के लिए तैयार किया गया है। पूछताछ के लिए आए बिना निजीकृत डैशबोर्ड में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे संदेश भरने की स्थिति, टिकटों का विवरण, रिफंड और शुल्क भुगतान इत्यादि दिखाने के लिए नया फीचर "विजेट" भी प्रदान किया जा रहा है। विजेट्स में मौजूद डेटा डाउनलोड भी किया जा सकता है। पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को उन घटनाओं के चुनाव के लिए अनुकूलित नोटिफिकेशन सुविधा प्रदान की जा रही है जिनके लिए वे सूचनाएं प्राप्त करना चाहते हैं। पंजीकृत उपयोगकर्ता आइसगेट पर ऑनलाइन वेब फॉर्म का उपयोग करके अपने दस्तावेज खुद दाखिल कर सकते हैं, जो पहले के ऑफलाइन वेब फॉर्म से बेहतर हैं।
कुशल निरीक्षण और निकासी प्रक्रिया के लिए आइसटैब का इस्तेमाल:
- आइसटैब व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए सीबीआईसी की चल रही पहल का हिस्सा है। आइसटैब एक मोबाइल टैबलेट है जिसे परीक्षा रिपोर्ट के त्वरित और वास्तविक समय अपलोड की सुविधा के लिए तैयार किया गया है, जो सीमा शुल्क अधिकारियों को काम करने के दौरान दक्षता बढ़ाने में सक्षम बनाता है। आइसटैब के पास एक विशिष्ट मोबाइल एप्लिकेशन है जो जांच अधिकारियों को अन्य सहायक दस्तावेजों के साथ-साथ आरएमएस निर्देश, परीक्षा आदेश और बिल ऑफ एंट्री (बीई) विवरण देखने, बिल ऑफ एंट्री के साथ एकीकरण के लिए कार्गो जांच की छवियों को कैप्चर करने और कार्गो जांच के समापन पर तुरंत परीक्षा रिपोर्ट जमा करने में सक्षम बनाता है। सीमा शुल्क अधिकारियों के लिए आइसटैब का उद्देश्य भू-संदर्भ के साथ तस्वीरें संलग्न करने की क्षमता के साथ आयातित माल की त्वरित जांच के लिए सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है और जांच के उद्देश्य के लिए किसी भी कागजी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। इससे वास्तविक समय के आधार पर परीक्षा रिपोर्ट को त्वरित अपलोड करने की सुविधा भी मिलेगी और परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो जाएगी। आइसटैब के उपयोग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश सीबीआईसी सर्कुलर संख्या 10/2024-सीमा शुल्क दिनांक 20.08.2024 में उल्लिखित हैं।
विनिमय दर स्वचालन मॉड्यूल:
- बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए जब अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की बात आती है तो भारतीय सीमा शुल्क बोर्ड हमेशा सबसे आगे रहा है। इस संबंध में, बोर्ड ने विनिमय दर स्वचालन मॉड्यूल लॉन्च किया है और इसके तौर-तरीकों को सर्कुलर 07/2024-सीमा शुल्क दिनांक 25.06.2024 और इसके संशोधन सर्कुलर संख्या 17/2024-सीमा शुल्क दिनांक 18.09.2024 में समझाया गया है। विनिमय दरें महीने में दो बार (यानी हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार) शाम 6:00 बजे आइसगेट वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएंगी और आइसगेट वेबसाइट पर जनता के देखने के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रकार, विनिमय दरों के प्रकाशन की मानव प्रक्रिया का स्थान अब स्वचालित प्रणाली ने ले लिया है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहन:
बोर्ड सर्कुलर संख्या 2/2024-सीमा शुल्क, दिनांक 8 मार्च 2024 की ओर से क्षेत्रों को सीमा शुल्क और व्यापार गतिविधियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और सहयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं:
- मुख्य रूप से महिला संघों के माध्यम से, पीटीएफसी और सीसीएफसी बैठकों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना;
- महिलाओं के नजरिए का कम से कम एक एजेंडा बिंदु शामिल करना;
- महिला व्यापारियों और महिला लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं के लिए समर्पित सहायता डेस्क और प्रोसेसिंग मैकेनिज्म स्थापित करने के लिए व्यापार निकायों/ संरक्षकों को प्रोत्साहित करना;
- महिलाओं के लिए प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान करके महिला लॉजिस्टिक्स सेवा देने वालों, माल आगे भेजने वालों और कस्टम ब्रोकरों के कौशल को बढ़ाने में सहयोग करना।
यह पहल व्यापार में लैंगिक समानता के महत्व पर (चाहे वह व्यापारी, सीमा शुल्क हाउस एजेंट, माल अग्रेषणकर्ता या सीमा शुल्क दलाल के रूप में हो) प्रकाश डालती है और रसद क्षेत्र की कई भूमिकाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का समर्थन करने के लिए भागीदार सरकारी एजेंसियों और व्यापार निकायों के सक्रिय प्रयासों की वकालत करती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश सीबीआईसी सर्कुलर संख्या 2/2024-सीमा शुल्क दिनांक 08.03.2024 में उल्लिखित हैं।
01.12.2024 से सिंथेटिक या पुनर्निर्मित हीरे के आयात/ निर्यात घोषणाओं के संबंध में अनिवार्य अतिरिक्त क्वालिफायर:
- बिल ऑफ एंट्री (इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड डिक्लेरेशन एंड पेपरलेस प्रोसेसिंग) नियम, 2018 और शिपिंग बिल (इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड डिक्लेरेशन एंड पेपरलेस प्रोसेसिंग) नियम, 2019 के अनुसार, 01.12.2024 से आयात/ निर्यात घोषणाएं दाखिल करते समय लैब ग्रो डायमंड के लिए अतिरिक्त क्वालिफायर/ पहचानकर्ता घोषित किया जाना अनिवार्य होगा। अतिरिक्त योग्यताओं की घोषणा से मूल्यांकन की गुणवत्ता में सुधार होगा और हस्तक्षेप को सुव्यवस्थित किया जाएगा तथा सुविधा में बढ़ोतरी होगी। इस संबंध में विस्तृत निर्देश सीबीआईसी सर्कुलर संख्या 21/2024-सीमा शुल्क दिनांक 30.10.2024 में उल्लिखित हैं।
कूरियर माध्यम के जरिए किए गए निर्यात के लिए विस्तारित निर्यात संबंधी लाभ:
- अब तक, एक्सप्रेस कार्गो क्लियरेंस सिस्टम (ईसीसीएस) का इस्तेमाल अधिसूचित अंतर्राष्ट्रीय कूरियर टर्मिनलों (आईसीटी) पर कूरियर आयात और निर्यात शिपमेंट को संभालने के लिए किया जाता था। हालांकि, प्रणाली के बनावटी की सीमाओं के कारण, कुछ निर्यात-संबंधित भुगतान, जैसे ड्यूटी ड्रॉबैक, आरओडीटीईपी और आरओएससीटीएल की प्रोसेसिंग, ईसीसीएस के माध्यम से नहीं की जा सकी। इस मुद्दे को हल करने के लिए, इन भुगतानों की प्रोसेसिंग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कूरियर टर्मिनलों पर भारतीय सीमा शुल्क ईडीआई प्रणाली (आईसीईएस) को लागू करने का निर्णय लिया गया है, जो 12.09.2024 से प्रभावी है। इस कार्यान्वयन के तौर-तरीकों को सर्कुलर संख्या 15/2024-सीमा शुल्क, दिनांक 12.09.2024 में रेखांकित किया गया है।
पीएफएमएस के माध्यम से निर्यातकों के खाते में वापसी राशि का वितरण:
- स्क्रॉल आउट के बाद निर्यातकों के खातों में वापसी राशि का भुगतान सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से किया जाएगा, जो कि 5 जून, 2024 से प्रभावी है। कई जगहों से उत्पन्न स्क्रॉल को सीमा शुल्क स्वचालित प्रणाली (सीएएस) की ओर से स्वचालित रूप से केंद्रीय नोडल ई-डीडीओ को प्रेषित करने के लिए प्रोसेस किया जाएगा और नामित केंद्रीय नोडल ई-डीडीओ समेकित स्क्रॉल को नोडल ई-पीएओ को आगे भेजेगा। नोडल ई-पीएओ से मंजूरी के बाद, शुल्क वापसी राशि निर्यातकों के पीएफएमएस से जुड़े बैंक खातों में जमा की जाएगी। विस्तृत निर्देश निर्देश संख्या 15/2024-सीमा शुल्क दिनांक 29.05.2024 के माध्यम से जारी किए गए हैं।
वेयरहाउस लाइसेंस प्राप्त करने, गोदाम में रखे गए माल के बॉन्ड से बॉन्ड मूवमेंट और मासिक रिटर्न अपलोड करने से संबंधित सीमा शुल्क बॉन्डेड वेयरहाउस प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण:
- सीबीआईसी ने सीमा शुल्क बंधुआ गोदामों के लिए आइसगेट पर एक गोदाम मॉड्यूल लॉन्च किया है, जो: (i) वेयरहाउस लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन ऑनलाइन दाखिल करने; (ii) वेयरहाउस में रखे गए माल को किसी अन्य व्यक्ति और/ या वेयरहाउस में स्थानांतरित करने के अनुरोधों को ऑनलाइन जमा और प्रोसेसिंग करने; और (iii) सीमा शुल्क बंधुआ गोदामों के लिए मासिक रिटर्न अपलोड करने में सक्षम बनाता है। प्रणाली के प्रधान महानिदेशक (डीजी सिस्टम्स) ने व्यापार सदस्यों और विभागीय अधिकारियों, दोनों के लिए व्यापक उपयोगकर्ता पुस्तिकाएं जारी की हैं। विस्तृत प्रक्रियाएं सर्कुलर संख्या 19/2024- सीमा शुल्क, दिनांक 30.09.2024 में उल्लिखित हैं।
जारी योजनाओं/ कार्यक्रमों का प्रदर्शन:
- यूएनईएससीएपी, 2023 की ओर से आयोजित डिजिटल और संपोषित व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण में भारत का समग्र व्यापार सुविधा स्कोर 2019 में 78.49% से बढ़कर 2023 में 93.55% हो गया, जो सीमा पार व्यापार प्रक्रियाओं की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार का संकेत देता है। (स्रोत: सीबीआईसी सर्कुलर संख्या 10/2024- सीमा शुल्क दिनांक 20.08.2024)
- "व्यापार सुविधा में महिलाएं" विषय पर संयुक्त राष्ट्र व्यापार सुविधा सर्वेक्षण में भारत का स्कोर 2019 में 0% से बढ़कर 2021 में 66% हो गया है और इसके चलते संयुक्त राष्ट्र व्यापार सुविधा सर्वेक्षण में भारत की रैंकिंग में समग्र सुधार हुआ है।
आइसगेट पर एसईजेड इकाइयों को सेवाओं का प्रावधान:
- एसईजेड साइटों का ईडीआई को सक्षम बनाने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। आइसगेट पर एसईजेड यूजर्स के लिए कुछ प्रमुख सेवाएं जैसे एसईजेड यूजर्स का पंजीकरण, बाल उपयोगकर्ता पंजीकरण, पंजीकरण में संशोधन, फाइलिंग सेवाएं, इंटर और इंट्रा गुड्स मूवमेंट, डीटीए खरीद, ईटीपी वेबफॉर्म और एसईजेड उपयोगकर्ताओं के लिए डीएससी संशोधन की सुविधा का प्रावधान किया गया था।
एससीएमटीआर (सी कार्गो मेनिफेस्ट एंड ट्रांसशिपमेंट रेगुलेशन) के लिए मॉड्यूल की लॉन्चिंग:
एससीएमटीआर प्रत्यक्ष घोषणाएं दाखिल करने के लिए प्रारूप और समयसीमा में बदलाव भी निर्दिष्ट करता है।
एससीएमटीआर की कुछ विशेषताओं में शामिल हैं:
- प्रत्येक कार्गो के बारे में अतिरिक्त विवरण का अनुरोध करना, जैसे चालान मूल्य और एचएसएन
- प्रस्थान के बंदरगाह पर रिपोर्ट करने के समय को आगे बढ़ाना, रिपोर्ट किए गए कार्गो का ट्रैक और ट्रेस सुनिश्चित करना
- जिसमें भारत के भीतर जहाजों को ले जाने की सुविधाएं शामिल हैं
- विवरणों को मानवीय रूप से रखने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से साथ रखना, जैसे कि चालक दल की सूचियां।
दस्तावेज डाउनलोड उपयोगशीलता:
- उपयोगकर्ताओं को आइसगेट पर ई-कॉपी कार्यक्षमता में बीई, एसबी, एलईओ, ओओसी, ओओसी के लिए गेटपास, एलईओ के लिए गेटपास जैसे विभिन्न दस्तावेज डाउनलोड करने की अनुमति देने के लिए आइसगेट पर एक उपयोगितशीलता विकसित की गई है।
आइसगेट 2.0 वेबसाइट में सुधार:
- आइसगेट वेबसाइट को अधिक जानकारीपूर्ण और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया था।
एआई-आधारित इंटरैक्टिव चैटबॉट (वाणी):
- इसे आइसगेट वेबसाइट पर लेन-देन के लिए लॉन्च किया गया है ताकि उपयोगकर्ताओं को आइसगेट की विभिन्न सेवाओं तक पहुंचने में जानकारी मिल सके।
विनिमय दर स्वचालन मॉड्यूल:
- सीमा शुल्क प्रणाली में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न मुद्रा कोडों की विनिमय दरों के एकीकरण को स्वचालित करने के लिए यह मॉड्यूल लॉन्च किया गया था। इसमें मुद्रा कोड की विनिमय दरें प्राप्त करने के लिए एसबीआई के साथ एपीआई आधारित एकीकरण शामिल था। ये दरें बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के व्यापार के उद्देश्य से वेबसाइट और एप्लिकेशन पर स्वचालित रूप से अपडेट की जाती हैं।
पीजीए से एनओसी/ रिलीज ऑर्डर जारी करने के विवरण को ट्रैक करना
- उपयोगकर्ता की ओर से दायर प्रविष्टि के बिल के बदले आइसगेट वेबसाइट पर संबंधित पीजीए (एफएसएसएआई, एक्यूसीएस और पीक्यूएमएस) की ओर से जारी एनओसी/ रिलीज ऑर्डर का ट्रैकिंग विवरण देने के लिए उपयोगकर्ताओं के डैशबोर्ड पर एक सुविधा शुरू की गई है।
संरक्षकों (समुद्र और भूमि) के साथ एपीआई एकीकरण:
- मौजूदा एमएफटीपी आधारित एकीकरण को क्रमशः कॉनकॉर और अदानी लैंड और सी पोर्ट्स के साथ एपीआई आधारित एकीकरण में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसने वास्तविक समय के आधार पर डेटा साझा करने के लिए आइसगेट एप्लिकेशन और संरक्षकों के बीच डेटा के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की है।
डाक विभाग के साथ एकीकरण:
- संबद्ध शिपिंग बिलों के लिए आईजीएसटी रिफंड का दावा करने और अन्य निर्यात लाभों का दावा करने के लिए डाक विभाग के साथ एकीकरण किया गया है।
डाक निर्यात केंद्र (डीएनके) के माध्यम से निर्यात के लिए आईजीएसटी रिफंड:
- डाक निर्यात केंद्र (डीएनके) के माध्यम से निर्यात के लिए आईजीएसटी रिफंड को योग्य बनाने के लिए आइसगेट पर एक मॉड्यूल लॉन्च किया गया है।
एसबी फाइलिंग, कस्टोडियन पंजीकरण और आइसगेट के साथ संदेश विनिमय के लिए ईसीसीएस के साथ एकीकरण:
- दायर किए गए शिपिंग बिलों के विरुद्ध विभिन्न निर्यात लाभों का दावा करने के लिए ईसीसीएस के साथ एकीकरण किया गया है।
कूरियर मोड के माध्यम से माल निर्यात करने पर निर्यात लाभ (आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल और ड्राबैक):
- कूरियर मोड के माध्यम से निर्यात के लिए निर्यात लाभ (आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल और ड्राबैक) बढ़ाए गए।
वेयरहाउस के लिए वेयरहाउस लाइसेंसिंग कोड, वेयरहाउस से वेयरहाउस माल की आवाजाही और मासिक रिटर्न का डिजिटलीकरण:
- वेयरहाउस उपयोगकर्ताओं के लिए वेयरहाउस लाइसेंसिंग कोड की पीढ़ी का प्रावधान करने के लिए आइसगेट पर एक मॉड्यूल लॉन्च किया गया है। यह मॉड्यूल माल को एक वेयरहाउस से दूसरे वेयरहाउस तक ले जाने की सुविधा भी देता है। वेयरहाउस के लिए मासिक रिटर्न दाखिल करने को डिजिटल बनाने की भी सुविधा है।
एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर आंतरिक और बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च:
- आइसगेट की फाइलिंग, ई-भुगतान, एंड्रॉइड आधारित मोबाइल पर विभिन्न पूछताछ तक पहुंच जैसी सेवाएं शुरू की गई हैं। यह जल्द ही आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद होगा।
- ई-सील विक्रेताओं के साथ एकीकरण, ई-स्क्रिप, सीमा शुल्क ई-भुगतान प्लेटफार्म, डीजीएफटी के साथ एकीकरण, परीक्षा मॉड्यूल, जीएसटीएन के साथ एकीकरण, कंटेनर स्कैनिंग मॉड्यूल जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का आईसीईजीएटी 1.0 से आईसीईजीएटी 2.0 में स्थानांतरण किया गया। पहले के विरासत-आधारित आर्किटेक्चर पर निर्मित को माइक्रो सर्विस-आधारित आर्किटेक्चर में स्थानांतरित कर दिया गया था।
सिंगल साइन ऑन सेवाओं के अंतर्गत एफएसएसएआई, पीक्यूएमएस, एक्यूसीएस का एकीकरण:
- पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को संबंधित पीजीए पोर्टल पर किसी भी लॉगिन के बिना आइसगेट वेबसाइट से एफएसएसएआई, एक्यूसीएस और पीक्यूएमएस जैसी एजेंसियों से संबंधित पोर्टल तक पहुंचने की सुविधा प्रदान की गई है। इसे भविष्य में अन्य पीजीए के साथ भी लाइव किया जाएगा।
बीआईएस के साथ एकीकरण:
- अधिकारी के संदर्भ के लिए निर्माता के लाइसेंस विवरण साझा करने के लिए बीआईएस और आईसीईजीएटीई के बीच एपीआई आधारित एकीकरण किया गया।
आरसीएमसी विवरण के लिए डीजीएफटी के साथ एकीकरण:
- डीजीएफटी से उपयोगकर्ता के आरसीएमसी विवरण साझा करने के लिए डीजीएफटी और आइसगेट के बीच एपीआई आधारित एकीकरण किया गया। ये विवरण उपयोगकर्ता को आइसगेट के डैशबोर्ड पर दिखाए जाते हैं।
कूरियर को निर्यात लाभ
- कूरियर के माध्यम से किए गए माल के निर्यात के लिए निर्यात प्रोत्साहन (ड्रॉबैक, आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल) जहां वस्तुओं की कीमत 10 लाख रुपये से कम है और निर्यात प्रोत्साहन का दावा करने के लिए, आईसीटी के माध्यम से ई-कॉमर्स शिपमेंट के लिए, शिपिंग बिल आइसगेट/ आईसीईएस में दाखिल किया जाएगा।
- स्क्रॉल स्वचालित रूप से उत्पन्न हो जाएगा और कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।
- स्क्रिप आइसगेट पोर्टल पर तैयार की जाएंगी।
डीएके निर्यात के लिए आईजीएसटी रिफंड
- डाक के माध्यम से निर्यात पर आईजीएसटी की वापसी के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया गया है, जिसमें निर्यातक निर्यात के डाक बिल दाखिल करते समय आईजीएसटी रिफंड मांगने के लिए विवरण प्रदान करेंगे, और माल के भौतिक निर्यात के बाद ऐसे विवरण आईसीईएस सिस्टम में जीएसटीएन के साथ जीएसटी सत्यापन के लिए, और स्क्रॉल की तैयारी के लिए भेज दिए जाएंगे।
- आईजीएसटी रिफंड की प्रक्रिया उसी तरह की जाएगी जैसे कूरियर/ ईसीसीएस के माध्यम से निर्यात के लिए की जाती है।
ईजीएम के बाद संशोधन मॉड्यूल
- ईजीएम दाखिल करने के बाद अधिकारी को शिपिंग बिल में संशोधन करने की अनुमति देने की एक कार्यक्षमता विकसित की गई है। एक बार शिपिंग बिल में संशोधन हो गया, तो निर्यात प्रोत्साहन को फिर से प्रोसेस किया जाएगा और निर्यातक को मौजूदा कार्यप्रणाली के अनुसार लाभ का भुगतान किया जाएगा।
माल की हाथ से ढुलाई
- एक कार्यक्षमता विकसित की जा रही है जिसके बाद एक निर्यातक अपनी ओर से निर्यातक की ओर से अधिकृत विदेश जाने वाले यात्रियों की ओर से ले जाने के लिए व्यक्तिगत सामान के रूप में सामान निर्यात कर सकता है।
आईसीईटीएबी
- जांच शेड में आईसीईएस तक जांचने वाले अधिकारी की पहुंच, वास्तविक समय में त्वरित रिपोर्ट प्रस्तुत करना
- रुकने के समय में कमी
- जहां चित्र लिया गया है उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के साथ तस्वीर की तारीख और समय संग्रह करने में मदद
- जांच शेड में आरएमएस निर्देश, ई-संचित, बीई विवरण तक पहुंच
लॉन्च हुई नई तरक्की
- अगस्त 2024 में निर्यात/ आयात के समय तेजी से जांच करने के लिए फील्ड अधिकारियों के लिए आईसीईटीएबी का शुभारंभ।
- 13.09.2024 को लॉन्च किए गए एकीकृत कूरियर टर्मिनल (आईसीटी) के माध्यम से प्रोसेस किए जा रहे वाणिज्यिक निर्यातों के लिए निर्यात लाभ (आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल और ड्राबैक) का प्रावधान।
- डाक निर्यात केंद्रों (डीएनके) के माध्यम से निर्यात के लिए आईजीएसटी रिफंड 17.09.2024 को शुरू किया गया।
- 01.07.2024 को आईसीईएस में 273 एसईजेड साइटें लॉन्च की गईं।
आगामी उत्थान
- ईजीएम के बाद शिपिंग बिल में संशोधन।
- कार्गो की हाथ से ढुलाई (मैन्युअल प्रक्रिया का नया स्वचालन)
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एमजी/केसी/एमएम/डीए
(Release ID: 2087900)
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