विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज "अस्पताल प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार" प्रदान किए
चिकित्सा देखभाल को एकीकृत करने में अस्पताल प्रशासकों की भूमिका पर जोर दिया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य सेवा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका का उल्लेख किया
स्वदेशी टीके, जीनोम अनुक्रमण और किफायती निदान सेवा विकसित करने में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की भूमिका को उजागर किया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नवाचार एआई डायग्नोस्टिक्स, टेलीमेडिसिन और वियरेबल हेल्थ टेक में शहरी-ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बीच की खाई को पाटेंगे – डॉ. जितेंद्र सिंह
भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अब विश्व के सर्वोत्तम मानकों के अनुसार है - डॉ. जितेंद्र सिंह
पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक दवा नेफिथ्रोमाइसिन का विकास देश की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता का प्रमाण है: डॉ. जितेंद्र सिंह
विकसित भारत 2047 की यात्रा में स्वास्थ्य सेवा प्रशासकों को प्रमुख भूमिका निभाने का सौभाग्य मिला है: डॉ. जितेंद्र सिंह
Posted On:
20 DEC 2024 4:58PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज प्रतिष्ठित अस्पताल प्रशासकों को "अस्पताल प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार" प्रदान किए। उन्होंने चिकित्सा देखभाल को एकीकृत करने में अस्पताल प्रशासकों की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें उपकरण-समूह के रूप में वर्णित किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अस्पताल प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार के तीसरे संस्करण में स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में क्रांतिकारी बदलाव लाने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। इस कार्यक्रम में उन स्वास्थ्य सेवा प्रशासकों और संस्थानों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया, जिन्होंने रोगी देखभाल, परिचालन दक्षता तथा स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए नवाचार में उत्कृष्टता हासिल की है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य सेवा प्रशासकों के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने वाला प्रमुख कार्यकर्ता करार दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा प्रशासन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बीच महत्वपूर्ण अंतरसंबंध का भी जिक्र किया और बताया कि किस तरह से प्रौद्योगिकी में प्रगति ने स्वास्थ्य सेवा कार्य प्रणालियों को नया रूप दिया है। श्री सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिक स्वास्थ्य सेवा वितरण की मेरुदंड हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन उपकरणों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने की क्षमता ने प्रशासकों को उभरती हुई स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं की पूर्ति करने व रोगी-केंद्रित देखभाल सुनिश्चित करने में सक्षम बनाया है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि कैसे निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच पहले की सीमा रेखा अब नहीं रही है। उन्होंने कहा कि इससे समन्वित इकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त होता है, जो नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा का मार्ग प्रशस्त करता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के योगदान का जिक्र करते हुए कई प्रमुख गतिविधियों के बारे में जानकारी दी, जिन्होंने भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधीन जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वदेशी टीकों के विकास को सुगम बनाकर और वायरस के वेरिएंट पर नजर रखने के लिए बड़े पैमाने पर जीनोम अनुक्रमण को सक्षम करके अग्रणी भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, किफायती डायग्नोस्टिक किट बनाने और बायोफार्मास्युटिकल नवाचारों को सहयोग देने में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रयास देश भर में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार लाने में सहायक रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में अस्पताल प्रशासन अकादमी के पुरस्कार समारोह के दौरान संबोधित करते हुए
डॉ. जितेंद्र सिंह ने एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरणों और टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म जैसे नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की भूमिका पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये प्रौद्योगिकियां शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों के बीच की खाई को पाटने तथा सभी के लिए चिकित्सा देखभाल तक समान पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक संस्थानों ने महामारी से निपटने की तैयारी से लेकर रोजमर्रा की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के समाधान तक लगातार ऐसे समाधान पेश किए हैं, जो हमारे देशवासियों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मिशन कोविड सुरक्षा के बारे में भी चर्चा की, जिसने भारत को निवारक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है।
अस्पताल प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कारों को जीवनपर्यन्त उपलब्धियों के लिए भीष्म व रणनीतिक उत्कृष्टता के लिए चाणक्य जैसी महान भारतीय विभूतियों के नाम पर शीर्षक दिए गए हैं और इन्हें स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को प्रेरित करने तथा प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किए गए थे। यह कार्यक्रम पर्यावरणीय स्वास्थ्य निगरानी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों पर इसके प्रभाव सहित स्वास्थ्य सेवा में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के योगदान को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है। इसके अलावा, 2024 में होने वाले सुरक्षित और टिकाऊ अस्पताल (एसएएसएच) सम्मेलन के 10वें संस्करण के अग्रदूत के रूप में भी इस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य सेवा में स्थिरता की भूमिका पर जोर दिया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य सेवा नवाचार में वैश्विक अग्रणी देश के रूप में भारत की स्थिति के बारे में आशा व्यक्त की। उन्होंने सटीक चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और डेटा-संचालित निर्णय लेने में प्रगति का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत किस तरह से व्यापक भलाई के लिए विज्ञान का लाभ उठा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मानवीय करुणा के साथ मिलकर एक लचीले और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के इकोसिस्टम के निर्माण की कुंजी हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंत में स्वास्थ्य सेवा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पुरस्कार समारोह में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा प्रशासन के बीच अपरिहार्य तालमेल पर प्रकाश डाला गया, जिससे एक सशक्त, समावेशी तथा भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के सरकार के दृष्टिकोण को बल मिला। उन्होंने कहा कि निरंतर नवाचार और सहयोग के माध्यम से भारत समतापूर्ण स्वास्थ्य सेवा वितरण में नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए तैयार है।
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