सहकारिता मंत्रालय
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राष्ट्रीय स्तर पर बहु-राज्य सहकारी समितियां

Posted On: 18 DEC 2024 5:14PM by PIB Delhi

सहकारिता मंत्रालय ने तीन राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना की है; निर्यात, जैविक उत्पादों और गुणवत्ताप्रद बीजों में से प्रत्येक के लिए एक-एक समिति। इन समितियों को एमएससीएस अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया है। सभी स्तरों की सहकारी समितियां, जो प्रत्येक समिति के लिए विशिष्ट गतिविधियों में रुचि रखती हैं, सदस्य बनने के लिए पात्र हैं। इसका विवरण इस प्रकार है:

  1. नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल): एनसीईएल को इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ-अमूल) और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है। एनसीईएल की प्रारंभिक चुकता पूंजी 500 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच प्रमोटरों द्वारा प्रत्येक का 100 करोड़ रुपये का योगदान है और अधिकृत शेयर पूंजी 2,000 करोड़ रुपये है।

यह सोसाइटी देश के भौगोलिक संदर्भों से परे, व्यापक बाजारों तक पहुंचकर भारतीय सहकारी क्षेत्र में उपलब्ध सरप्लस के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे दुनिया भर में भारतीय सहकारी उत्पादों/सेवाओं की मांग बढ़ेगी और ऐसे उत्पादों/सेवाओं के लिए सर्वोत्तम संभव मूल्य प्राप्त होगा। यह खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, प्रमाणन, अनुसंधान और विकास आदि सहित विभिन्न गतिविधियों और सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देगा। यह समिति वित्तीय व्यवस्था करने, तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में मदद करने, मार्केट इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित करने और उसे बनाए रखने, संबंधित सरकारी योजनाओं को लागू करने और सहकारी क्षेत्र और अन्य संबंधित संस्थाओं से निर्यात बढ़ाने वाली अन्य गतिविधियों को शुरू करने में भी मदद करेगी।

पहल और उसके लिए की गई प्रगति:

  1. कुल 9,510 सहकारी समितियां एनसीईएल की सदस्य बन गई हैं।
  2. एनसीईएल ने अब तक विभिन्न देशों को 3934 करोड़ रुपये की 31 कृषि वस्तुओं का निर्यात किया है, जिनमें से अधिकांश में चावल, प्याज, चीनी शामिल हैं। एनसीईएल ने बेबी फूड, प्रोसेस्ड फूड, मसाले, चाय आदि का भी निर्यात किया है।
  3. पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों ने अपने राज्य में नोडल एजेंसियों को नामित किया है, ताकि सहकारी समितियों और किसानों को उनके निर्यात के लिए तैयार कृषि और अन्य उत्पादों/वस्तुओं की खरीद और विपणन की सुविधा के लिए मदद मिल सके। इसके अलावा सहकारी समितियों और किसानों द्वारा एनसीईएल के साथ सहयोग किया जा सके और इस प्रकार भारत के भीतर और बाहर उत्पादों/वस्तुओं की बाजार उपस्थिति और मूल्य प्राप्ति में वृद्धि हो सके।
  4. एनसीईएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 26.40 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है।
  5. एनसीईएल ने अपने ऑपरेशन के पहले साल में अपने सदस्यों को 20% लाभांश का भुगतान किया है।

(ii). भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल): बीबीएसएसएल को इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) द्वारा समर्थन दिया जाता है। बीबीएसएसएल की प्रारंभिक चुकता पूंजी 250 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच प्रमोटरों द्वारा प्रत्येक से 50 करोड़ रुपये का योगदान शामिल है और इसकी अधिकृत शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपये है। बीबीएसएसएल की स्थापना सहकारी नेटवर्क के माध्यम से एकल ब्रांड के तहत गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, खरीद और वितरण को शुरू करने के लिए की गई है, ताकि फसल की उपज में सुधार हो सके और स्वदेशी प्राकृतिक बीजों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक प्रणाली विकसित की जा सके। बीबीएसएसएल सहकारी समितियों के माध्यम से, भारत में गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे आयातित बीजों पर निर्भरता कम होगी, कृषि उत्पादन में इजाफा होगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, "मेक इन इंडिया" को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत की ओर मार्ग प्रशस्त होगा।

यह समिति भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं और नीतियों का लाभ उठाते हुए, पैक्स के माध्यम से प्रमाणित और फाउंडेशन बीजों की सभी दो पीढ़ियों के उत्पादन, परीक्षण, प्रमाणन, खरीद, प्रसंस्करण, भंडारण, ब्रांडिंग, लेबलिंग और पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से "सहकार-से-समृद्धि" के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा, जहां सदस्यों को गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन के ज़रिए बेहतर कीमतों की प्राप्ति, उच्च उपज किस्म (एचवाईवी) के उपयोग से फसलों के बेहतर उत्पादन और समिति द्वारा उत्पन्न सरप्लस से वितरित लाभांश दोनों से लाभ होगा।

पहल और उसके लिए की गई प्रगति:

  1. कुल 14,816 सहकारी समितियां बीबीएसएसएल की सदस्य बन गई हैं।
  2. रबी 2023-24 सीजन के दौरान 11594 क्विंटल फाउंडेशन बीज का उत्पादन हुआ।
  3. खरीफ 2024 के दौरान, 40 किसानों द्वारा 10 राज्यों में 457 एकड़ में 7 फसलों की 23 किस्मों की बुवाई/रोपण किया गया।
  4. बीबीएसएसएल ने अब तक विभिन्न फसल की किस्मों के 38,126 क्विंटल बीज वितरित किए हैं।

(iii).  नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल): एनसीओएल को गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ), नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है। एनसीओएल की प्रारंभिक चुकता पूंजी 100 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच प्रमोटरों द्वारा प्रत्येक से 20 करोड़ रुपये का योगदान शामिल है और अधिकृत शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपये है। एनसीओएल की स्थापना एकत्रीकरण, प्रमाणन, परीक्षण, खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक सुविधाओं, जैविक उत्पादों के विपणन के लिए की गई है। इसके अलावा यह संस्थागत सहायता प्रदान करने और सरकार की विभिन्न योजनाओं और एजेंसियों की मदद से जैविक उत्पादों के प्रचार और विकासात्मक गतिविधियों के साथ-साथ पीएसीएस/एफपीओ सहित अपने सदस्य सहकारी समितियों के माध्यम से जैविक किसानों को वित्तीय सहायता की व्यवस्था करने की सुविधा प्रदान करने में मदद करती है। एनसीओएल विभिन्न स्तरों पर सहकारी समितियों द्वारा जैविक उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रामाणिक और प्रमाणित जैविक उत्पादों के विपणन में मदद करेगा।

पहल और उसके लिए की गई प्रगति:

  1. कुल 5,184 सहकारी समितियां एनसीओएल की सदस्य बन गई हैं।
  2. एनसीओएल ने "भारत ऑर्गेनिक्स" के ब्रांड नाम का उपयोग करना शुरू कर दिया है और अब तक सफल आउटलेट्स में बिक्री के लिए 14 जैविक उत्पादों और दिल्ली एनसीआर के सभी चैनलों में 02 उत्पादों का विपणन किया है।
  3. नागालैंड, असम, मेघालय और उत्तराखंड और एनडीडीबी-एमआरआईडीए के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि जैविक खेती को बढ़ावा देने और एक मॉडल बायो विलेज बनाने के लिए किसानों को जैव जानकारियों की आपूर्ति में एकरुपता रखी जा सके।
  4. सभी चैनलोंसामान्य व्यापार (जीटी), आधुनिक व्यापार (एमटी) और ई-कॉमर्स, आदि में भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड उत्पादों को वितरित करने के लिए मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएफवीपीएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए ।

सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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