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संसद प्रश्न: भारतीय अंतरिक्ष केंद्र का परिचालन

Posted On: 18 DEC 2024 3:17PM by PIB Delhi

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में परिक्रमा करने वाले भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान प्लेटफॉर्म के उद्देश्यों को पूरा करेगा। इससे स्थायी रूप से भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के एक भाग के रूप में पृथ्वी की निचली कक्षा में मध्यम से लंबी अवधि के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों को संचालित करने में सहायता मिलेगी। अन्य क्रियाशील अंतरिक्ष स्टेशनों की तरह ही भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में भी कई मॉड्यूल और अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताएं शामिल होंगी, जो सूक्ष्मगुरुत्व वातावरण में अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास गतिविधियों को संचालित करेंगी, जिनका लक्ष्य राष्ट्रीय प्राथमिकताएं पूरा करना तथा सामाजिक अनुप्रयोग होंगे।

गगनयान कार्यक्रम में संशोधन की हाल ही में मंजूरी के साथ ही इस कार्यक्रम के दायरे का विस्तार कर इसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के पूर्ववर्ती मिशनों को समाहित किया गया है, जिसमें बीएएस (बीएएस-01) के प्रथम मॉड्यूल का विकास और प्रक्षेपण भी शामिल है। बीएएस के पहले मॉड्यूल को 2028 में प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा गया है और बीएएस के 2035 तक सभी मॉड्यूलों के साथ पूर्णतः संचालित हो जाने की आशा है।

यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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एमजी/केसी/एनके


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