विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने "एच.पी.वी. के खिलाफ एकजुटता" कॉन्क्लेव में सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों की वकालत की


कोविड महामारी के दौरान मिशन "सुरक्षा" शुरू करने और सरकार के वैक्सीन कार्यक्रम को भरपूर समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए, मंत्री ने मानव पेपिलोमा वायरस (एच.पी.वी.) वैक्सीन विकसित करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना की

भारत द्वारा विकसित सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन सस्ती और अधिक प्रभावी है

क्वाड्रिवेलेंट एचपीवी वैक्सीन भारतीय आबादी के लिए वरदान है, जहां सर्वाइकल कैंसर के कारण महिलाओं में मृत्यु दर सालाना लगभग 1 लाख बताई जाती है

महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना विकसित भारत 2047 का मुख्य उद्देश्य है: डॉ. जितेंद्र सिंह

50 से 9000 बायोटेक स्टार्टअप भारत की नेतृत्व करने की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 17 DEC 2024 5:12PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत द्वारा विकसित सर्वाइकल कैंसर का टीका सस्ता और अधिक प्रभावी है।

कोविड महामारी के दौरान मिशन "सुरक्षा" शुरू करने और सरकार के वैक्सीन कार्यक्रम को भरपूर समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन विकसित करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना की, जो कि क्वाड्रिवैलेंट होने के कारण अद्वितीय है और इस प्रकार एचपीवी 6,11 और 16,18 के लिए अत्यधिक प्रभावी है, जो महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से निकटता से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि इसी विभाग ने पहले महामारी के दौरान कोविड के लिए पहली डीएनए वैक्सीन लाकर दुनिया भर में प्रशंसा अर्जित की थी।

यहां होटल हयात में एनडीटीवी द्वारा आयोजित हेल्थ कॉन्क्लेव में एक विशेष साक्षात्कार सत्र में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि, क्वाड्रिवेलेंट एचपीवी वैक्सीन भारतीय आबादी के लिए एक वरदान है, जहां सर्वाइकल कैंसर के कारण महिलाओं में मृत्यु दर प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख है और इनमें से 90% से अधिक महिलाओं में एचपीवी संक्रमण का इतिहास रहा है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली में एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार चैनल द्वारा आयोजित "एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) के खिलाफ एकजुटता" विषय पर एक कॉन्क्लेव के दौरान बोलते हुए।

एचपीवी वैक्सीन के इस्तेमाल की जोरदार वकालत करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 15 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के लिए दो खुराक और 15 वर्ष से अधिक आयु की लड़कियों के लिए तीन खुराक की सिफारिश की गई है, जिससे इसे लगवाना आसान है।

केंद्रीय मंत्री ने "एच.पी.वी. के खिलाफ एकजुटता" कॉन्क्लेव में अपने संबोधन के दौरान निवारक स्वास्थ्य सेवा, महिला स्वास्थ्य और स्वदेशी वैक्सीन के विकास में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो एक स्वास्थ्य के लिहाज से एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

केंद्रीय मंत्री ने क्वाड्रीवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन सहित स्वदेशी टीके विकसित करने में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में परिवर्तनकारी बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी निवारक स्वास्थ्य सेवा पहलों के लिए विश्व स्तर पर पहचाना जाता है और स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन सस्ती, सुलभ और सर्वाइकल कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण है। सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी बीमारी जो हर साल लगभग 450-500 मिलियन भारतीय महिलाओं को खतरे में डालती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से वैक्सीन के विकास के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि क्वाड्रिवेलेंट एचपीवी वैक्सीन चार महत्वपूर्ण एचपीवी प्रकारों को लक्षित करती है, जिससे सर्वाइकल कैंसर का जोखिम काफी कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ने और निवारक स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं को प्राथमिकता दिए जाने के साथ भारत में सांस्कृतिक बदलाव देखने को मिला है।

विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का आह्वान करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, गैर सरकारी संगठनों और शिक्षाविदों को शामिल करते हुए एक संयुक्त दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। मंत्री ने महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दिए जाने को 2047 के लिए भारत के विजन को साकार करने के केंद्र में होने की बात दोहराते हुए, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया।

खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियों से जुड़ी वर्जनाओं और बुराइयों से निपटने की जरूरत पर बात करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुरुआती पहचान, जागरूकता अभियान और समावेशी स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली की वकालत की। उन्होंने विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा में वैश्विक लीडर के रूप में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा पर भी विचार किया और कहा कि टीकों और चिकित्सा प्रौद्योगिकी में देश की सफलता की कहानियां वैश्विक मानक बन गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत न केवल दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है, बल्कि अक्सर दुनिया का नेतृत्व भी कर रहा है।

कॉन्क्लेव का समापन राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों में एचपीवी टीकाकरण को शामिल करने और सर्वाइकल कैंसर से व्यापक रूप से निपटने के लिए बहु-स्तरीय सहयोग को बढ़ावा देने के आह्वान के साथ हुआ।

*****

एमजी/केसी/एमपी


(Release ID: 2085430) Visitor Counter : 107


Read this release in: Tamil , English , Marathi