संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने भारतीय डाक तथा दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा के 50वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा, “आधुनिक लोक सेवकों को तकनीकी रूप से कुशल होना चाहिए और उन्हें परिवर्तन के सूत्रधार के रूप में कार्य करना चाहिए"
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि "समावेशिता, नवाचार और सुरक्षा के सिद्धांत भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए कवच हैं”
उपराष्ट्रपति और संचार मंत्री ने ‘संपन्न’ पेंशन मॉडल की सराहना की
Posted On:
14 DEC 2024 7:14PM by PIB Delhi
भारतीय डाक तथा दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा (आईपी एंड टीएएफएस) ने आज नई दिल्ली में अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे और केन्द्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आधुनिक लोक सेवकों से तकनीकी रूप में कुशल बनने और पारंपरिक प्रशासनिक सीमाओं से परे जाकर परिवर्तन के सूत्रधार के रूप में कार्य करने का आग्रह किया है। उन्होंने महत्वपूर्ण निर्णयों के मामले में मानवीय निगरानी बनाए रखते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित लेखा प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता के साथ एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में अंतर-विभागीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
यह कार्यक्रम भारत के दूरसंचार और डाक के क्षेत्रों को आकार देने में पिछले पांच दशकों के दौरान आईपी एंड टीएएफएस द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान का उत्सव था।
केन्द्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस अवसर पर अपने संबोधन में अधिकारियों की सफलता के पीछे के तीन स्तंभों के बारे में बात की: दूरसंचार क्षेत्र में स्थिरता लाना; पेंशनभोगियों का सशक्तिकरण और तकनीकी विकास के साथ तालमेल रखने में कैडर की क्षमताएं शामिल हैं। उन्होंने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के ‘संपन्न’ पेंशन मॉडल, पांच लाख से अधिक पेंशनभोगियों के पेंशन वितरण को सुव्यवस्थित करने और डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के समेकन में अधिकारीयों के योगदान के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि विभाग का मिशन और समावेशिता, नवाचार एवं सुरक्षा के सिद्धांत वह कवच हैं जिसे हम भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए रखेंगे।
डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (वित्त) श्री मनीष सिन्हा, डाक विभाग की सचिव श्रीमती वंदना कौल और संचार मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आईपी एंड टीएएफएस के बारे में
वर्ष 1974 में अपनी स्थापना के बाद से, आईपी एंड टीएएफएस भारत के दूरसंचार एवं डाक वित्तीय परिदृश्य में अग्रणी रहा है। यह सेवा स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रबंधन, लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में राजस्व पैदा करने के मामले में महत्वपूर्ण रही है, जो भारत सरकार को प्रत्येक वर्ष लगभग 25,000 करोड़ रुपये का योगदान देती है। यह सेवा 3,500 से अधिक दूरसंचार एवं इंटरनेट कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य की निगरानी में भी सहायक रही है।
इस राजस्व का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल भारत निधि के माध्यम से सरकार के यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) को समर्थन देने में जाता है, जिसका उद्देश्य भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन को बढ़ाना है। सरस पोर्टल, जोकि आईपी एंड टीएएफएस की एक पहल है, ने राजस्व आश्वासन, डिजिटलीकरण और मूल्यांकन तंत्र को मानकीकृत करने की प्रक्रिया में बदलाव ला दिया है। इस प्रकार, सरकार के सबसे बड़े गैर-कर राजस्व में बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित की गई है।
आईपी एंड टीएएफएस दूरसंचार विभाग के पेंशन प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें संपन्न पोर्टल के माध्यम से लगभग 4.5 लाख सेवानिवृत्त लोगों को पेंशन के निर्बाध वितरण की देखरेख करना शामिल है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित यह क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म कुशल, पारदर्शी एवं सम्मानजनक पेंशन वितरण की गारंटी देता है। कोविड-19 महामारी के दौरान, आईपी एंड टीएएफएस अधिकारियों ने वीआरएस 2019 के तहत 80,000 से अधिक पेंशन मामलों का निपटारा किया, जिससे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिली।
दूरसंचार क्षेत्र में अपने काम के अलावा, आईपी एंड टीएएफएस अधिकारी 23 डाक लेखा कार्यालयों (पीएओ) के माध्यम से डाक विभाग के वित्तीय संचालन का प्रबंधन करते हैं। वे डाक सेवाओं की सुचारू एवं जवाबदेह आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर भारत जैसे विशाल एवं विविधता वाले देश में। इस कैडर का मजबूत आंतरिक लेखापरीक्षा कार्य पूरे डाक प्रणाली में संचालनात्मक विश्वसनीयता और वित्तीय प्रशासन सुनिश्चित करता है।
आधुनिकीकरण एवं नवाचार
हाल के वर्षों में, इस कैडर ने नवीन तकनीकी समाधानों के माध्यम से डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने और सुव्यवस्थित करने के प्रयासों की अगुवाई की है, जिसमें आईटी-आधारित लेखा प्रणाली, पेंशन प्रबंधन उपकरण और राजस्व एवं व्यय संबंधी कार्यप्रणालियों को परिष्कृत करना शामिल है। इन पहलों ने डाक विभाग के वित्तीय सेहत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और देश भर में सेवाओं की आपूर्ति को बेहतर बनाया है।
यह 50वां स्थापना दिवस आईपी एंड टीएएफएस की उत्कृष्ट विरासत और तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग में इसके भविष्य पर चिंतन का एक क्षण है। लोक सेवा, वित्तीय प्रशासन और राष्ट्र निर्माण में उत्कृष्टता के प्रति इस कैडर की निरंतर प्रतिबद्धता भारत के दूरसंचार और डाक क्षेत्रों पर इसके स्थायी प्रभाव का प्रमाण है।
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एमजी/केसी/आर
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