विधि एवं न्याय मंत्रालय
नई न्याय संहिता
Posted On:
13 DEC 2024 5:19PM by PIB Delhi
नई न्याय संहिता त्वरित न्याय वितरण के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएं प्रदान करती है:
i. तेज़ और निष्पक्ष समाधान: नए कानून मामलों के तेज़ और निष्पक्ष समाधान का वादा करते हैं, जिससे कानूनी प्रणाली में विश्वास पैदा होता है। जांच और मुकदमे के महत्वपूर्ण चरणों को निर्धारित समय अवधि के अंदर पूरा किया जाना है - प्रारंभिक जांच (14 दिन में पूरी होनी है), आगे की जांच (90 दिन में पूरी होनी है), पीड़ित और आरोपी को दस्तावेज़ की आपूर्ति (14 दिन के अंदर), मुकदमे के लिए मामले की प्रतिबद्धता (90 दिन के अंदर), डिस्चार्ज के लिए आवेदन दाखिल करना (60 दिन के अंदर), आरोप तय करना (60 दिन के अंदर), निर्णय की घोषणा (45 दिन के अंदर) और दया याचिका दायर करना (राज्यपाल के समक्ष 30 दिन पहले और राष्ट्रपति के समक्ष 60 दिन पहले)।
ii. फास्ट-ट्रैक जांच: नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है, जिससे सूचना दर्ज होने के दो महीने के अंदर समय पर जांच पूरी होना सुनिश्चित किया जा सके।
iii. सीमित स्थगन: समय पर न्याय वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, मामले की सुनवाई में अनावश्यक देरी से बचने के लिए अदालतें अधिकतम दो स्थगन दे सकती हैं।
यह जानकारी कानून एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।
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