भारी उद्योग मंत्रालय
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
Posted On:
13 DEC 2024 3:32PM by PIB Delhi
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और देश में चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता और पहुँच सहित इलेक्ट्रिक गतिशीलता को अपनाने में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए निम्नलिखित योजनाएँ तैयार की हैं:
- भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और उनका विनिर्माण (फेम इंडिया) योजना चरण-II: सरकार ने 1 अप्रैल, 2019 से पाँच साल की अवधि के लिए इस योजना को लागू किया है, जिसके लिए कुल 11,500 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन दिया गया है। इस योजना के तहत ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-4डब्ल्यू, ई-बसों और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को प्रोत्साहित किया गया।
- भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना (पीएलआई-ऑटो): सरकार ने 23 सितंबर, 2021 को भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए इस योजना को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है, जिसका बजटीय परिव्यय ₹25,938 करोड़ है। इस योजना में न्यूनतम 50% घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के साथ एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।
- उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के लिए पीएलआई योजना: सरकार ने 12 मई, 2021 को ₹ 18,100 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ देश में एसीसी के विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावॉट घंटे की एसीसी बैटरियों के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
- पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना: 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली इस योजना को 29 सितंबर , 2024 को अधिसूचित किया गया था। यह दो साल की योजना है जिसका उद्देश्य ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-ट्रक, ई-बस, ई-एम्बुलेंस, ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों और वाहन परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन सहित इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन करना है।
- पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना : 28 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित इस योजना का परिव्यय ₹3,435.33 करोड़ है और इसका उद्देश्य 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती का समर्थन करना है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में ई-बस ऑपरेटरों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।
- भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 15 मार्च, 2024 को भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) अधिसूचित की गई थी। इसके लिए आवेदकों को न्यूनतम ₹4,150 करोड़ का निवेश करना होगा और तीसरे वर्ष के अंत में न्यूनतम 25% और पांचवें वर्ष के अंत में 50% का डीवीए हासिल करना होगा।
अन्य मंत्रालयों द्वारा उठाए गए कदमों में निम्नलिखित पहल शामिल हैं:-
- विद्युत मंत्रालय ने 17 सितंबर, 2024 को ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिशा-निर्देश और मानक जारी किए हैं, जिसका शीर्षक है, "इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024"। ये संशोधित दिशा-निर्देश देश में कनेक्टेड और इंटरऑपरेबल ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाने के लिए मानकों और प्रोटोकॉल को रेखांकित करते हैं। ये दिशा-निर्देश ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए बिजली कनेक्शन की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
- वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया है।
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी। एमओआरटीएच ने एक अधिसूचना जारी कर राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती लागत कम करने में मदद मिलेगी।
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने मॉडल बिल्डिंग उपनियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत निजी और वाणिज्यिक भवनों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह जानकारी भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दिया है।
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(Release ID: 2084197)