कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृष्णोन्नति योजना के तहत धनराशि वितरित की गई
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2024 5:02PM by PIB Delhi
पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) के तहत संबंधित राज्य के लिए अनुमोदित वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) के आधार पर अनुदान सहायता के रूप में राज्य सरकारों को धनराशि वितरित की जाती है। योजनाओं में परियोजना/बुनियादी ढांचे के तत्व और लाभार्थी उन्मुख घटक दोनों शामिल हैं। लाभार्थी घटक के लिए, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार नकद या वस्तु के रूप में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) हस्तांतरित करती हैं। व्यक्तिगत लाभार्थियों का डेटाबेस केवल राज्य स्तर पर बनाए रखा जाता है। दोनों योजनाओं को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। इस मंत्रालय द्वारा समय पर और पारदर्शी वितरण के लिए दिशानिर्देश और सलाह जारी की जाती हैं।
डीबीटी के माध्यम से किसानों को समय पर और पारदर्शी तरीके से धन हस्तांतरित करने के लिए, पीएम-किसान के तहत कई तकनीकी उपाय किए गए हैं, जिसमें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस), यूआईडीएआई और आयकर विभाग के साथ एकीकरण शामिल है। इसके अलावा, आधार आधारित भुगतान और ई-केवाईसी के साथ-साथ भूमि सीडिंग को अनिवार्य बनाया गया है। जब किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो उन्हें योजना का लाभ मिलता है और साथ ही उनकी यदि कोई बकाया किश्तें हों तो वो भी मिलती हैं। इन उपायों ने कार्यान्वयन की चुनौतियों का समाधान किया है। योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया जा चुका है।
पीएम-किसान योजना के तहत किसानों के सामने आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने एक विशेष शिकायत तंत्र "हेल्प डेस्क" जो किसानों के लिए शिकायतें करने का एक समर्पित मॉड्यूल है, विकसित किया है। इस मॉड्यूल को पीएम-किसान पोर्टल के "किसान कॉर्नर" के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिसके माध्यम से किसान की शिकायत सीधे संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारी को हस्तांतरित की जाती है। इसके अलावा किसानों को उनकी शंकाओं/समस्याओं के समाधान देने के लिए, एआई-आधारित किसान ई-मित्र चैटबॉट लॉन्च किया गया, जो चौबीसों घंटे किसानों के प्रश्नों का त्वरित, सटीक और स्पष्ट उत्तर देता है और वर्तमान में 11 भाषाओं में काम करता है, जिससे यह प्रणाली अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बन गई है। यह वेब, मोबाइल आदि सभी प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है। अब तक पोर्टल पर किसानों के 90 लाख से अधिक प्रश्नों का उत्तर दिया जा चुका है
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/पीएस
(रिलीज़ आईडी: 2083017)
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