शिक्षा मंत्रालय
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना के तहत 'सामग्री लागत' में हुई वृद्धि
Posted On:
09 DEC 2024 8:57PM by PIB Delhi
पीएम पोषण योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत 10.24 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बालवाटिका और कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले 11.70 करोड़ छात्रों को सभी स्कूली दिनों में एक बार गर्म पका हुआ भोजन परोसा जाता है। इस योजना का उद्देश्य पोषण सहायता प्रदान करना और छात्रों की स्कूलों में भागीदारी बढ़ाना है।
पीएम पोषण योजना के अंतर्गत, भोजन पकाने के लिए आवश्यक निम्नलिखित सामग्रियों की खरीद के लिए 'सामग्री लागत' प्रदान की जाती है:
सामग्री
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प्रति छात्र प्रति भोजन मात्रा
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बाल वाटिका एवं प्राथमिक
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उच्च प्राथमिक
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दाल
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20 ग्राम
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30 ग्राम
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सब्ज़ियां
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50 ग्राम
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75 ग्राम
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तेल
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5 ग्राम
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7.5 ग्राम
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मसाले
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आवश्यकतानुसार
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आवश्यकतानुसार
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ईंधन
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आवश्यकतानुसार
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आवश्यकतानुसार
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श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो, पीएम पोषण के लिए सीपीआई सूचकांक के अनुरूप उपभोक्ता मूल्य सूचकांक - ग्रामीण मजदूर (सीपीआई-आरएल) के आधार पर पीएम पोषण टोकरी के तहत इन वस्तुओं के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े प्रदान करता है और तदनुसार पीएम पोषण टोकरी के लिए सीपीआई सूचकांक तैयार किया गया है। सीपीआई-आरएल का निर्माण श्रम ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा देश के 20 राज्यों में फैले 600 गांवों के नमूने से मासिक मूल्य एकत्र करने के आधार पर किया जाता है।
श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 'सामग्री लागत' में 13.70 प्रतिशत की वृद्धि की है। 01.12.2024 से प्राथमिक और बाल वाटिका कक्षाओं के लिए सामग्री लागत 5.45 रुपये से बढ़ाकर 6.19 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 8.17 रुपये से बढ़ाकर 9.29 रुपये की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सामग्री लागत को संशोधित नहीं किया जा सका, इसलिए वित्तीय वर्ष 2022-23 (6.45 प्रतिशत) और वित्तीय वर्ष 2023-24 (6.74 प्रतिशत) दोनों के लिए पीएम पोषण बास्केट के तहत वस्तुओं के मुद्रास्फीति मूल्य को सामग्री लागत में वृद्धि के लिए माना गया है। इस वृद्धि के कारण वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार 425.62 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी।
नई दरें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। सामग्री लागत की ये दरें न्यूनतम अनिवार्य दरें हैं, हालांकि, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि कुछ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पीएम पोषण योजना के तहत संवर्धित पोषण के साथ भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से अपने न्यूनतम अनिवार्य हिस्से से अधिक योगदान कर रहे हैं।
सामग्री लागत के अलावा, भारत सरकार भारतीय खाद्य निगम के जरिए लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। भारत सरकार खाद्यान्न की 100% लागत वहन करती है, जिसमें प्रति वर्ष लगभग 9000 करोड़ रुपये की सब्सिडी और एफसीआई डिपो से स्कूलों तक खाद्यान्न की 100 प्रतिशत परिवहन लागत शामिल है। योजना के तहत खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने के बाद प्रति भोजन लागत बाल वाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए लगभग 11.54 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 16.74 रुपये आती है।
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