संस्‍कृति मंत्रालय
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नया राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन

Posted On: 09 DEC 2024 5:39PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पांडुलिपियों तक पहुंच को दस्तावेजित करने, संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए 10वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 2003 में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (एनएमएम) की स्थापना की। इस योजना का मूल्यांकन विशेषज्ञों की एक समिति ने किया था, जिसने मंत्रालय द्वारा व्यापक पहुंच और प्रत्यक्ष निगरानी के साथ इसे जारी रखने की सिफारिश की थी। राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के तहत एक इकाई के रूप में कार्य करता है, जिसके लिए संगठन को धन मुहैया कराया जाता है। एनएमएम पांडुलिपियों के संरक्षण और डिजिटलीकरण के लिए आईजीएनसीए के योगदान के साथ प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। डिजिटल पांडुलिपियों को https://www.pandulipipatala.nic.in पर अपलोड किया जाता है।

पांडुलिपियों के क्षरण की चुनौतियों से निपटने के लिए, एनएमएम संरक्षण के विभिन्न तरीकों का उपयोग करता है जैसे कि लेमिनेशन, पुनर्स्थापन और पांडुलिपियों का अम्ल-रहितीकरण। निवारक संरक्षण के विभिन्न पहलुओं के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। पांडुलिपि संसाधन केंद्र (एमआरसी) और पांडुलिपि संरक्षण केंद्र (एमसीसी) क्षेत्रीय और विषयगत संग्रह और संरक्षण अंतराल को संबोधित करते हैं।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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