सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
भारतमाला परियोजना का प्रभाव
Posted On:
05 DEC 2024 5:53PM by PIB Delhi
भारतमाला परियोजना को भारत सरकार द्वारा 34,800 किमी की लंबाई को आच्छादित करने के लिए लगभग 5.35 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसका उद्देश्य आर्थिक गलियारों, अंतर-गलियारों, फीडर मार्गों, राष्ट्रीय गलियारे की दक्षता में सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क, तटीय और बंदरगाह संपर्क सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण के माध्यम से देश में संपर्क में सुधार और रसद लागत को कम करना है, साथ ही इसमें शेष एनएचडीपी परियोजनाएँ भी शामिल हैं। दिनांक 31.10.2024 तक, कुल 26,425 किमी लंबाई वाली परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है और 18,714 किमी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस कार्यक्रम के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पर एक अध्ययन करने के लिए आईआईएम बेंगलुरु को नियुक्त किया गया है। यह अध्ययन प्रगति पर है।
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत परियोजनाएँ प्रत्येक परियोजना के लिए हस्ताक्षरित अनुबंध समझौते के प्रावधानों के अनुसार क्रियान्वित की जा रही हैं और कार्यान्वयन के दौरान प्राप्त सभी शिकायतों का निपटारा अनुबंध समझौते और मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर परियोजना कार्यान्वयन अक्सर कई चुनौतियों का सामना करता है जो परियोजनाओं के समय पर पूरा होने को प्रभावित करती हैं, जैसे कि निर्माण पूर्व होने वाली गतिविधियों में देरी, ठेकेदारों द्वारा सामना की जाने वाली वित्तीय समस्याएं, अप्रत्याशित घटनाएँ, और निर्माण सामग्री की कमी आदि। इन चुनौतियों को दूर करने और परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए, सरकार ने कई पहल की हैं। इनमें भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करना, तेजी से वन और पर्यावरणीय मंजूरी के लिए परिवेश पोर्टल को नया स्वरूप देना, रेलवे से आरओबी/आरयूबी के सामान्य व्यवस्था ड्राइंग (जीएडी) की ऑनलाइन स्वीकृति को सक्षम बनाना और राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के साथ विभिन्न स्तरों पर समीक्षा बैठकें करना शामिल है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा दी गई थी।
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(Release ID: 2081897)